
बाहरी अभिनेता को मौका देने की सलाह
रामानंद सागर की रामायण में भगवान राम का किरदार निभाकर घर-घर में पहचान बनाने वाले अभिनेता अरुण गोविल ने बॉलीवुड को लेकर एक चौंकाने वाला बयान दिया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में बॉलीवुड में कोई ऐसा अभिनेता नहीं है जो भगवान राम के किरदार को बड़े पर्दे पर पूरी तरह से जीवंत कर सके. अरुण गोविल ने सुझाव दिया कि यदि रामायण पर आधारित कोई नई फिल्म बन रही है तो इसके लिए किसी बाहरी अभिनेता को मौका देना चाहिए. उनके इस बयान ने बॉलीवुड और सिनेमा प्रेमियों के बीच नई चर्चा छेड़ दी है.
अरुण गोविल ने हाल ही में एक साक्षात्कार में यह बात कही. उन्होंने जोर देकर कहा कि भगवान राम का किरदार न केवल अभिनय की गहराई मांगता है बल्कि इसके लिए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समझ भी जरूरी है. उनके मुताबिक आज के दौर के ज्यादातर अभिनेताओं में वह गहराई और संवेदनशीलता नहीं दिखती जो इस पौराणिक किरदार को निभाने के लिए चाहिए. गोविल ने यह भी कहा कि रामायण जैसे महाकाव्य को पर्दे पर उतारना एक बड़ी जिम्मेदारी है और इसके लिए सही चेहरा चुनना बेहद जरूरी है.
उनके इस बयान ने सोशल मीडिया पर भी हलचल मचा दी है. कुछ लोग उनके विचारों से सहमत हैं और मानते हैं कि भगवान राम का किरदार निभाने के लिए असाधारण प्रतिभा की जरूरत है. वहीं कुछ प्रशंसकों ने इसे बॉलीवुड अभिनेताओं की प्रतिभा पर सवाल उठाने वाला बयान माना है. अरुण गोविल ने यह भी स्पष्ट किया कि वह किसी का अपमान नहीं करना चाहते लेकिन उनकी राय है कि इस किरदार के लिए नए चेहरों पर विचार करना चाहिए. उन्होंने बाहरी अभिनेताओं को मौका देने की बात पर जोर दिया ताकि किरदार में ताजगी और विश्वसनीयता लाई जा सके.
यह पहली बार नहीं है जब अरुण गोविल ने रामायण से जुड़े मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी हो. वह पहले भी कह चुके हैं कि रामायण को पर्दे पर उतारते समय उसकी पवित्रता और मूल भावना को बनाए रखना जरूरी है. उनके इस बयान के बाद अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वाकई कोई नया चेहरा भगवान राम का किरदार निभाएगा या फिर बॉलीवुड के बड़े सितारे इस चुनौती को स्वीकार करेंगे. यह बयान निश्चित रूप से फिल्म इंडस्ट्री में रामायण से जुड़ी परियोजनाओं पर नई बहस छेड़ने वाला है. आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बयान का असर अगली रामायण आधारित फिल्मों पर किस तरह पड़ता है.