
16 जुलाई 2025: उत्तराखंड में ऑपरेशन कालनेमि की बड़ी चर्चा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूरे प्रदेश में कावड़ यात्रा से ठीक पहले ऑपरेशन कालनेमि शुरू किया । मुख्यमंत्री धामी का कहना है कि बहुत से असामाजिक तत्व साधु संतों का वेश रख के धोखाधड़ी करते हैं और खासकर महिलाओं को निशाना बनाते हैं।
सरकार का कहना है कि बहुत से लोग धार्मिक आस्था से खिलवाड़ करते हैं। भगवा वस्त्र धारण करते हैं। उनके पास धर्म का व्यापक ज्ञान भी नहीं होता । साधु जीवन की पवित्रता पर धब्बा लगते हैं । ऐसे लोगों की पहचान के लिए यह ऑपरेशन कालनेमी शुरू किया गया है। सरकार ने यह तर्क दिया कि फर्जी वेशभूषा रखकर अपराधी और असामाजिक तत्व ठगी और धोखाधड़ी के अलावा कई भ्रामक गतिविधियों में भी लिप्त हो सकते हैं।
यानी ढोंगी बाबाओ की धर पकड़ के लिए चलाया गया अभियान है- ऑपरेशन कालनेमी —
आईए जानते हैं इसे ऑपरेशन कालनेमि क्यों रखा गया!
कौन था कालनेमी?
हिंदू धर्म की प्रसिद्ध धार्मिक पुस्तक रामायण में एक राक्षस जिसका नाम कालनेमि था। जिसे रावण ने हनुमान जी का रास्ता रोकने के लिए भेजा था।
कालनेमि राक्षस छद्म भेष में साधु के भेष में हनुमान जी का रास्ता रोकने के लिए बैठा हुआ था।
राम रावण के युद्ध के समय जब मेघनाथ का शक्ति बाण लक्ष्मण जी को लगा तब उनके उपचार के लिए हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने जा रहे थे। रावण ने कालनेमी राक्षस को साधु के भेष में हनुमान जी का रास्ता रोकने के लिए भेजा। कालनेमी राक्षस अपनी माया से किसी का भी रूप रख लेता था । उसने साधु का भेष रखकर हनुमान जी का रास्ता रोकने की कोशिश की । हनुमान जी ने उसका वध करके उसे मुक्ति दी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में धार्मिक और सांस्कृतिक पवित्रता बनाए रखने के लिए ऑपरेशन कालनेमि चलाने का निर्देश दिया है ।जिससे कांवड़ियों का वेश धारण करके साधुओं का वेश धारण करके असामाजिक तत्वों का पहचान किया जा सके।
कावड़ यात्रा के ठीक पहले ऑपरेशन कालनेमि शुरू:
10 जुलाई से शुरू हुए ऑपरेशन करने में से संतों की वेशभूषा में घूमने वाले 200 से अधिक फर्जी लोगों को पकड़ा जा चुका है।
और 1250 से अधिक संदिग्धों की पूछताछ की गई है । मुख्यमंत्री धामी के आदेश पर पूरे प्रदेश में ऑपरेशन कालनेमि कावड़ यात्रा के ठीक पहले शुरू की गई है।
फर्जी बाबाओ की धर पकड़ शुरू !
ऑपरेशन कॉलोनी के तहत साधु संतों के भेष में घूम रहे एक संदिग्ध व्यक्ति रुकन रकम उर्फ शाह आलम , जिसकी उम्र 26 वर्ष है ,इसे गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में पता चला की बांग्लादेश में ढाका का निवासी है जो भारत में अवैध रूप से रह रहा है। और साधु के भेष में घूम रहा है। आरोपी के पास से उसका बांग्लादेशी नागरिक होने के संबंधित कोई दस्तावेज प्राप्त नहीं हुआ है।
पुलिस द्वारा इस प्रकरण में विदेश मंत्रालय के माध्यम से बांग्लादेश की सरकार से संपर्क कम कर रुकम रकम के बांग्लादेशी नागरिक होने से संबंधित दस्तावेज प्राप्त किए गए हैं। जिसमें आरोपी के ढाका के जिला तंगेल के होने की जानकारी प्राप्त हुई है आरोपी के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई के बाद उसे बांग्लादेश रिपोर्ट किया जाएगा।
हरिद्वार में बांग्लादेशी नागरिक सहित 25 फर्जी बाबा पकड़े गए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने इस ऑपरेशन करने का स्वागत किया।
देहरादून में सहसपुर थाना पुलिस ने चोरखाला के पास बैठे दो छद्म धारी व्यक्तियों को पकड़ा । जो ज्योतिष जानने का दावा कर रहे थे । जब इनसे ज्योतिष शास्त्र के संबंधित दस्तावेज मांगे गए तो यह इसे पेश नहीं कर पाए । पुलिस ने गिरफ्तार किया।
उत्तराखंड देवभूमि :
मुख्यमंत्री सीएम धामी का कहना है उत्तराखंड के कान-कान में देवी देवता वास करते हैं इसलिए उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है किंतु कई बार ऐसा देखा जाता है कि बहुत से लोग साधु संत का भेष धारण करके सनातन धर्म की चोला पहनकर लोगों को ठगने के लिए और उनकी भावनाओं से खिलवाड़ करने का काम करते हैं । इन सबके खिलाफ उत्तराखंड सरकार ने इन चोला धारियों को पकड़ने के निर्देश दिए हैं । जिसे ऑपरेशन कालनेमी नाम दिया गया है।