आतंकवाद के खिलाफ भारत की हुंकार: पाक के ‘दोस्त’ चीन ने भी बदला रुख

ड्रैगन की नरम पड़ती आवाज

भारत की सैन्य ताकत और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति ने न केवल पाकिस्तान को हिलाकर रख दिया है, बल्कि उसके सबसे करीबी सहयोगी चीन को भी अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की ताबड़तोड़ कार्रवाई, जिसमें पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया, के बाद चीन ने पहली बार नरम रुख अपनाया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने की अपील की और आतंकवाद विरोधी भारत के रुख को परोक्ष रूप से समर्थन दिया। यह बदलाव वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती ताकत और कूटनीतिक दबाव का साफ संकेत है।
भारत की सटीक कार्रवाई
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान गई, ने भारत को कड़ा कदम उठाने के लिए प्रेरित किया। 6-7 मई की रात को शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना और सशस्त्र बलों ने बिना पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश किए 9 आतंकी ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया। इनमें जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैसे संगठनों के शिविर शामिल थे। सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में 90 से अधिक आतंकी मारे गए, जिसमें JeM का कुख्यात आतंकी रऊफ अजहर भी शामिल है।
भारत की S-400 सुदर्शन चक्र मिसाइल रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के जवाबी ड्रोन और मिसाइल हमलों को नाकाम कर दिया, जिससे भारत की तकनीकी और सैन्य श्रेष्ठता साबित हुई। इस कार्रवाई ने न केवल आतंकवाद को करारा जवाब दिया, बल्कि वैश्विक समुदाय को भारत की दृढ़ता का संदेश भी दिया।
चीन का बदला रुख: ड्रैगन की नरम पड़ती आवाज
पाकिस्तान का लंबे समय से समर्थक रहा चीन इस बार भारत की कार्रवाई के सामने नरम पड़ता दिखाई दे रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “चीन आतंकवाद के सभी रूपों का विरोध करता है। हम भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने और तनाव को बढ़ाने वाली कार्रवाइयों से बचने की अपील करते हैं। दोनों देशों को बातचीत और परामर्श के जरिए मतभेदों को सुलझाना चाहिए।”

यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि चीन ने पहले पाकिस्तान की “संप्रभुता” का समर्थन करते हुए भारत की कार्रवाई को “खेदजनक” बताया था। लेकिन भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा यह स्पष्ट करने के बाद कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ लक्षित कार्रवाई थी, जिसका मकसद भारतीय नियंत्रित कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को रोकना था, चीन को अपने रुख में बदलाव करना पड़ा।

चीन की यह अपील न केवल भारत की कूटनीतिक जीत है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि वैश्विक मंच पर आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष मजबूत हो रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “भारत ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। ऑपरेशन सिंदूर आतंकी संगठनों के खिलाफ था, न कि किसी देश के। हम सभी देशों से अपील करते हैं कि वे आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हों।”
पाकिस्तान की बौखलाहट और जवाबी कार्रवाइयां
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर कई बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया। बुधवार और गुरुवार को राजौरी, पुंछ और कुपवाड़ा में भारी गोलाबारी की गई, जिसमें 12 नागरिकों की मौत और 50 से अधिक लोग घायल हुए। पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने भारतीय जेट विमानों को मार गिराया और 50 भारतीय सैनिकों को मार डाला, लेकिन भारत ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि ऑपरेशन पूरी तरह आतंकी ठिकानों पर केंद्रित था।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत की कार्रवाई का बदला लेने की धमकी दी, लेकिन भारत की S-400 प्रणाली और सैन्य ताकत के सामने पाकिस्तान की कोशिशें नाकाम रहीं। भारतीय सेना ने गुरुवार सुबह लाहौर में पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली को निशाना बनाकर उसे भारी नुकसान पहुंचाया।

वैश्विक प्रतिक्रिया: भारत के पक्ष में बढ़ता समर्थन
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर वैश्विक समुदाय में भारत के पक्ष में समर्थन बढ़ रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देशों ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख की सराहना की है। हालांकि, तुर्की, अजरबैजान और कतर जैसे देशों ने पाकिस्तान का समर्थन करते हुए भारत की कार्रवाई पर चिंता जताई।
चीन की नरम पड़ती आवाज को विशेषज्ञ भारत की कूटनीतिक जीत के रूप में देख रहे हैं। रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल (रिटायर्ड) जीडी बख्शी ने कहा, “चीन को समझ आ गया है कि भारत अब पहले वाला भारत नहीं है। हमारी सैन्य और कूटनीतिक ताकत ने ड्रैगन को पीछे हटने पर मजबूर किया है।”
भारत की एकजुटता और पीएम मोदी का नेतृत्व
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर की बारीकी से निगरानी की और सभी दलों से एकजुटता की अपील की। गुरुवार को सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने कहा, “यह समय राष्ट्रीय एकता का है। हमारी सेना और सरकार आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा, “ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवादियों को साफ संदेश दिया है कि भारत उनकी हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेगा।”
जनता में भी देशभक्ति का जोश देखा जा रहा है। बिहार के एक दंपति ने अपने नवजात बच्ची का नाम “सिंदूरी” रखकर ऑपरेशन सिंदूर के प्रति सम्मान जताया। सोशल मीडिया पर लोग सेना और सरकार की कार्रवाई की सराहना कर रहे हैं।

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