विदेश मंत्री जयशंकर की फ्रांस यात्रा. आतंकवाद और यूएनएससी में भारत को समर्थन

पेरिस के साथ मजबूत होगी रणनीतिक साझेदारी. वैश्विक मंच पर सहयोग बढ़ाने पर जोर

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर अगले सप्ताह फ्रांस की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे. इस दौरान वह फ्रांसीसी समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ साझा रणनीति और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए समर्थन जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी. फ्रांस ने लगातार आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख का समर्थन किया है और वैश्विक मंचों पर नई दिल्ली के साथ मजबूत साझेदारी की वकालत की है. यह यात्रा दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को और गहरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगी.

जयशंकर की इस यात्रा का एक प्रमुख उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ भारत और फ्रांस के साझा प्रयासों को मजबूत करना है. फ्रांस ने हाल के वर्षों में आतंकवाद का दंश झेला है और इस मुद्दे पर भारत के साथ उसका रुख समान है. दोनों देश आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा करते हैं और इसे वैश्विक शांति के लिए खतरा मानते हैं. इस यात्रा में आतंकवाद से निपटने के लिए सूचना साझाकरण, खुफिया सहयोग और संयुक्त रणनीति पर चर्चा होगी. भारत और फ्रांस पहले से ही आतंकवाद रोधी अभ्यास और गतिविधियों में सहयोग करते रहे हैं, और इस दिशा में और प्रगति की उम्मीद है.

फ्रांस ने लंबे समय से यूएनएससी में सुधार और भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया है. जयशंकर की यात्रा में इस मुद्दे पर गहन चर्चा होने की संभावना है. फ्रांस का मानना है कि भारत जैसे बड़े और प्रभावशाली देश को वैश्विक शासन में बड़ी भूमिका निभानी चाहिए. इस यात्रा के दौरान दोनों देश यूएनएससी सुधारों को गति देने और भारत की दावेदारी को मजबूत करने के लिए रणनीति पर विचार-विमर्श करेंगे. यह भारत के लिए वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति को और सशक्त करने का अवसर होगा.

भारत और फ्रांस के बीच रक्षा, अंतरिक्ष, और आर्थिक क्षेत्रों में सहयोग लगातार बढ़ रहा है. राफेल विमान सौदे और अंतरिक्ष अनुसंधान में साझेदारी ने दोनों देशों के बीच विश्वास को और मजबूत किया है. जयशंकर की यात्रा में रक्षा सहयोग को और गहरा करने, स्वच्छ ऊर्जा, और डिजिटल प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित होगा. दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि के लिए मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध हैं.

यह यात्रा दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही मित्रता को और मजबूत करेगी. फ्रांस भारत को एक महत्वपूर्ण वैश्विक शक्ति के रूप में देखता है और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के साथ सहयोग को प्राथमिकता देता है. जयशंकर की इस यात्रा से न केवल द्विपक्षीय संबंधों को बल मिलेगा, बल्कि वैश्विक चुनौतियों से निपटने में दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता भी रेखांकित होगी.

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