एयर इंडिया प्लेन क्रैश की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में हुए कई चौंकाने वाले खुलासे!

12 जुलाई 2025: 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया का विमान टेकऑफ के 90 सेकंड के बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जिसमें 260 लोगों की जान चली गई । इस हादसे में 229 यात्री 12 क्रू मेंबर और मेडिकल हॉस्टल के 19 लोग की जान चली गई। इस हादसे से पीड़ित परिवार अभी तक उबर नहीं पाए।
विमान हादसों की जांच करने वाली एजेंसी एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो AAIB ने इस हादसे पर 15 पन्नों की एक रिपोर्ट पेश की है। जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। आईए जानते हैं इस रिपोर्ट में क्या क्या बातें सामने आई है।

AAIB की रिपोर्ट में सामने आया है टेक ऑफ के दौरान दोनों इंजनों के फ्यूल कट ऑफ स्विच गलती से बंद हो गए थे।

प्रारंभिक जांच में रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि विमान के दोनों इंजन में फ्यूल की सप्लाई बंद हुई है ।
रिपोर्ट में कहा गया है की उड़ान भरने के बाद जैसे ही विमान नीचे आया। सबसे पहले वह पेड़ों से टकराया ,इसके बाद मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिर गया।
12 जून को अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान के हादसे को लेकर विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो ने प्रारंभिक रिपोर्ट पेश की है ।15 पन्नों की इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है एयर इंडिया का बोइंग 787 – 8 विमान 12 जून को जब अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने लगा ,तो टेकऑफ के 3 सेकंड के बाद ही इंजन की आपूर्ति बंद हो गई। इंजन की आपूर्ति बंद होते ही 29 सेकंड के बाद विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया ।

हादसे से पहले दोनों पायलटो के बीच क्या बातचीत हुई?

रिपोर्ट में वॉइस रिकॉर्डर में पायलट और को पायलट के बीच की बातचीत को भी शामिल किया गया है ।
पायलट सुमित सभरवाल और को पायलट क्लाइव कुंदन की बातचीत वॉइस रिकॉर्डर में रिकॉर्ड हुई है ।जिसमें यह बताया गया है कि पायलट सुमित सभरवाल ने अपने को पायलट क्लाइव कुंदन से सवाल किया कि तुमने इंजन क्यों बंद किया । इसके जवाब में को पायलट ने जवाब दिया कि मैं ऐसा नहीं किया। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह एक संभावित तकनीकी खराबी हो सकती है ।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है फ्लैट सेटिंग और गैर उड़ान भरने के समय सामान्य थे किंतु दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच रन स्थिति में पाए गए। रिवर्सल लीवर मुड़े हुए थे ।लेकिन स्टॉप स्थिति में नीचे की ओर थे ।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है। कि विमान ने 12 जून को दोपहर 1:39 बजे रनवे से उड़ान भरी थी।

दीवान का आखिरी सिग्नल 625 फीट की ऊंचाई पर मिला जो उड़ान भरने के तुरंत बाद आया था पायलट ने मेडे मेडे की कॉल भेजी थी । इस पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद आपात प्रतिक्रिया दल को सक्रिय कर दिया गया ।

ईंधन में खराबी की नहीं हुई पुष्टि

रिपोर्ट के अनुसार हादसे से पहले विमान में डाला गया ईंधन भी पूरी तरह मानकों के अनुरूप पाया गया।
फ्यूल ब्राउज़र और टैंको से लिए सैंपल्स को डीजीसीए की लैब में भी जांचा गया जिसमें सभी सैंपल मानकों के अनुरूप पाए गए। जिससे यह पता चलता है कि ईंधन की गुणवत्ता में कोई खराबी नहीं थी।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विमान एयरपोर्ट की दीवार पार करते ही नीचे आने लगा। इस समय विमान में 54,200
किलोग्राम फ्यूल था और टेक ऑफ वजन 213401 किलोग्राम रहा ।जांच एजेंसी ने किसी तोड़फोड़ या पक्षी के टकराने की आशंका से भी इनकार किया है ।

बोइंग विमान के लिए फिलहाल कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है

बोइंग विमान के लिए फिलहाल चेतावनी जारी नहीं की गई ।
जांच में विमान के देखरेख और रखरखाव में कोई बड़ी लापरवाही सामने नहीं आई है। जांच एजेंसी ने यह साफ किया है कि बोइंग 787 – 8 इंजन ऑपरेटर के लिए कोई सुरक्षा की चेतावनी जारी नहीं की गई है।

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