रोहित शर्मा और विराट कोहली को लेकर BCCI पर उठे बड़े सवाल

भारतीय क्रिकेट में एक बार फिर तूफान खड़ा हो गया है। दो दिग्गज खिलाड़ी, रोहित शर्मा और विराट कोहली, को लेकर सनसनीखेज खुलासे ने प्रशंसकों और क्रिकेट पंडितों को हैरान कर दिया है। खबर है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के कुछ फैसलों ने इन दोनों सुपरस्टार्स के साथ अन्याय किया है, जिसके चलते उनके टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। यह विवाद न केवल क्रिकेट जगत में हलचल मचा रहा है, बल्कि प्रशंसकों के बीच भी गुस्से और निराशा की लहर पैदा कर रहा है। आइए, इस खबर के हर पहलू को गहराई से समझते हैं।

क्या है पूरा विवाद?

हाल ही में सामने आई जानकारी के मुताबिक, रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की, जिसने उनके करोड़ों प्रशंसकों को सदमे में डाल दिया। सूत्रों का दावा है कि BCCI ने रोहित को टेस्ट टीम में एक आखिरी मौका देने से इनकार कर दिया, जिसके चलते वे आहत हुए और उन्होंने यह बड़ा फैसला लिया। दूसरी ओर, विराट कोहली के साथ भी कुछ ऐसा ही व्यवहार हुआ। खबरों के अनुसार, विराट को वनडे कप्तानी से हटाने के बाद बोर्ड ने उन्हें टेस्ट क्रिकेट में भी वह सम्मान नहीं दिया, जिसके वे हकदार थे। इन दोनों खिलाड़ियों के साथ BCCI के रवैये ने सवाल खड़े किए हैं कि क्या बोर्ड दिग्गजों की अनदेखी कर नई पीढ़ी को बढ़ावा देने की जल्दबाजी में है?

रोहित और विराट: भारतीय क्रिकेट के दो स्तंभ

रोहित शर्मा और विराट कोहली ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। रोहित, जिन्हें ‘हिटमैन’ के नाम से जाना जाता है, ने अपनी कप्तानी में भारत को कई यादगार जीत दिलाईं, जिसमें T20 विश्व कप 2024 की ट्रॉफी भी शामिल है। वहीं, विराट कोहली ने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी और नेतृत्व से भारत को टेस्ट क्रिकेट में नंबर-1 बनाने में अहम भूमिका निभाई। दोनों खिलाड़ी 2008 से ड्रेसिंग रूम साझा कर रहे हैं और एक-दूसरे के सबसे बड़े समर्थक रहे हैं। ऐसे में, उनके साथ हुए इस कथित अन्याय ने प्रशंसकों का दिल तोड़ दिया है।

BCCI पर क्यों उठ रहे हैं सवाल?

सूत्रों के हवाले से पता चला है कि BCCI ने रोहित और विराट को टेस्ट क्रिकेट में पर्याप्त मौके नहीं दिए। रोहित को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में शामिल न करने का फैसला उनके लिए अपमानजनक साबित हुआ। वहीं, विराट कोहली को भी बोर्ड ने यह संदेश दिया कि उनकी जगह अब युवा खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रशंसकों का मानना है कि इन दोनों दिग्गजों को बिना किसी विदाई मैच के बाहर करना क्रिकेट के प्रति उनके योगदान का अपमान है। कुछ लोग इसे BCCI की ‘पुरानी पीढ़ी को हटाने’ की रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे बोर्ड की गलत प्राथमिकताओं का नतीजा बता रहे हैं।

प्रशंसकों का गुस्सा और भावनाएं

रोहित और विराट के प्रशंसक इस खबर से गहरे आहत हैं। कई प्रशंसकों ने BCCI पर दिग्गजों के साथ पक्षपात का आरोप लगाया है। एक प्रशंसक ने लिखा, “रोहित और विराट जैसे खिलाड़ी, जिन्होंने भारत का नाम रोशन किया, उनके साथ ऐसा व्यवहार शर्मनाक है।” एक अन्य प्रशंसक ने कहा, “BCCI को समझना चाहिए कि क्रिकेट सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि सम्मान और भावनाओं का भी खेल है।” यह विवाद अब केवल क्रिकेट तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह एक भावनात्मक मुद्दा बन चुका है, जो प्रशंसकों को एकजुट कर रहा है।

सहयोगी खिलाड़ियों की चुप्पी

इस पूरे विवाद में सबसे हैरानी की बात यह है कि भारतीय टीम के अन्य खिलाड़ी और कोचिंग स्टाफ ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। कोई भी खिलाड़ी या कोच खुलकर रोहित और विराट के समर्थन में नहीं बोला, जिससे प्रशंसकों में और ज्यादा नाराजगी देखी जा रही है। कुछ लोग इसे ड्रेसिंग रूम में एकता की कमी के तौर पर देख रहे हैं, जबकि अन्य का मानना है कि खिलाड़ी BCCI के दबाव में हैं।

रोहित और विराट का भविष्य

रोहित शर्मा ने भले ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया हो, लेकिन वे अभी भी वनडे और T20 फॉर्मेट में खेल सकते हैं। वहीं, विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की खबरें अभी पुष्ट नहीं हुई हैं, लेकिन माना जा रहा है कि रोहित के इस फैसले से आहत विराट भी जल्द ही टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह सकते हैं। दोनों खिलाड़ी IPL में अपनी-अपनी फ्रेंचाइजी के लिए खेलते रहेंगे, लेकिन उनके प्रशंसक यह चाहते हैं कि BCCI उन्हें वह सम्मान दे, जिसके वे हकदार हैं।

क्रिकेट में विदाई का महत्व

भारतीय क्रिकेट में दिग्गजों की विदाई हमेशा से एक भावनात्मक पल रहा है। सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीरेंद्र सहवाग जैसे खिलाड़ियों को उनके आखिरी मैच में सम्मानजनक विदाई दी गई थी। लेकिन रोहित और विराट के साथ ऐसा नहीं होने से प्रशंसक खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि BCCI को इस मामले में पारदर्शिता बरतनी चाहिए और दोनों खिलाड़ियों को उनके योगदान के लिए उचित सम्मान देना चाहिए।

क्या बदलेगी BCCI की नीति?

यह विवाद BCCI के लिए एक सबक हो सकता है। बोर्ड को यह समझना होगा कि दिग्गज खिलाड़ियों का सम्मान न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे क्रिकेट समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है। भविष्य में BCCI को ऐसी नीतियां बनानी होंगी, जो युवा और अनुभवी खिलाड़ियों के बीच संतुलन बनाए रखें। साथ ही, प्रशंसकों की भावनाओं का भी ध्यान रखना होगा, क्योंकि क्रिकेट भारत में सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि एक धर्म है। रोहित और विराट जैसे खिलाड़ियों ने इस धर्म को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है, और उनकी विरासत को सम्मान देना BCCI की जिम्मेदारी है।

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