
भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव चरम पर पहुंच गया है। शनिवार को अमेरिका की मध्यस्थता से दोनों देशों के बीच सीजफायर पर सहमति बनी थी, लेकिन कुछ ही घंटों में पाकिस्तान ने इस समझौते का उल्लंघन कर दिया। पंजाब के अमृतसर में रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में पाकिस्तानी ड्रोनों ने अंधाधुंध हमले किए। भारतीय सेना ने इन हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया है, जिससे सीमा पर स्थिति और गंभीर हो गई है।
पाकिस्तान की हरकतें: ड्रोन और मिसाइल हमले
पाकिस्तान ने शनिवार देर रात जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन और मिसाइल हमले शुरू किए। श्रीनगर और जम्मू में कई विस्फोटों की खबरें हैं, जबकि अमृतसर के खासा कैंट में पाकिस्तानी बायकर YIHA III कामिकाजी ड्रोनों ने हमला करने की कोशिश की। भारतीय सेना की वायु रक्षा इकाइयों ने सुबह 5 बजे इन ड्रोनों को मार गिराया, जिससे बड़ा नुकसान टल गया। इसके अलावा, पठानकोट में रात के समय आसमान में लाल चमक और विस्फोटों की आवाजें सुनी गईं, जब भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तानी ड्रोनों को नष्ट किया।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत का जवाबी हमला
भारत ने इन हमलों के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत कड़ा कदम उठाया है। यह ऑपरेशन 7 मई को शुरू किया गया था, जिसका मकसद 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेना था। भारतीय वायुसेना ने ब्रह्मोस, स्कैल्प और स्पाइस-2000 मिसाइलों का इस्तेमाल कर पाकिस्तान के नौ एयरबेस और दो रडार साइट्स को निशाना बनाया। भारतीय सेना के व्हाइट नाइट कोर ने नगरोटा सैन्य स्टेशन पर संदिग्ध गतिविधियों को नाकाम करते हुए एक संदिग्ध घुसपैठिए के साथ गोलीबारी की। इस दौरान एक सैनिक को मामूली चोटें आईं।
सीजफायर का उल्लंघन: भारत की चेतावनी
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शनिवार रात एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “पाकिस्तान ने सीजफायर समझौते का उल्लंघन किया है। भारतीय सशस्त्र बल किसी भी उकसावे का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।” उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि ऐसी कायरतापूर्ण हरकतों की कीमत चुकानी पड़ेगी। विदेश मंत्रालय ने भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की ओर से फैलाई जा रही गलत सूचनाओं, जैसे कि भारत के S-400 और ब्रह्मोस मिसाइल बेस को नुकसान पहुंचाने के दावों को पूरी तरह खारिज किया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: G7 देशों की अपील
G7 देशों और यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान जारी कर भारत और पाकिस्तान से “अधिकतम संयम” बरतने और “तत्काल तनाव कम करने” की अपील की है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की पेशकश की है। हालांकि, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपनी राष्ट्रीय कमान प्राधिकरण की बैठक बुलाई है, जो देश की परमाणु और मिसाइल नीतियों का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है, जिससे तनाव और बढ़ गया है।
सीमा पर स्थिति: ब्लैकआउट और सतर्कता
पाकिस्तानी ड्रोनों और मिसाइलों के हमलों के बाद जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के कई सीमावर्ती जिलों में ब्लैकआउट लागू किया गया है। श्रीनगर, अनंतनाग, बाड़मेर और कच्छ जैसे क्षेत्रों में रात के समय बिजली काट दी गई, ताकि ड्रोन हमलों से बचा जा सके। भारतीय सेना और सीमा सुरक्षा बल (BSF) हाई अलर्ट पर हैं। बीएसएफ ने पुष्टि की कि आरएस पुरा में पाकिस्तानी गोलीबारी में सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज शहीद हो गए।
पाकिस्तान की दुष्प्रचार रणनीति
भारत ने पाकिस्तान पर दुष्प्रचार फैलाने का भी आरोप लगाया है। पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया कि उनके JF-17 लड़ाकू विमानों ने भारत के S-400 और ब्रह्मोस मिसाइल बेस को नुकसान पहुंचाया, जिसे भारत ने पूरी तरह गलत बताया। प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ने विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी के फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स को उजागर करते हुए लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
तनाव कम करने की चुनौती
यह तनाव उस समय शुरू हुआ, जब भारत ने पहलगाम हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया, जिसे पाकिस्तान ने खारिज किया। इसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए। विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों परमाणु-संपन्न देशों के बीच बढ़ता तनाव क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बन सकता है। सीजफायर के बार-बार टूटने से विश्वास की कमी साफ झलकती है, और अब यह देखना बाकी है कि क्या दोनों देश तनाव कम करने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाते हैं।