
बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा के बीच चल रहे विवाद में नया ट्विस्ट सामने आया है. सूत्रों के अनुसार दीपिका ने वांगा की आगामी फिल्म में काम करने के लिए 10 प्रतिशत प्रॉफिट शेयर और प्रतिदिन 8 घंटे की शिफ्ट की मांग की थी. इस मांग को लेकर दोनों के बीच मतभेद उभरे जिसके कारण दीपिका ने फिल्म से दूरी बना ली. यह खबर बॉलीवुड गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है और प्रशंसकों के बीच इस पर बहस शुरू हो गई है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक दीपिका ने फिल्म में अपनी भागीदारी के लिए पारंपरिक पारिश्रमिक के बजाय प्रॉफिट शेयरिंग मॉडल की मांग की थी. उन्होंने फिल्म के कुल मुनाफे का 10 प्रतिशत हिस्सा मांगा था जो बॉलीवुड में असामान्य नहीं है लेकिन वांगा की टीम के लिए यह स्वीकार करना मुश्किल था. इसके अलावा दीपिका ने अपनी सेहत और कार्य-जीवन संतुलन को ध्यान में रखते हुए 8 घंटे की शिफ्ट की शर्त रखी थी. सूत्रों का कहना है कि इन मांगों पर सहमति न बन पाने के कारण बात बिगड़ गई.
संदीप रेड्डी वांगा ने इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. हालांकि उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि निर्देशक अपनी फिल्मों के लिए कठिन शेड्यूल और पूर्ण समर्पण की अपेक्षा करते हैं. वांगा की फिल्में अपनी तीव्र कहानी और गहन दृश्यों के लिए जानी जाती हैं जिसके लिए लंबी शूटिंग शिफ्ट की जरूरत पड़ती है. दीपिका की शर्तों को स्वीकार करना उनके लिए व्यावहारिक नहीं था जिसके चलते दोनों के बीच तनाव पैदा हुआ.
इस विवाद ने बॉलीवुड में कलाकारों और निर्माताओं के बीच अनुबंधों की शर्तों पर नई बहस छेड़ दी है. कई विशेषज्ञों का मानना है कि दीपिका की मांगें उनके अनुभव और स्टारडम को देखते हुए उचित थीं. वहीं कुछ का कहना है कि ऐसी शर्तें छोटे बजट की फिल्मों के लिए चुनौती बन सकती हैं. दीपिका की प्रॉफिट शेयरिंग की मांग को उद्योग में बदलते रुझानों का हिस्सा माना जा रहा है जहां बड़े सितारे फिल्मों के जोखिम और लाभ में भागीदार बनना चाहते हैं.
यह विवाद दीपिका और वांगा के बीच भविष्य में सहयोग की संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है. दीपिका ने हाल के वर्षों में अपनी फिल्मों के चयन में सावधानी बरती है और उनकी यह मांग उनके प्रोफेशनल दृष्टिकोण को दर्शाती है. दूसरी ओर वांगा अपनी दमदार कहानियों के लिए जाने जाते हैं और उनकी अगली फिल्म को लेकर प्रशंसकों में उत्साह है. इस मामले पर दोनों पक्षों के आधिकारिक बयानों का इंतजार है ताकि स्थिति और स्पष्ट हो सके.