
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने NEET UG 2025 की परीक्षा में तकनीकी बाधाओं से प्रभावित छात्रों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि 3 जून से पहले याचिका दायर करने वाले छात्रों की दोबारा परीक्षा ली जाए ।
यह फैसला उन छात्रों के पक्ष में आया है जो 4 मई को आंधी और बिजली गुल हो जाने के कारण अंधेरे में परीक्षा देने को मजबूर हुए थे। कोर्ट ने यह राहत केवल उन्हीं छात्रों को दी है । जिन्होंने आंसर शीट जारी होने से पहले याचिका दायर की थी । यानी उन छात्रों ने जिन्होंने 3 जून से पहले याचिका दी थी।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी NTA को यह आदेश दिया है कि वह मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2025 के उन उम्मीदवारों के फिर से एग्जाम करायें ,जिन्हें इंदौर और उज्जैन के केंद्रों पर बिजली गुल होने की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ा था । आपको बता दें कि 4 मई को नीट यूजी की परीक्षा के दौरान इंदौर और उज्जैन के केंद्रों पर आंधी और बिजली गुल हो जाने के कारण यह परीक्षार्थी ठीक से नीट का पेपर नहीं दे पाए थे ।
हाई कोर्ट ने NTA को यह दिये आदेश में कहा है कि वह परीक्षार्थी जिन्होंने आंसर शीट जारी होने के पहले यानी 3 जून से पहले याचिका दायर करने वाले छात्रों की दोबारा परीक्षा ले ।
कोर्ट ने कहा इन छात्रों को अनुच्छेद 14 के तहत हस्तक्षेप योग्य मामला बनाया है। क्योंकि असुविधा उनके कारण नहीं थी । एनटीए को निर्देश दिया गया है कि वह इन छात्रों की जल्द परीक्षा लेकर नए परिणाम जारी करें। 1 जुलाई से शुरू होने वाले काउंसलिंग में इन्हीं परिणाम को मान्य मानें।
और न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर ने प्रभावित छात्रों द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए एनटीए को आदेश दिया कि इसमें याचिका कर्ता कि कोई गलती ना होने के बावजूद उन्हें नुकसान उठाना पड़ा इसलिए दोबारा एग्जाम आवश्यक है ।
जिन छात्रों ने 3 जून के बाद याचिका दी ऐसे 35 से 40 छात्र हैं ।इन छात्रों को राहत नहीं मिल सकेगी ।
आपको बता दें कि नीट के माध्यम से ही देश भर में मेडिकल और डेंटल कॉलेज में छात्रों को एमबीबीएस बीडीएस कोर्स में प्रवेश मिलता है इसके अलावा BAMS, BHMS, BVHC ,BUMS, BSc Nursing जैसे कोर्सेज में भी इसी एग्जाम के माध्यम से दाखिला मिलता है।