
13 विभागों की छुट्टियां रद्द
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव देशभर में सतर्कता का माहौल बना रहा है, और इसका प्रभाव मध्य प्रदेश में भी स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मध्य प्रदेश के लिए हाई अलर्ट जारी करते हुए एक व्यापक एडवाइजरी लागू की है। इस बीच, राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से 13 प्रमुख विभागों के कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। यह कदम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और सीमा पर चल रही सैन्य गतिविधियों के मद्देनजर उठाया गया है। आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं।
गृह मंत्रालय की एडवाइजरी:
सुरक्षा को प्राथमिकता
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर किए गए सटीक हवाई हमलों के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। इस स्थिति को देखते हुए गृह मंत्रालय ने मध्य प्रदेश सहित सीमावर्ती और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण राज्यों के लिए हाई अलर्ट जारी किया है। एडवाइजरी में
निम्नलिखित प्रमुख निर्देश शामिल
हैं:
सुरक्षा व्यवस्था में सख्ती:
रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों, बस स्टैंडों, और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई जाए।
मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट अभ्यास:
युद्धकालीन परिस्थितियों की तैयारी के लिए मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट अभ्यास का आयोजन अनिवार्य किया गया है।
अफवाहों पर नियंत्रण:
सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से फैलने वाली भ्रामक खबरों पर कड़ी नजर रखी जाए और तुरंत कार्रवाई की जाए।
आपातकालीन सेवाओं की तत्परता:
स्वास्थ्य, पुलिस, अग्निशमन, और आपदा प्रबंधन विभागों को 24×7 अलर्ट मोड में रखा जाए।
मध्य प्रदेश के गृह विभाग ने इस एडवाइजरी को तुरंत लागू करते हुए सभी जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए हैं।
13 विभागों की छुट्टियां रद्द: तत्काल कार्रवाई
मध्य प्रदेश सरकार ने आपात स्थिति से निपटने के लिए त्वरित और निर्णायक कदम उठाते हुए 13 प्रमुख विभागों के कर्मचारियों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी हैं। इन विभागों में शामिल हैं:
गृह विभाग
पुलिस विभाग
स्वास्थ्य विभाग
आपदा प्रबंधन विभाग
अग्निशमन सेवाएं
परिवहन विभाग
लोक निर्माण विभाग (PWD)
ऊर्जा विभाग
नगर निगम
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग
जल संसाधन विभाग
शिक्षा विभाग
राजस्व विभाग
इन विभागों के सभी कर्मचारियों को तत्काल अपनी ड्यूटी जॉइन करने का आदेश दिया गया है। मध्य प्रदेश के डीजीपी सुधीर सक्सेना ने कहा, “नागरिकों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। सभी विभाग मिलकर किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।” विशेष परिस्थितियों, जैसे गंभीर बीमारी या पारिवारिक आपातकाल, में ही जिला कलेक्टर या विभागीय सचिव की अनुमति से छुट्टी स्वीकृत होगी।
मध्य प्रदेश में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों—भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, और उज्जैन—में सुरक्षा व्यवस्था को अभूतपूर्व रूप से सख्त किया गया है। भोपाल के रेलवे स्टेशन, हबीबगंज स्टेशन, और राजा भोज हवाई अड्डे पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। सीमावर्ती जिलों जैसे मुरैना, भिंड, और शिवपुरी में मॉक ड्रिल और सायरन अभ्यास आयोजित किए जा रहे हैं।
ग्वालियर में हाल ही में 10 मिनट का ब्लैकआउट अभ्यास किया गया, जिसमें सायरन बजाकर लोगों को युद्धकालीन परिस्थितियों के लिए जागरूक किया गया। स्थानीय प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे इन अभ्यासों को गंभीरता से लें, लेकिन अनावश्यक रूप से घबराएं नहीं। इंदौर और भोपाल में भी मॉक ड्रिल आयोजित की गई, जिसमें नागरिकों को आपात स्थिति में सुरक्षित स्थानों पर जाने का प्रशिक्षण दिया गया।
भारत-पाक तनाव की पृष्ठभूमि: ऑपरेशन सिंदूर
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत का एक सैन्य अभियान है, जिसके तहत 6-7 मई 2025 की रात भारतीय वायुसेना, थलसेना, और नौसेना ने पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे। भारतीय सेना ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों के ठिकानों को नष्ट कर दिया।
पाकिस्तान ने इस कार्रवाई के बाद जवाबी हमले की धमकी दी है, जिसके चलते भारत ने सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा को और मजबूत किया है। मध्य प्रदेश, जो सामरिक रूप से देश के मध्य में स्थित है, किसी भी संभावित स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
जनता से एकजुटता और शांति की अपील
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उच्च स्तरीय बैठक के बाद जनता से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। उन्होंने कहा, “हमारी सेना सीमा पर देश की रक्षा कर रही है। मध्य प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। हमें अपने सैनिकों का मनोबल बढ़ाना है।”
भोपाल पुलिस ने एक हेल्पलाइन नंबर (100 और 112) जारी किया है, जिस पर लोग किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना दे सकते हैं। साथ ही, सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
प्रभाव: स्कूल, बाजार, और दैनिक जीवन
हाई अलर्ट के चलते मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में स्कूलों को बंद कर ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। भोपाल, इंदौर, और ग्वालियर जैसे शहरों में बाजारों और मॉल्स में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त उपाय किए जा रहे हैं। कई शहरों में रात के समय कर्फ्यू जैसे हालात लागू किए गए हैं, ताकि सुरक्षा सुनिश्चित हो।
इंदौर में रात 10 बजे के बाद गैर-जरूरी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है, जबकि भोपाल में मॉल और सिनेमाघरों में प्रवेश से पहले कड़ी जांच की जा रही है।
लोगों की प्रतिक्रिया: चिंता के साथ एकजुटता
हाई अलर्ट ने मध्य प्रदेश के लोगों में चिंता के साथ-साथ एकजुटता की भावना भी पैदा की है। इंदौर के व्यापारी रमेश शर्मा ने कहा, “हम सरकार और सेना के साथ हैं। यह समय एकजुट रहने का है, ताकि हम किसी भी स्थिति का सामना कर सकें।” वहीं, भोपाल की छात्रा प्रिया ने बताया, “मॉक ड्रिल से थोड़ा डर लगा, लेकिन यह जरूरी है। हमें हर स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए।”