अकेला पड़ा एक और हिंदूवादी नेता टी राजा

4 जुलाई 2025: खबरप्रधान डेस्क- तेलंगाना में टी राजा के साथ जो कुछ भी हुआ उसमें अलग अलग तर्क दिये जा रहे है….सबका अपना अपना नजरिया है…..हां लेकिन टी राजा तेलंगाना का एक कट्टर हिंदु चेहरा जरूर हैं और ओवैसी के क्षेत्र में लगातार चुनौती देते रहते हैं….एकमात्र ऐसे हिंदु विधायक हैं जिन्होंने तीन बार अपनी सीट से जीत हासिल की है….अब जो उनके साथ हुआ है पार्टी में जैसे वो अलग थलग पड़ गये…कुछ लोग कह रहे हैं उनकी महत्वाकांक्षा बढ़ गई है तो कुछ कह रहे हैं पूरे तेलंगाना में उनकी उतनी पकड़ नहीं है…सबसे बड़ी बात तेलुगू नहीं आती है जोकि पूरे तेलंगाना में बेहद जरूरी है….


योगी की तरह अकेला पड़ा तेलंगाना का शेर


आज हिंदुत्व की कट्टर छवि वाले टीराजा की स्थिति ठीक योगी आदित्यनाथ की तरह से हो गई है….बिल्कुल वैसे ही हालात….वैसी ही परिस्थितियां…..कैसे आज इस पर ही चर्चा करेंगे….देखिए 15 साल गुजरात के सीएम रहने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी की छवि विकासपुरूष की बन गई थी…2014 में जनता ने भारी बहुमत से उन्हें चुना औऱ अपना प्रधानमंत्री बनाया… गोधरा कांड के बाद नरेंद्र मोदी को जो नहीं जानता था वो भी जान गया……वो खुद मुख्यमंत्री पद पर थे … सुरक्षा व्यवस्था उनके हाथ थी.. सारी परिस्थितियां उनके मुताबिक थी और केंद्र में भी अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी,…कोई शक नहीं विपरीत परिस्थितियों में उन्होंने गुजरात की सत्ता संभाली….औऱ गुजरात के विकास की एक नई इबारत लिख दी…. देश की जनता के मन में उनके लिए नेशनल हीरो जैसी भावनाएं उमड़ पड़ी थीं….मनमोहन सिंह की कांग्रेस सरकार के घोटालों उदासी और निष्क्रियता से लोग ऊब चुके थे औऱ बदलाव चाह रहे थे …परिस्थितियां नरेंद्र मोदी के हिसाब से बनती चली गईं…….और एक नहीं तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाए गये……तो कहने का मतलब ये कि मोदी के संघर्ष में हालात विपरीत होते हुए भी सीनियर नेताओं का जनता का साथ मिलता चला गया….


दिल्ली में बैठे बीजेपी को बड़ें नेताओं ने साध ली थी चुप्पी


वहीं उप्र के सीएम योगी आदित्यनाथ की बात करें तो उनके साथ जो हुआ….वो विपरीत हालातों में बिल्कुल अकेले पड़ गये थे……केंद्र की सरकार उनके साथ नहीं थी…..राज्य में सपा का तांडव चल रहा था….और दिल्ली में बैठे बीजेपी को बड़ें नेताओं ने चुप्पी साध रखी थी…..कोई नहीं था उनके साथ जब वो हालातों से जूझ रहे थे…..ठीक वैसे ही जैसे आझ टी राजा अकेले पड़ गये हैं….योगी अकेले विरोधियों से …हालातों से लड़ते रहे….और लड़ते लड़ते आज देश के सबसे चहेते सीएम बन गये हैं….लोग अब पीएम के तौर पर देखना चाह रहे हैं….और अब देश के एक औऱ नेता टी राजा के साथ भी वही हो रहा है… योगी आदित्यनाथ जब हालातों से लड़ रहे थे….लेकिन हौसलों ने कभी उनका साथ नहीं छोड़….


अकेले निकल पड़े थे गोरखपुर से सांसद योगी बाबा


जिस दौरान मऊ में दंगे हुए थे…चारो तरफ मारपीट हिंसा आगजनी में जनता त्राहि त्राहि कर रही थी योगी आदित्यनाथ सिर्फ एक सांसद की हैसियत से गोरखपुर से मऊ के लिए खराब हालातों में स्वयं अकेले निकल पड़े थे उस समय उत्तर प्रदेश में किस तरह की अराजकता का माहौल था ये उस दौर के लोगों ने देखा है….यूपी में सपा की सरकार थी….बीजेपी के बड़े बड़े नेताओं ने जैसे आंखों में पट्टी बांध रखी थी……. भारतीय जनता पार्टी में योगी आदित्यनाथ का ही साथ देने वाला कोई नहीं था वो अकेले परिस्थितियों से लड़ रहे थे…गोरखपुर को शांत करने के लिए समाजवादी पार्टी और उसके गुंडाराज से अकेले लड़ रहे थे….


