
19 जुलाई 2025: अहमदाबाद से लंदन के लिए जा रही एयर इंडिया के बोइंग 787- 8 टेक ऑफ के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया । किंतु दुर्घटनाग्रस्त होने के कई सप्ताह के बाद भी कई सवाल अभी भी मंडरा रहे हैं।
विमान दुर्घटना जांच बोर्ड की प्रारंभिक रिपोर्ट में यह बताया है कि विमान की उड़ान भरने की गति पर पहुंचते ही दोनों ईंधन स्विच एक साथ बंद हो गए ।
जांच रिपोर्ट में कॉकपिट की वॉइस रिकॉर्डिंग में दोनों पायलटो की बातचीत रिकॉर्ड हुई है। जिसके अनुसार फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर को कैप्टन सुमित सभरवाल से यह पूछते सुना गया कि उन्होंने ईंधन की सप्लाई क्यों बंद की इस पर कैप्टन सभरवाल ने जवाब दिया कि उन्होंने ऐसा नहीं किया रिपोर्ट में बताया गया कि टेकऑफ के तुरंत बाद दोनों इंजनों के ईंधन कंट्रोल स्विच रन से कट ऑफ हो गए।
एक अन्य रिपोर्ट में यह भी कहा गया की उड़ान भर रहे पायलट ने अपना सवाल दोहराया।
हालांकि रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं है कि सवाल किसने पूछा था।
बेहद अनुभवी थे दोनों पायलट:
कैप्टन सुमित सभरवाल एक अनुभवी पायलट थे इनके पास 15638 घंटे का उड़ान अनुभव था इसमें से 8596 घंटे बोइंग 787 को उड़ाने पर था यह 56 वर्षीय कैप्टन बेहद अनुभवी पायलट थे।
इसके अलावा दूसरे पायलट जो 32 वर्ष के द फर्स्ट ऑफिसर लाइव कुंदन के पास 3404 घंटे का उड़ान अनुभव था। इसमें से 1128 घंटे बोइंग 787 पर सहपाल पायलट के रूप में अनुभव था कुंदर की मां भी एयर इंडिया में 3 दशकों तक फ्लाइट अटेंडेंट थी।
US सुरक्षा एजेंसी की जांच जारी:
US सुरक्षा एजेंसी की जांच अभी जारी है और विशेषज्ञों का कहना है कि पूरी जांच होने में 1 साल या इससे अधिक का समय लग सकता है। इसलिए इस बीच अनुमान लगाने से बचें।
अमेरिका की NTSB नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड के अध्यक्ष जेनिफर होमेंडी ने ने बताया कि कोई भी रिपोर्ट जल्दबाजी में नहीं दी जा सकती । इसलिए जांच पूरी होने तक संयम बरतना जरूरी है।
बताया जा रहा है कि एयर इंडिया फ्लाइट के भीषण हादसे की प्रारंभिक जांच में विदेशी मीडिया ने पायलट पर गंभीर आरोप लगाए थे।।
भारतीय पायलट संघ का विरोध:
अमेरिका की ब्लूमबर्ग और वॉल स्ट्रीट जर्नल जैसी मीडिया ने यह भ्रम फैलाने की कोशिश करी की कैप्टन सुमित अग्रवाल ने फ्यूल कंट्रोल स्विच को कट ऑफ पोजीशन में डाल दिया था जबकि भारत की विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो AAIB ने इस रिपोर्ट को गैर जिम्मेदार आना बताते हुए इस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया और आप प्रमाणित रिपोर्टिंग करते हुए इसकी कड़ी निंदा की।
विदेशी मीडिया ने प्रारंभिक जांच में पायलट पर गंभीर आरोप लगाए।
वहीं भारतीय पायलट फेडरेशन के अध्यक्ष सी एस रंधावा ने कहा अगर प्रारंभिक रिपोर्ट के महत्वपूर्ण अंश साझा किए होते तो यह अटकलें रोकी जा सकती थी ।उन्होंने कहा पायलट प्रशिक्षित और जिम्मेदार होते हैं। AI-171 के क्रू मेंबर्स ने अपनी आखिरी सांस तक यात्रियों को बचाने की कोशिश की । उन्हें सम्मान मिलना चाहिए । ना कि बिना आधार की आलोचना करनी चाहिए।