NEET पेपर लीक के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया गिरफ्तार

11 महीने से था फरार, पटना के फ्लैट में छिपा था, 3 लाख का था इनाम

बिहार के बहुचर्चित NEET पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी और पेपर लीक माफिया संजीव मुखिया को आखिरकार 25 अप्रैल 2025 को गिरफ्तार कर लिया गया। बिहार पुलिस और CBI की संयुक्त टीम ने पटना के एक फ्लैट में छिपे संजीव मुखिया को धर दबोचा। वह पिछले 11 महीनों से फरार था और उसकी गिरफ्तारी के लिए 3 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। इस गिरफ्तारी ने देश भर में पेपर लीक के नेटवर्क को उजागर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
घटना का विवरण
संजीव मुखिया, जो बिहार के नालंदा जिले का निवासी है, NEET UG 2024 पेपर लीक मामले का मास्टरमाइंड माना जाता है। उस पर आरोप है कि उसने अपने नेटवर्क के जरिए NEET प्रश्नपत्र को लीक किया और इसे देश भर के कई उम्मीदवारों तक पहुंचाया। इस मामले में उसका बेटा शिव कुमार पहले ही BPSC पेपर लीक मामले में जेल में बंद है।
पुलिस को खुफिया सूचना मिली थी कि संजीव मुखिया पटना के एक फ्लैट में छिपा हुआ है। इसके बाद CBI और बिहार पुलिस की विशेष टीम ने देर रात छापेमारी की और उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, दस्तावेज और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है, जो पेपर लीक के नेटवर्क को और उजागर कर सकती है।
संजीव मुखिया का आपराधिक इतिहास
संजीव मुखिया का नाम सबसे पहले 2010 में ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए नकल कराने के मामले में सामने आया था। इसके बाद वह कई प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक में शामिल रहा, जिसमें सिपाही भर्ती परीक्षा और BPSC पेपर लीक शामिल हैं। NEET पेपर लीक मामले में उसकी भूमिका तब उजागर हुई, जब जांच में पता चला कि प्रश्नपत्र सबसे पहले उसके पास पहुंचा था।
संजीव की मां ने एक बयान में दावा किया था कि उसका बेटा केंद्रीय मंत्रियों के संपर्क में है, जिसके कारण वह इतने समय तक फरार रहा। इस दावे ने जांच एजेंसियों पर सवाल उठाए थे कि क्या उसे जानबूझकर बचाया जा रहा था।


CBI और पुलिस की कार्रवाई
CBI ने NEET पेपर लीक मामले की जांच 23 जून 2024 से शुरू की थी, लेकिन संजीव मुखिया को पकड़ने में 11 महीने लग गए। इस दौरान सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने CBI की कार्यशैली पर सवाल उठाए, यह दावा करते हुए कि संजीव को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने बताया कि संजीव मुखिया लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा था और फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल कर रहा था। पटना में उसका ठिकाना एक किराए के फ्लैट में था, जहां वह बेहद सावधानी से रह रहा था। जांच में यह भी पता चला कि उसका नेटवर्क बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली तक फैला हुआ था।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर संजीव मुखिया की गिरफ्तारी को लेकर कई पोस्ट्स वायरल हो रहे हैं। कुछ यूजर्स ने इसे CBI और बिहार पुलिस की बड़ी कामयाबी बताया, जबकि अन्य ने देरी से गिरफ्तारी पर सवाल उठाए। एक यूजर ने लिखा, “11 महीने बाद संजीव मुखिया की गिरफ्तारी एक अच्छी खबर है, लेकिन यह सवाल बरकरार है कि इतना समय क्यों लगा?”
कई पोस्ट्स में यह भी मांग की गई कि संजीव के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो और इसमें शामिल बड़े चेहरों को सामने लाया जाए।
पेपर लीक का नेटवर्क और प्रभाव
NEET पेपर लीक मामले ने देश भर में हड़कंप मचा दिया था। लाखों छात्रों की मेहनत पर सवाल उठे, और सुप्रीम कोर्ट तक ने इस मामले में हस्तक्षेप किया। जांच में संजीव मुखिया के अलावा कई अन्य लोग भी गिरफ्तार हुए, जिनमें उसका भांजा रॉकी भी शामिल है।
संजीव मुखिया के नेटवर्क ने न केवल NEET, बल्कि अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं को भी प्रभावित किया। उसकी गिरफ्तारी से उम्मीद की जा रही है कि पेपर लीक के इस रैकेट के अन्य बड़े चेहरों का भी खुलासा होगा।
आगे की कार्रवाई
पुलिस और CBI अब संजीव मुखिया से पूछताछ कर रही है ताकि उसके नेटवर्क और सहयोगियों की पूरी जानकारी मिल सके। बिहार पुलिस ने कहा कि इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि क्या संजीव को किसी बड़े राजनीतिक या प्रशासनिक संरक्षण का लाभ मिल रहा था।

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