जब योगी बाबा को जान से मारने की कोशिश हुई


केंद्र में कांग्रेस की मनमोहन सरकार थी …उप्र में मुलायम सिंह यादव का शासन चलता था….तो उस दौर में योगी आदित्यनाथ एकदम अकेले पड़ गये थे लेकिन उनके पास हिंदुत्व के लिए लड़ने का जज्बा था और इस जज्बे को लेकर गोरखनाथ पीठ के पीठाधीश्वर अकेले ही निकल पड़े थे मऊ दंगों से निपटने के लिए…तब के बाहुबली मुख्तार अंसारी से खुलेतौर पर दुश्मनी मोल ले ली थी…. जहां मुख्तार अंसारी जैसा कुख्यात माफिया आतंक का तांडव कर रहा था… योगी आदित्यनाथ को रोकने के लिए तमाम हथकंडे अपनाए गये….उन्हें जान से मारने की भी कोशिश हुई…. गाड़ियों पर गोलियां चलवाई गईं…बम तक बरसाए गये थे लेकिन योगी आदित्यनाथ को आम जनता का साथ था और बाबा गोरखनाथ का आशीर्वाद था इसके अलावा कुछ था तो उनका हौसला उनका जज्बा…. जो कम नहीं हो रहा था…एक दौर में रथ यात्रा निकालने वाले लालकृष्ण आडवाणी तक शांत पड़ गये थे….ऐसे में योगी आदित्यनाथ के साथ कोई नहीं था…आज आपको उत्तर प्रदेश की जो तस्वीर बदली हुई नजर आ रही है….कट्टर हिंदुत्व की छवि लिए योगीबाबा की वजह से ही है….गली-गली में हिंदुत्व की झलक दिखाई पड़ती है….सारे त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं…. जय श्री राम के बैनर और झंडे लगे मिलते हैं…. जय श्री राम का नारा लगाकर लोग हिंदुत्व का झंडा बुलंद कर रहे हैं…


मुलायम सिंह यादव और लालू प्रसाद यादव ने उड़ाया था मज़ाक


आपको याद होगा योगी आदित्यनाथ का लोकसभा का वीडियो जो बहुत कुछ कह देता है….एक संत के आंसू भावुक होकर निकले थे….और उनके आंसुओं पर चुटकी लेने वाले लोग खासकर मुलायमसिंह यादव और लालू प्रसाद यादव थे जो कह रहे थे ….”ए साधुबाबा तुम जंगल में जाकर भजन पूजन करो…राजनीति हम पर छोड़ दो”…. ऐसी विकट औऱ कठिन परिस्थितियों से निकलकर अपनी ईमानदारी और हौसलों के दम पर यूपी की सत्ता योगी आदित्यनाथ ने हासिल की और न्याय व्यवस्था का ऐसा परचम लहराया कि लोग उनके कायल हो गये…..न सिर्फ हिंद मुसलमान भी उन्हें खूब पसंद कर रहे ङैं….उन्हें सिर्फ वही लोग पसंद नहीं करते जो गलत कार्यों में लिप्त हैं…..अनाचार भ्रष्टाचार रिश्वतखोरी करते हैं….


तेलंगाना का योगी विधायक टी राजा सिंह


योगी बाबा की बात इसलिए कि आज ऐसी परिस्थिती में एक और हिंदूवादी नेता अकेले खड़े हैं….और मुसीबतों का पहाड़ वैसा ही उनके भी सामने हैं…..अकेले हैं और उनके साथ उनकी कट्टी हिंदुत्व वाली छवि…. तेलंगाना में गोशामहल से विधायक टी राजा सिंह ने देश की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा से इस्तीफा दे दिया है… उन्होंने पार्टी की नीतियों पर नाराजगी जताई है…. तेलंगाना में पार्टी के नेतृत्व के लिए चल रही खींचतान पर अफसोस जताते हुए राज्य के भाजपा प्रमुख जी किशन रेड्डी को अपना इस्तीफा सौंपा है….टी राजा की छवि तेलंगाना में कट्टर हिंदू नेता की है….और हिंदुओं के बड़े नेता भी हैं….हिंदुत्व के मुद्दे पर टी राजा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है…. जैसे 32 दांत के बीच में एक जीभ रहती है ठीक वही स्थिति टी राजा की स्थिति थी बावजूद इसके वो लगातार जंगल के शेर की तरह दहाड़ते रहते थे…एक तरफ वामपंथी कांग्रेसी विचारधारा के लोग और साथ में पार्टी के विरोधी लगातार परेशान कर रहे थे… ओवैसी के गढ़ में जाकर उसी को चुनौती सिर्फ टी राजा ही दे सकते हैं….


