
प्रयागराज की बेटी अनामिका शर्मा ने थाईलैंड में 12 हजार फीट की ऊंचाई से स्काईडाइविंग कर भारत का मान बढ़ाया. उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का झंडा लहराकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया. यह छलांग न केवल उनकी हिम्मत और समर्पण को दर्शाती है बल्कि भारतीय संस्कृति और गौरव को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करती है. अनामिका ने इससे पहले भी राम मंदिर और महाकुंभ के झंडे के साथ स्काईडाइविंग कर सुर्खियां बटोरी थीं.
ऑपरेशन सिंदूर एक प्रतीकात्मक पहल है जो भारतीय संस्कृति और एकता को बढ़ावा देती है. अनामिका ने इस अभियान के झंडे को थाईलैंड के आकाश में लहराकर विश्व भर में इसका संदेश पहुंचाया. उनके इस कदम ने न केवल स्थानीय लोगों बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भी खींचा. अनामिका ने बताया कि यह छलांग उनके लिए गर्व का क्षण था और वे भारत की सांस्कृतिक धरोहर को विश्व पटल पर ले जाना चाहती हैं.
अनामिका शर्मा भारत की सबसे कम उम्र की सी-लाइसेंस प्राप्त स्काईडाइवर हैं. उन्होंने स्काईडाइविंग के क्षेत्र में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं. प्रयागराज की रहने वाली अनामिका ने अपनी मेहनत और जुनून से यह साबित किया है कि उम्र और परिस्थितियां सपनों के आड़े नहीं आतीं. उनकी इस उपलब्धि ने युवाओं, खासकर महिलाओं को साहसिक खेलों में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है. अनामिका का कहना है कि वे अपने इस सफर को और आगे ले जाना चाहती हैं.
अनामिका की इस छलांग ने भारत की सांस्कृतिक और साहसिक भावना को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित किया. थाईलैंड में उनकी इस उपलब्धि को स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भी सराहा. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में अनामिका को ऑपरेशन सिंदूर का झंडा लहराते देखा गया, जिसने देशवासियों में गर्व की भावना जगाई. यह पहल भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ-साथ वैश्विक एकता का संदेश भी देती है.
प्रयागराज के लिए यह गर्व का क्षण है कि उनकी बेटी ने विदेशी धरती पर भारत का नाम रोशन किया. अनामिका की इस उपलब्धि ने न केवल उनके शहर बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है. स्थानीय लोग और प्रशासन ने उनकी इस उपलब्धि की सराहना की है. अनामिका ने कहा कि वे भविष्य में भी ऐसी उपलब्धियों के माध्यम से भारत का नाम ऊंचा करती रहेंगी. उनकी इस छलांग ने युवाओं को बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने की प्रेरणा दी है.