
31 जुलाई 2025: मौलाना साजिद रशीदी ने पिछले दिनों सपा सांसद डिंपल यादव को मस्जिद पर पहनावे को लेकर जो अभद्र टिप्पणी की ।इस पर सपा कार्य कर्ताओं में आक्रोश बढ़ा।
मौलाना के इस आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद देश भर में आलोचना हुई । और उनके खिलाफ शिकायत भी दर्ज की गई।
यह आक्रोश उस समय एक हंगामे का रूप ले लिया। जब एक निजी न्यूज चैनल के स्टूडियो में मौलाना साजिद रशीदी को सपा पार्टी के नेताओं ने थप्पड़ मारा। एक टीवी न्यूज़ चैनल पर मौलाना रशीदी एक डिबेट में शामिल होने पहुंचे थे। इस डिबेट में समाजवादी युवा जनसभा के प्रदेश सचिव कुलदीप भाटी भी अपने साथियों के साथ पहुंचे थे ।डिबेट खत्म होने के बाद समाजवादी युवा जनसभा के प्रदेश सचिव कुलदीप मौलाना के करीब पहुंच जाते हैं और उन्हें थप्पड़ मारने लगते हैं ।जिससे वहां अफरा तफरी मच जाती है।
अब अखिलेश ने तोड़ी चुप्पी:
सांसद डिंपल यादव पर विवादास्पद टिप्पणी करने वाले मौलाना रशीदी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है । कहीं उनके खिलाफ FIR हो रही है तो कहीं सपा कार्यकर्ता उन्हें थप्पड़ मार रहे हैं अब इस मामले में मौलाना रशीदी भी फिर करने की तैयारी में है।
डिंपल यादव के खिलाफ बोलने पर अखिलेश यादव ने ज्यादा कुछ नहीं कहा ।उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा _कि मैं यह बिल्कुल भी नहीं चाहता कि ‘किसी के साथ भी कोई हिंसा हो’।
डिंपल पर कमेंट करने को लेकर मौलाना को सपा के कार्यकर्ताओं ने पीटा ।
मुस्लिम समाज के स्कॉलर नाजिम अशरफी का बयान :
मस्जिद के अंदर अखिलेश यादव डिंपल यादव और समाजवादी पेड़ पार्टी के कई नेताओं को लेकर जाने का मामला गहराता जा रहा है। पहले मौलाना साजिद रशीदी का बयान पर आपत्ति हुई और अब उनकी पिटाई के बाद मुस्लिम समाज के स्कॉलर की नाराजगी देखी जा रही है ।
नाजिम अशरफी ने कहा डिंपल यादव एक हिंदू है और किसी हिंदू का मस्जिद में जाना मना है ।इसके अलावा मौलाना साजिद रशीदी ने कोई ऐसी बात नहीं कही, जिस पर कोई कार्रवाई हो। उन्होंने अखिलेश यादव को चेतावनी देते हुए कहा कि मुसलमान को सॉफ्ट समझने की कोशिश ना करें। हमारे मौलवियों को अगर आप पिटवाओगे तो यह ठीक नहीं होगा । वह हमारे धर्मगुरु हैं उन पर हाथ उठाना ,यह हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।
अखिलेश यादव को हमारी जरूरत है हमें उनकी जरूरत नहीं है।
उसके बाद उन्होंने यह भी कहा मस्जिद जैसी पाक जगह को सियासी अखाड़ा क्यों बनाया गया । मुदुल नदवी साहब जो ईमाम है और सांसद भी हैं। समाजवादी पार्टी को उनका बॉयकॉट करना चाहिए और मौलाना रशीदी की पिटाई पर हम सहमत नहीं है। अखिलेश यादव को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।