
नए नियमों से बढ़ेगी पारदर्शिता
केंद्र सरकार ने डिजिटल लोन ऐप्स पर नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है. इन ऐप्स के जरिए होने वाले धोखाधड़ी और अनैतिक प्रथाओं को रोकने के लिए सरकार जल्द ही नए नियम लागू कर सकती है. इससे आम लोगों को कर्ज लेने में आसानी होगी और उनकी वित्तीय सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी. सूत्रों के मुताबिक सरकार का मकसद उन लोन ऐप्स पर लगाम लगाना है जो ऊंची ब्याज दरें वसूलते हैं और ग्राहकों को गलत जानकारी देकर फंसाते हैं. यह कदम डिजिटल लोन के बढ़ते चलन के बीच आम आदमी के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा.
हाल के वर्षों में डिजिटल लोन ऐप्स की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. ये ऐप्स तुरंत कर्ज देने का वादा करते हैं लेकिन कई बार यह उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बन जाते हैं. कई ऐप्स बिना उचित अनुमति के यूजर्स का डेटा इस्तेमाल करते हैं और गलत तरीके से वसूली करते हैं. इसके अलावा ऊंची ब्याज दरें और छिपे हुए शुल्क भी लोगों के लिए मुश्किल खड़ी करते हैं. सरकार ने इन शिकायतों को गंभीरता से लिया है और अब ऐसे ऐप्स की जांच और नियमन के लिए ठोस कदम उठाने की योजना बनाई है. वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक इस दिशा में मिलकर काम कर रहे हैं.
प्रस्तावित नियमों के तहत लोन ऐप्स को अपनी ब्याज दरें और शर्तें स्पष्ट रूप से बतानी होंगी. साथ ही ग्राहकों का डेटा सुरक्षित रखने और उनकी सहमति के बिना इसका उपयोग न करने के लिए भी सख्त दिशानिर्देश होंगे. सरकार की कोशिश है कि डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स पर पारदर्शिता बढ़े और उपभोक्ताओं का भरोसा कायम रहे. इसके लिए सभी लोन ऐप्स को रजिस्ट्रेशन और लाइसेंसिंग की प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है. गैरकानूनी ऐप्स पर तुरंत कार्रवाई करने की भी योजना है.
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न केवल आम लोगों को वित्तीय शोषण से बचाएगा बल्कि डिजिटल लेंडिंग सेक्टर को और विश्वसनीय बनाएगा. खासकर छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में जहां लोग आसानी से इन ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं वहां यह नियम बड़ा बदलाव ला सकते हैं. उपभोक्ताओं को सलाह दी जा रही है कि वे केवल भरोसेमंद और रजिस्टर्ड ऐप्स से ही कर्ज लें. सरकार का यह कदम डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में भी अहम माना जा रहा है. आने वाले महीनों में इन नियमों के लागू होने से डिजिटल लोन सेक्टर में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है.