टी राजा ने अपना इस्तीफा पार्टी को सौंपा


टीराजा ने जो अपना इस्तीफा पार्टी को सौंपा है उसमें स्पष्ट किया है कि वह भारतीय जनता पार्टी को भले ही छोड़ रहे हैं लेकिन वो हिंदुत्व और सनातन के लिए कोई समझौता नहीं करेंगे और लगातार हिंदुत्व के लिए आवाज उठाते रहेंगे….अब बीजेपी अपने फायरब्रांड नेताओं को सपार्ट क्यूं नहीं करती….ये सबसे बड़ा सवाल है….जिनकी वजह से हिंदुओं के वोटों का ध्रुवीकरण होता है….जब योग्यता को नजरअंदाज कर चापलूसों और चाटुकारों को स्थान दिया जाता है तो योग्य लोगों को दरकिनार कर दिया जाता है…ऐसे में क्या टी राजा जैसे लोग हिंदुत्व के लिए एक औऱ नई पार्टी बनायेंगे….भविष्य के लिए अपने आप को मजबूत करने के लिए नई पीढ़ी तैयार करेंगे….फिलहाल जैसे यूपी की बात करें तो यह पूछने वाला कोई नहीं है की उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का चर्चित माफिया अतीक अहमद गुजरात में ही जेल में क्यों था वह अपने आप को गुजरात में ही सबसे सुरक्षित क्यों महसूस कर रहा था?मुख्तार अंसारी पंजाब की जेल में क्यों महफूज समझता था…ये भी पूछने वाला कोई नहीं है कि मुख्तार अंसारी को सजा सुनाने वाले जस्टिस दिनेश कुमार का स्थानांतरण सजा के तौर पर केरल उच्च न्यायालय क्यों कर दिया गया? सच तो ये है कि योगी की राह पर चल पड़े हैं टी राजा सिंह….जो बिना ब्रांडिंग के योगी की तरह अपनी अळग छवि के साथ काम करेंगे….


अहंकारी पार्टी बन गई है बीजेपी


भारतीय जनता पार्टी ने जो आजकल नई नीतियां बनाई हैं उनमें बदलाव नहीं किया तो इसकी हालात कांग्रेस की तरह हो जाएंगे…..अहंकारी पार्टी का ठप्पा तो लग ही चुका है बीजेपी पर…..अब वो कसावट भी नहीं रही….वास्तव में भारतीय जनता पार्टी अपने मूल सिद्धांतों से भटक चुकी है…अपने तौर तरीको में परिवर्तन जल्द नहीं किया तो बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा… अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी विकास दुबे जैसे कुख्यात अपराधियों के साम्राज्य का खात्मा करने के बाद उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था का राज स्थापित करने के बाद भी योगी आदित्यनाथ के पीछे भारतीय जनता पार्टी के ही कुछ नेता पड़े हुए हैं उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के अलावा भारतीय जनता पार्टी का कोई भी नेता यदि मुख्यमंत्री होता तो उत्तर प्रदेश को संभालना उसके लिए कठिन था और आज भी यदि उत्तर प्रदेश में किसी और को मुख्यमंत्री बनाया जाए तो योगी आदित्यनाथ ने जिन चीजों को 8 वर्ष में ठीक किया है उन चीजों को 8 दिन में ही मिट्टी में मिला दिया जायेगा…


क्या हिंदुत्व के लिए नया दल बनायेंगे टी राजा


योगी आदित्यनाथ का विजन स्पष्ट है, वह वास्तव में अपराधियों को ठीक करना जानते हैं क्योंकि वह स्वभाव से ही ईमानदार और सत्यनिष्ठ हैं उन्हें कुर्सी का कोई मोह नहीं है उनके लिए केवल एक धर्म है और वह है राजधर्म….अब उसी राजधर्म में मचलना चाहते हैं टी राजा भी बिल्कुल ऐसी ही छवि रखते हैं….तो हो सकता है हम तेलंगाना में भी एक योगी आदित्यनाथ की तरह एक साहसी न्यायप्रिय कट्टर हिंदू नेता देखेने को मिले…….लेकिन अभी सवाल ये है कि क्या बीजेपी उन्हें मनायेगी….या वो खुद अलग होकर कोई नया दल बनायेंगे….

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