शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर बोला तीखा हमला

“नेहरू की भूलों का खामियाजा भुगत रहा कश्मीर”

जम्मू में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की नीतियों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा, “पाकिस्तान के कब्जे में आज का PoK (पाक अधिकृत कश्मीर) नेहरू की गलत नीतियों का परिणाम है। अगर उस समय सही फैसले लिए गए होते, तो कश्मीर का एक इंच भी पाकिस्तान के पास नहीं होता।” शिवराज के इस बयान ने न केवल सियासी हलकों में हलचल मचाई, बल्कि सोशल मीडिया पर भी यह चर्चा का केंद्र बन गया। उनके इस तीखे हमले ने कांग्रेस की ऐतिहासिक नीतियों पर सवाल उठाए और भारत की वर्तमान सरकार की कश्मीर नीति को मजबूती से रेखांकित किया।

“नेहरू की नीतियां, देश की सबसे बड़ी भूल”

शिवराज सिंह चौहान ने अपने भाषण में 1947-48 की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि नेहरू की नीतियों ने कश्मीर को उस मुकाम पर पहुंचाया, जहां से पाकिस्तान ने इसका फायदा उठाया। उन्होंने कहा, “जब पाकिस्तानी कबायलियों ने कश्मीर पर हमला किया, तब महाराजा हरि सिंह ने भारत से मदद मांगी। भारतीय सेना ने बहादुरी से जवाब दिया, लेकिन नेहरू ने समय से पहले युद्धविराम की घोषणा कर दी। अगर सेना को और समय मिला होता, तो PoK आज भारत का हिस्सा होता।” शिवराज ने यह भी कहा कि नेहरू की शांति की नीति उस समय कमजोरी बन गई, जिसका खामियाजा देश आज तक भुगत रहा है।

कांग्रेस पर शिवराज का तीखा प्रहार

शिवराज ने कांग्रेस पर देश के विभाजन और कश्मीर मुद्दे को गलत तरीके से हैंडल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने न केवल देश का बंटवारा करवाया, बल्कि कश्मीर को भी एक जटिल समस्या बना दिया। नेहरू की गलत नीतियों ने न केवल कश्मीर, बल्कि देश के कई हिस्सों को कमजोर किया।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर उस समय मजबूत नेतृत्व होता, तो न तो PoK बनता और न ही कश्मीर आज विवाद का विषय होता। शिवराज का यह बयान कांग्रेस के लिए एक बड़ा सियासी हमला माना जा रहा है, खासकर तब जब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो रही है।


सेना को रोका, देश को तोड़ा”

शिवराज ने अपने भाषण में 1948 के युद्धविराम के फैसले को सबसे बड़ी भूल करार दिया। उन्होंने कहा, “हमारी सेना कश्मीर को पूरी तरह आजाद कराने के लिए तैयार थी, लेकिन नेहरू ने संयुक्त राष्ट्र के दबाव में आकर युद्धविराम कर दिया। यह फैसला भारत के हित में नहीं था।” उन्होंने यह भी कहा कि नेहरू की विदेश नीति में पश्चिमी देशों के प्रति झुकाव ने भारत को कमजोर किया। “अमेरिका और ब्रिटेन के दबाव में हमने अपनी ताकत को कमजोर होने दिया। आज हमारी सरकार ने साबित किया है कि भारत अब किसी के दबाव में नहीं झुकता,” शिवराज ने गर्व से कहा।

वर्तमान सरकार की कश्मीर नीति की तारीफ

शिवराज ने वर्तमान NDA सरकार की कश्मीर नीति की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला कश्मीर को भारत के साथ जोड़ने का ऐतिहासिक कदम था। “हमारी सरकार ने वह किया, जो कांग्रेस दशकों तक नहीं कर सकी। कश्मीर अब भारत का अभिन्न अंग है, और PoK को भी जल्द भारत में शामिल किया जाएगा।” इस बयान ने सभा में मौजूद लोगों में जोश भर दिया, और तालियों की गड़गड़ाहट से माहौल गूंज उठा। शिवराज ने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति ने आतंकवाद को कश्मीर में कमजोर किया है।

सोशल मीडिया पर छाया शिवराज का बयान

शिवराज सिंह चौहान के इस बयान ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया। कई यूजर्स ने उनके बयान को भारत की मजबूत कश्मीर नीति का प्रतीक बताया, जबकि कुछ ने इसे कांग्रेस के खिलाफ सियासी हथियार के रूप में देखा। एक यूजर ने लिखा, “शिवराज मामा ने कांग्रेस की पोल खोल दी। नेहरू की गलतियों का खामियाजा हम आज तक भुगत रहे हैं।” वहीं, कुछ विपक्षी समर्थकों ने इसे सियासी नौटंकी करार दिया, लेकिन कुल मिलाकर यह बयान चर्चा का केंद्र बना रहा।

कश्मीर का भविष्य और भारत का संकल्प

शिवराज ने अपने भाषण में यह भी कहा कि भारत अब PoK को वापस लेने के लिए प्रतिबद्ध है। “PoK भारत का है, था और रहेगा। हमारी सरकार इसे वापस लाने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।” यह बयान भारत की उस नीति को दर्शाता है, जो कश्मीर को पूरी तरह भारत का हिस्सा बनाने के लिए दृढ़ है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार की नीतियों ने कश्मीर में विकास की नई राह खोली है, और अब वहां शांति और समृद्धि का माहौल है।

इतिहास की भूलों से सबक

शिवराज सिंह चौहान का यह बयान न केवल कांग्रेस और नेहरू की नीतियों पर एक तीखा हमला था, बल्कि यह भारत की वर्तमान सरकार की मजबूत कश्मीर नीति का भी प्रतीक था। उनके शब्दों ने न केवल जम्मू-कश्मीर की जनता में जोश भरा, बल्कि देश भर में यह संदेश दिया कि भारत अब अपनी संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करेगा। यह बयान सियासी और ऐतिहासिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, जो यह साबित करता है कि भारत अब अपनी गलतियों से सबक ले चुका है और अपने भविष्य को मजबूती से संवारने के लिए तैयार है। शिवराज का यह भाषण आने वाले समय में भी कश्मीर और भारत की सियासत में गूंजता रहेगा।

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