
8 जुलाई 2025: बिहार के पूर्णिया जिले में एक गांव में अंधविश्वास के चलते गांव के लोगों की भीड़ ने एक ही परिवार के पांच लोगों को जिंदा जला दिया। गांव वालों का यह आरोप है कि इस परिवार में झाड़ फूंक करके बच्चों को निशाना बनाया जाता है। गांव वालों ने परिवार के महिला के डायन होने पर, टोना टोटका के शक में परिवार के पांच लोगों को जिंदा जला दिया। इसके बाद शव को बोरे में भरकर तालाब में फेंक दिया।
मृतकों में बाबूलाल उरांव पत्नी सीता देवी , बेटा मनजीत उरांव ,मां कांतो देवी और बहू रानी देवी हैं। परिवार का एक बच्चा जान बचाकर भाग गया। और पुलिस को घटना के बारे में बताया। पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है ।
झाड़ फूंक के शक ने ली परिवार की जान
लोगों का कहना है कि बाबूलाल का परिवार झाड़-फूंक करता था ।और बाबूलाल की पत्नी सीता पर डायन होने का शक था। लोग कुछ साल से सीता को डायन कह कर प्रताड़ित भी कर रहे थे। हाल ही में कुछ माह पहले गांव में चार-पांच बच्चों की मौत हुई तो लोगों को शक हुआ कि सीता ने ही सबको मारा है । इस घटनाक्रम के बाद सीता की कुछ ग्रामीणों से कहा सुनी भी हुई थी । इसके बाद रात 10:00 बजे 40 से 50 लोग सीता के घर पहुंचे और सीता समेत परिवार के सभी सदस्यों से मारपीट की। फिर सभी लोगों पर पेट्रोल डालकर जिंदा दिया।
परिवार के एक बच्चे ने भाग कर बचाई जान
परिवार के एक बच्चे का कहना है कि मैंने पूरे परिवार को जलते हुए देखा और खुद भाग कर जान बचाई।
और पुलिस को सूचना दी ।
उसने बताया कि मेरे पिता बाबूलाल उरांव को गांव वालों ने बुरी तरह पीटा फिर भाभी-भाई और मां और दादी से मारपीट की । रात 1:00 बजे मेरे पिता मां ,भाई ,भाभी और दादी को रस्सी से बांध दिया और पेट्रोल डालकर आग लगा दी। मैंने यह सब अपनी आंखों से सभी को जिंदा जलते देखा। तभी वहां मौजूद एक महिला ने मुझसे कहा कि तुम यहां से भाग जाओ और मैं वहां से भाग कर चला गया ।
इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।शवों को ट्रैक्टर पर लादकर ले जाया गया ।पुलिस ने उस ट्रैक्टर को भी जफ्त किया है । और उसे ट्रैक्टर के मालिक को भी गिरफ्तार किया है । जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है और मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।