
4 जुलाई 2025: भारतीय जनता पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर चर्चाएं जोरों पर है इस बीच यह खबर निकाल कर आ रही है कि क्या किसी महिला नेता को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है।
सूत्रों के मुताबिक चर्चा इस बात पर भी है कि आरएसएस ने ने भी महिला अध्यक्ष को लेकर अपनीसहमति जताई है
ऐसे प्रयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी जल्दी ही किसी महिला नेता को इस विशेष पद की जिम्मेदारी सौंप सकती है।
वर्तमान में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हैं जिनका कार्यकाल जनवरी 2023 में समाप्त हो चुका था किंतु लोकसभा चुनाव तक यानी 2024 तक इनके कार्यकाल को बढ़ा दिया गया था इसी बीच उन्हें लगातार 2 साल से इसी पद पर विस्तार के रूप में रखा जा रहा है इसके बाद से हर दिन के चर्चा बनी हुई है कि भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में देरी क्यों इस महत्वपूर्ण फैसले को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है
लोकसभा चुनाव 2024 के बाद भाजपा में संगठन में बदलाव को लेकर गतिविधियां तेज हो चुकी हैं इसी बीच नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन को लेकर चर्चाएं तेज हैं पिछले लोकसभा चुनाव के हवाले से भारतीय जनता पार्टी का यह मानना है की महिलाएं मतदाताओं को लुभाने में आगे हैं इसीलिए किसी महिला नेतृत्व को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
। सूत्रों के मुताबिक तीन प्रमुख महिला नेताओं के नाम चर्चा में हैं।
(1) निर्मला सीतारमण
निर्मला सीतारमण वर्तमान में केंद्रीय वित्त मंत्री हैं इसके पहले केंद्रीय रक्षा मंत्री का पदभार भी उन्होंने संभाला है जो जिनके नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था सशक्त हुई है दृढ़ नेतृत्व के रूप में एक सबसे मजबूत दावेदार मानी जा रही है।
(2) डी. पुरंदेश्वरी
दीपुंडेश्वरी आंध्र प्रदेश में भाजपा की पूर्व अध्यक्ष हैं जो बहुत अनुभवी है और पार्टी में उनका अनुभव और राजनीतिक पकड़ मजबूत है इन्हें ऑपरेशन सिंदूर जैसे मिशन के लिए भी चुना गया था।
(3) वनाथी श्रीनिवासन
वनाथी श्रीनिवासन 1993 से भाजपा से जुड़ीं है और संगठन में कई अहम पदों पर रही हैं। राज्य सचिव महासचिव उपाध्यक्ष और महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुकी है। बनती श्रीनिवासन तमिलनाडु के कोयंबटूर दक्षिण सीट से विधायक हैं और एक दमदार राजनेता है।
2022 में केंद्रीय चुनाव समिति की सदस्य बनीं और ऐसा करने वाली पहली तमिल महिला नेता हैं।
आपको बता दें की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस ने भी किसी महिला को यह शीर्ष नेतृत्व की जिम्मेदारी सहने में अपनी सहमति दी है जो 33% महिला आरक्षण विधेयक के अनुरूप भी होगा ऐसा पहली बार होगा जब राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान किसी महिला को सौंपी जा सकती है।