
7 जुलाई 2025: चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ब्रिक्स के समिट में शामिल नहीं हुए । इसके अलावा यह भी देखा जा रहा है कि पिछले कुछ समय से वह सक्रिय राजनीति में भी नहीं है। उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी की कई जिम्मेदारियां दूसरे नेताओं को भी दे दी है । इसके बाद से यह चर्चाएं तेज हो गई हैं कि क्या चीन में सत्ता परिवर्तन हो सकता है । उन्होंने अचानक अपने अधिकार काम करने शुरू कर दिए हैं। पार्टी की पाॅलिटब्यूरो को ज्यादा ताकत दी जा रही है।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग करीब एक दशक से सत्ता में है। उनके राष्ट्रपति बनते ही उनके ही अनुसार 2018 में संविधान में परिवर्तन किया गया था । जिसमें यह कहा गया था कि कोई भी नेता दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं बन सकता । ऐसे में 2027 के नए चुनाव से पहले शी जिनपिंग सक्रिय राजनीति में शामिल दिखाई नहीं देते । जिससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि कि शी जिनपिंग क्या रिटायर होने वाले हैं या चीन में सत्ता परिवर्तन हो रहा है।
एक्सपर्ट्स की राय
शी जिनपिंग के अपने राष्ट्रपति रहने के दौरान ऐसा पहली बार हुआ है जब वह ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने नहीं गए जबकि कुछ एक्सपर्ट्स का यह मानना है कि शी जिनपिंग चीन की सरकार से संबंधित महत्वपूर्ण कार्यभार स्वयं पर रखेंगे ।वह पॉलिसी बनाने के लिए टॉप लेवल पर काम कर रहे हैं । वह नहीं चाहते कि कोई काम रुके। ऐसी स्थिति में वह कुछ काम अधिकारियों और नेताओं को सौंप रहे हैं।
नेतृत्व परिवर्तन की यह खबरें ऐसे समय आ रही हैं जब चीन की अर्थव्यवस्था खस्ता हाल हो चुकी है बेरोजगारी चरम पर है।
यहां रियल स्टेट सेक्टर का भी बुरा हाल है ।चीनी विश्लेषकों के अनुसार शी जिनपिंग अपने आप को सुपरमैन की छवि में घोषित कराना चाहते हैं । वे चाहते हैं कि लोग उनके शासनकाल को सम्मानजनक रूप से देखें। शायद यही वजह है की जिनपिंग धीरे-धीरे सत्ता के हिस्सा को छोड़ने की दिशा में कदम बढ़ा चुके हैं।
उन्होंने वर्षों पहले बहुत सारे अधिकार अपने पास रखे थे। किंतु अब पार्टी के अन्य सदस्यों कार्यभार सौंपने की तैयारी में है ।
यदि शी जिनपिंग वास्तव में सत्ता से हटते हैं तो यह 21वीं सदी के सबसे बड़े राजनीतिक घटनाक्रम में से एक होगा ।अब दुनिया की नजरें चीन पर टिकी होंगी ।क्योंकि चीन का हर फैसला पूरे विश्व स्तर पर एक नया प्रभाव लाता है।