Assam की सियासी जंग Himanta Biswa Sarma बनाम Gaurav Gogoi किसका बजेगा डंका ?

असम में बीजेपी का शासन है…बीजेपी के फायर ब्रांड सीएम हेमंता विस्वा सरमा का यहां राज चलता है…अपने अंदाज में …अपने अंदाज में का मतलब है कुछ मुद्दों पर उनके फंडामेंटल्स बिल्कुल क्लीयर हैं….और वो उसमें किसी तरह का कोई समझौता भी नहीं करते….अभी यहां पंचायत चुनाव के नतीजों के बाद से बीजेपी के हौसले बुलंद हैं….बीजेपी के शानदार प्रदर्शन ने सीएम हेमंता सरमा को भी खुश कर दिया है…अगले साल असम में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं….जिसके लिए अभी से सियासी बिसात बिछाई जाने लगी है…. गौरव गोगोई और सीएम हेमंता की छत्तीसी ने सियासत को गर्मा रका है…इधर कांग्रेस के गौरव गोगोई को पार्टी की कमान ऐसे समय मिली है, जब पार्टी की हालत बेहद खराब स्तर पर है. 2024 के लोकसभा चुनाव में असम की 14 सीट में से 3 सीट ही कांग्रेस जीत सकी है. जबकि पिछले साल हुए विधानसभा उपचुनावों में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था….सभी पांचों सीटें हार गई थी और हाल ही में हुए पंचायत चुनावों में भी पंजे का प्रदर्शन खराब रहा था. ऐसे में गोगोई को प्रदेश अध्यक्ष बनाने का फैसला करके एक टफ टास्क दे दिया है…..आपने गौर किया होगा पिछले कई महीनों से सीएम हिमंता बिस्वा सरमा कांग्रेस के लोकसभा सांसद गौरव गोगोई के खिलाफ लगातार निजी हमले कर रहे और उनको पाकिस्तान परस्त तक बताने में कोई कसर नहीं छोड़ी…बावजूद इसके कांग्रेस ने 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले अपने युवा चेहरे गौरव गोगोई को असम का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर सीधे हिमंता को चुनौती देने का मैसेज पहुंचाया है… गौरव गोगोई के साथ कांग्रेस ने तीन कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बनाए हैं….इस तरह गोगोई टीम से एक बात साफ है कांग्रेस को गंभीरता के साथ चुनाव ही नहीं लड़ना, बल्कि 10 साल के सियासी वनवास को भी खत्म करना है….गोगोई को प्रदेश संगठन की बागडोर सौंपने का फैसला लिया गया… अपने युवा चेहरों के दम पर हिमंता जैसे बीजेपी के नेताओं की आक्रामक जवाब देने का मन बनाया है…सियासत की जमीन पर उसी अंदाज में मुकाबला करने की तैयारी है…तो क्या इससे कांग्रेस ने हेमंता को सीधा संदेश देने की कोशिश की है….जीहां बिल्कुल…तो ऐसे में अब असम में 2026 में होने वाला विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प होने जा रहा है….और जिसकी पटकथा अब लिखी जा चुकी है. फिलहाल हिमंत विस्वा और गौरव गोगोई के बीच जुबानी जंग जारी है….आये दिन वार पलटवार सुनने को मिलते हैं…हिमंत लगातार गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ के पाकिस्तान से कथित संबंधों को लेकर तीखे हमले करते हैं …हिमंत बिस्वा सरमा ने गौरव गोगोई और उनकी पत्नी एलिजाबेथ, जो ब्रिटिश मूल की हैं, उन पर आईएसआई से संबंध होने का आरोप लगाया है. फरवरी में उन्होंने मामले की जांच के लिए एसआईटी भी गठित की थी…तो वहीं, गौरव गोगोई भी हिमंता और उनकी पत्नी के कथित भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर बेहद मुखर हैं. गोगोई ने लगाार हिमंता और उनकी पत्नी रिनिकी भुयान सरमा पर कई मौकों पर राज्य में जमीन हड़पने और भ्रष्टाचार में शामिल होने का भी आरोप लगाया हैं. ऐसे में कांग्रेस ने गौरव गोगोई को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर हिमंत को सीधे संदेश दिया है. इसके साथ ही ये भी बात साफ हो गई है कि सीएम हिमंत और गौरव गोगोई के बीच चल रही आरोपों-प्रत्यारोपों की तीखी जंग निजी भी है…..और सियासी भी….दरअसल, हिमंत विस्वा सरमा और गोरव गोगोई की सियासी अदावत बहुत पहले से ही चली आ रही है, जब हिमंत कांग्रेस में हुआ करते थे. हिमंत विस्वा सरमा भी कांग्रेस के बड़े नेता हुआ करते थे और गौरव गोगोई के पिता तरुण गोगोई के नेतृत्व में ही आगे बढ़े हैं. ऐसे में गौरव गोगोई सियासत में एंट्री करने के साथ ही हिमंत की चिंताएं बढ़ गई थी. तत्कालीन सीएम तरुण गोगोई ने अपने बेटे गौरव गोगोई को आगे बढ़ाया और सियासी छवि को मजबूत करने लगे तो हिमंता ने उन पर परिवारवाद की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस पार्टी छोड़ दी. इसके बाद बीजेपी का दामन थाम लिया, लेकिन गौरव गोगोई से अदावत को जारी रखा. ऐसे में कांग्रेस ने गौरव गोगोई को प्रदेश अध्यक्ष की कमान की कमान सौंपकर साफ कर दिया है कि हिंमत के खिलाफ आक्रामक तरीके से मुकाबाला करेगी.
कांग्रेस ने ऐसे में सियासी समीकरण साधते हुए…गौरव गोगोई को असम की जिम्मेदारी सौंपी है…. असम में मुस्लिम, आदिवासी, बंगाली हिंदू, असमिया ब्राह्मणों की आबादी सबसे ज्यादा है. इन्हीं चारों जातियों के इर्द-गिर्द असम की सियासत सिमटी हुई है. लेकिन असम की 30 फीसदी मुस्लिम आबादी मायने रखती है…तीन अन्य नियुक्तियों में रोसलिना टिर्की अनुसूचित जनजाति के नेता हैं, चाय बागवान में काम करने वाले हैं. प्रदीप सरकार बंगाली हिंदू हैं जबकि गौरव गोगोई असम के ब्राह्मण समाज से आते हैं. कांग्रेस ने टीम गोगोई के जरिए सियासी समीकरण को साधने की पूरी कोशिश की है… कांग्रेस ने गौरव गोगोई के चेहरे पर ही असम की चुनावी जंग फतह करने की तैयारी भी की है. गोरव गोगोई को बागडोर सौंपकर और वरिष्ठ नेताओं को साधकर कांग्रेस 2026 के विधानसभा चुनाव के लिए मजबूत समीकरण सेट किए हैं. असम में धारणा है कि वह हिमंत सरमा और बीजेपी का मुकाबला गौरव गोगोई ही कर सकते हैं. ऐसे में गौरव गोगोई को पार्टी ने अहम रोल दिया. जिससे कांग्रेस की राजनीति को धार मिलेगी…. सरमा का अपना सियासी ग्राफ है. जबकि गोगोई काफी लोकप्रिय हैं..तो ये तय है कि असम का चुनावी मुकाबला हिमंत विस्वा सरमा बनाम गौरव गोगोई के बीच होने जा रहा है….

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