
ट्रम्प के साथ फोन पर चर्चा
पहलगाम आतंकी हमले ने बढ़ाई चिंता, सुरक्षा पर हाई-लेवल बैठक का ऐलान
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद अपना सऊदी अरब दौरा बीच में ही छोड़कर 23 अप्रैल 2025 को भारत वापस लौटने का फैसला लिया। यह दौरा दो दिवसीय था, जिसमें जेद्दाह में महत्वपूर्ण कूटनीतिक वार्ताएं और उच्चस्तरीय बैठकें शामिल थीं। पहलगाम में 27 पर्यटकों की मौत के बाद पीएम ने तत्काल स्थिति का जायजा लेने के लिए दिल्ली लौटना जरूरी समझा। इस बीच, अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पीएम मोदी से फोन पर बात की और इस हमले पर शोक जताते हुए भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की।
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसे लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर सैफुल्लाह ने अंजाम दिया। इस हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी निंदा हुई। पीएम मोदी ने सऊदी अरब से रवाना होने से पहले वहां के नेतृत्व को स्थिति से अवगत कराया और जल्द ही दौरा पूरा करने का आश्वासन दिया।
वापसी के बाद पीएम मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और गृह मंत्री अमित शाह के साथ आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में आतंकी हमले के जवाब में ठोस कदम, कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और खुफिया तंत्र को और सतर्क करने पर चर्चा होगी। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों को आतंकियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
ट्रम्प ने फोन पर बातचीत के दौरान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक आतंकवाद के मुद्दे पर भी विचार साझा किए। यह बातचीत भारत-अमेरिका के बीच मजबूत कूटनीतिक रिश्तों को दर्शाती है।
पहलगाम हमले ने कश्मीर में पर्यटन और सुरक्षा की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए हैं। सरकार ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों से सतर्क रहने की अपील की है, जबकि मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे और घायलों के इलाज की व्यवस्था की गई है। यह घटना भारत के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय में आई है, और पीएम मोदी का त्वरित फैसला उनकी संकट प्रबंधन की दृढ़ता को दर्शाता है।