
2 मिनट का मौन, नेताओं ने जताई एकजुटता, कड़े कदमों पर चर्चा
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए भीषण आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई, को लेकर गुरुवार, 25 अप्रैल 2025 को संसद भवन में सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की शुरुआत हमले में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देने के लिए 2 मिनट के मौन के साथ हुई। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, और विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता शामिल हुए। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी गृह मंत्री के विशेष निमंत्रण पर बैठक में मौजूद थे। यह खबर वेबसाइट पर प्रकाशन के लिए कॉपीराइट मुक्त है और बिना किसी बदलाव के उपयोग की जा सकती है।
बैठक का उद्देश्य और माहौल
सर्वदलीय बैठक का मुख्य उद्देश्य पहलगाम हमले के बाद उत्पन्न स्थिति पर चर्चा करना और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रुख अपनाने की रणनीति तैयार करना था। बैठक में सभी दलों ने हमले की कड़ी निंदा की और इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बताया। नेताओं ने हमले में मारे गए 26 लोगों, जिनमें दो विदेशी (नेपाल और UAE) और दो स्थानीय लोग शामिल थे, के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सरकार आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई कर रही है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे। गृह मंत्री अमित शाह ने सभी दलों से सुझाव मांगे और कहा कि यह राष्ट्रीय एकता का समय है।
ओवैसी की उपस्थिति और छोटी पार्टियों का मुद्दा
AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने बैठक में शामिल होने से पहले छोटी पार्टियों को निमंत्रण न देने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा कि एक सांसद वाली पार्टियों को भी शामिल करना चाहिए, क्योंकि यह राष्ट्रीय मुद्दा है। गृह मंत्री अमित शाह के फोन कॉल के बाद ओवैसी दिल्ली पहुंचे और बैठक में हिस्सा लिया। उन्होंने हमले को “खुफिया विफलता” करार देते हुए सरकार से जवाबदेही और सख्त कार्रवाई की मांग की।
पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि
पहलगाम के बैसारन मीडोज में हुए इस हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया। आतंकियों ने 2000 से अधिक पर्यटकों की मौजूदगी के बावजूद इस कायराना हमले को अंजाम दिया, जिसे सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक माना जा रहा है। हमले की जिम्मेदारी एक आतंकी संगठन ने ली, जिसके तार पाकिस्तान से जुड़े होने की आशंका है। इस घटना ने भारत-पाकिस्तान संबंधों को और तनावपूर्ण बना दिया है।
भारत के सख्त कदम
हमले के बाद भारत ने कई बड़े फैसले लिए, जिनमें शामिल हैं:
इंदस जल संधि का निलंबन: भारत ने 1960 की संधि को तोड़कर पाकिस्तान को पानी की आपूर्ति रोकने का फैसला किया।
पाकिस्तानी नागरिकों पर रोक: सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 72 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश।
सांस्कृतिक और खेल प्रतिबंध: पाकिस्तानी कलाकारों और खिलाड़ियों पर पूर्ण पाबंदी, जिसमें फवाद खान की फिल्म ‘अबीर गुलाल’ की रिलीज भी रद्द की गई।
X अकाउंट ब्लॉक: पाकिस्तान सरकार का आधिकारिक X अकाउंट भारत में ब्लॉक।
इन कदमों ने पाकिस्तान को बौखला दिया, और उसने इसे “युद्ध का न्योता” करार देते हुए धमकी दी।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और एकता का संदेश
बैठक में कांग्रेस, RJD, TMC, और अन्य विपक्षी दलों ने सरकार के साथ एकजुटता दिखाई, लेकिन सुरक्षा चूक पर सवाल भी उठाए। कांग्रेस ने अपनी कार्य समिति (CWC) की बैठक में हमले की निंदा की और इसे “राष्ट्रीय त्रासदी” बताया। RJD नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकार को आतंकियों के पीछे खुफिया एजेंसियों को लगाना चाहिए था।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि उनकी पार्टी ने 22 अप्रैल को ही सर्वदलीय बैठक की मांग की थी, और सरकार ने इसे स्वीकार किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैठक में शामिल होंगे।