
हनुमान जी हिंदुओं के आराध्य देवता हैं ।जिन्हें पवन पुत्र, अंजनी पुत्र ,बजरंगबली और मारुति नंदन भी कहा जाता है। इन्हें भगवान शिव का अवतार बताया गया है। हनुमान जी भगवान राम के परम भक्त और प्रिय हैं । हनुमानजी को चिरंजीवी यानी चिरकाल तक जीवित रहना बताया गया है ।
हनुमान जयंती का पर्व शनिवार 12 अप्रैल को मनाया जाएगा।
शनिवार के दिन हनुमान जन्मोत्सव पर पड़ने से यह पर्व और भी शुभ फलदाई हो गया है। इस दिन व्रत उपवास रखकर हनुमान जी की पूजा अर्चना करने से जीवन में सुख समृद्धि खुशहाली आती है ।
पौराणिक कथाओं के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा और दूसरा कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन हनुमान जयंती मनाते हैं ।
इस बार चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की तिथि शुक्रवार 11 अप्रैल की अर्धरात्रि 3:22 पर लगेगी। जो शनिवार 12 अप्रैल रात्रि 5:41 तक रहेगी ।
व्रत की पूर्णिमा शनिवार 12 अप्रैल को होगी ।
जबकि स्नानादि की पूर्णिमा रविवार 13 अप्रैल को रहेगा।
इस बार हस्त नक्षत्र शुक्रवार 11 अप्रैल को 3:11 से शनिवार 12 अप्रैल शाम 6:08 तक रहेगा ।
इसके बाद चित्रा नक्षत्र लग जाएगा ।
ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके हनुमान जी का पूजन करना चाहिए ।फल ,फूल, धूप ,दीप ,नैवेद्य ,चमेली का तेल, शुद्ध देसी घी ,श्री फल से ,पुष्पों से और तुलसी दल की माला से हनुमान जी का श्रृंगार करना चाहिए।
नैवेद्य में बेसन या बूंदी का लड्डू ,पेड़ा ,अन्य मिष्ठान ,नारियल और फल अर्पित करके धूप दीप से उनकी विधि विधान से पूजा अर्चना कर हनुमान जी की आरती करना चाहिए ।
विशेष अनुकंपा प्राप्त करने के लिए ॐ श्री हनुमते नमः मंत्र का जाप करना चाहिए ।
इसके अलावा हनुमान चालीसा, सुंदरकांड ,हनुमान सहस्त्रनाम या रामचरितमानस का पाठ करना चाहिए। और हनुमान जी से संबंधित मंत्रों का जाप करना लाभकारी होता है। बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। व्रत करके हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है ।