ऑपरेशन सिंदूर पर प्रियंका गांधी के सवालों का जवाब दिया निशिकांत दुबे ने

30 जुलाई 2025: संसद में मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान प्रियंका गांधी ने इतिहास की कुछ घटनाओं का जिक्र किया।
लोकसभा में मानसून सत्र पर ऑपरेशन सिंदूर पर कांग्रेस की सांसद प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार से कई सवाल पूछे हैं।
प्रियंका गांधी ने कहा की पहलगाम आतंकी हमले के पीछे जो चूक हुई है उस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर तीखा हमला किया ।उन्होंने पूछा यह हमला कैसे हुआ ।बैसरन घाटी में एक भी सुरक्षाकर्मीक्यों नहीं था ।
पहलगाम एक पर्यटकों के लिए लोकप्रिय स्थान है ।वहां पर सुरक्षा के इंतजाम करना सरकार की जिम्मेदारी है। सरकार ने इस लापरवाही पर अब तक क्यों जवाब नहीं दिया। पहलगाम आतंकी हमले पर 26 लोगों की हत्या का जिम्मेदार कौन है।
प्रियंका वाड्रा ने कहा कि कल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में 1 घंटे तक बोला ।इस दौरान आतंकवाद देश की रक्षा और इतिहास के बारे में भी बताया ।किंतु यह हमला कैसे हुआ वहां सुरक्षाकर्मी क्यों मौजूद नहीं थे ।नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है। इस बारे पर कोई भी जवाब नहीं दिया।
इसके अलावा प्रियंका वाड्रा ने अपनी मां सोनिया गांधी का जिक्र भी किया जिस पर अमित शाह ने आतंकवादियों के मारे जाने पर सोनिया गांधी के आंसुओं की बात कही थी।
प्रियंका गांधी ने कहा कि 2008 के मुंबई हमले में सभी आतंकियों को मार डाला गया था । जो बचा था उसे भी फांसी की सजा मिली थी ।मुंबई हमले की जिम्मेदारी लेते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने इस्तीफा भी दिया था। क्योंकि देश के प्रति हमारी जवाबदारी तय है । किंतु पहलगाम हमले में 22 अप्रैल के दिन क्या हुआ और कैसे हुआ।‌ इस बारे में केंद्र सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया ।
इसके अलावा प्रियंका वाड्रा ने यह भी कहा कि राजनाथ सिंह के गृहमंत्री रहते हुए पूरी में और पुलवामा में ,आतंकवादी हमले हुए ।अमित शाह के गृहमंत्री रहते हुए पहलगाम हमला हुआ। मणिपुर में हमला और दिल्ली में दंगा हुआ। क्या गृहमंत्री और रक्षा मंत्री अपने पद से इस्तीफा देंगे ?

प्रियंका वाड्रा के बयान पर चर्चा के दौरान निशिकांत दुबे के जवाब:
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस के सांसद प्रियंका वाड्रा के सवालों का कठोरता से जवाब दिया। प्रियंका ने इतिहास से उठी कई बातों का जिक्र किया। निशिकांत दुबे ने उसे पर भी निशाना साधा
निशिकांत दुबे ने कहा कि नेहरू जी देश के पहले प्रधानमंत्री थे ।वह आपके दादा या नाना हो सकते हैं । किंतु उनके प्रधानमंत्री के कार्यकाल में जो भी कार्य हुए हैं ।उन पर सवाल उठाने का पूरा अधिकार हमें है।
उन्होंने यह भी कहा नेहरू ने किताब के बारे में बताया कि ग्लिंपसे ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री glimpses of world history इस किताब में, उन्होंने मोहम्मद गजनी को एक योद्धा लिखा है ।जबकि मोहम्मद गजनी एक लुटेरा था। और आज के जमाने में हम उसे आतंकवादी मानते हैं। मोहम्मद गजनी अपने साम्राज्य का विस्तार करने आया था। उसने हिंदुओं पर कोई जुर्म नहीं किया। यही आज विपक्ष की मानसिकता है।
और इसके अलावा लियाकत अली पर भी उठाए सवाल
उन्होंने पाकिस्तान बनने के पीछे जो काम किए गए उसे पर भी सवाल उठाए उन्होंने कहा एक जिन्ना और दूसरा लियाकत अली। जिनकी वजह से देश का बंटवारा हुआ ।
गृहमंत्री अमित शाह ने की कांग्रेस की कड़ी आलोचना:
गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकाने पर हमला किया गया ।जिसे पाकिस्तान ने अपने ऊपर हमला माना ।
उसने पूरी दुनिया से कहा कि उसका आतंकवाद से कोई देना देना नहीं है ।जबकि आतंकवादियों के जनाजे में पाकिस्तान सेना के आला अफसर भी उपस्थित हुए थे । तब पाकिस्तान पूरी दुनिया के सामने एक्सपोज हो गया था। भारत ने पाकिस्तान के एयर बेस और एयर डिफेंस सिस्टम को भी निशाना बनाया ।तब पाकिस्तान के पास भारत की शरण आने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा था ।अमित शाह ने यह भी कहा कि विपक्ष इस बात पर भी सवाल उठा रहा है कि अगर हम इतनी अच्छी स्थिति में थे ,तो हमने युद्ध क्यों नहीं किया ।इसका जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि युद्ध के कई परिणाम होते हैं । और इसका निर्णय बहुत सोच समझकर करना पड़ता है । अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आज चीन सुरक्षा परिषद में है लेकिन भारत बाहर है क्यों ?
1948 में कश्मीर में हमारी सेनाएं निर्णायक पड़ाव पर होने के बावजूद भी नेहरू ने एक तरफ युद्ध विराम क्यों कर दिया था ?
यदि आज POK अस्तित्व में है तो नेहरू के युद्ध विराम के निर्णय के कारण ही है ।
1965 की लड़ाई में हाजी पीर जैसी स्ट्रैटेजिक जगह पर हमने कब्ज़ा कर दिया था ।लेकिन 1967 में उसे पाकिस्तान को क्यों लौटा दिया क्यों?
1971 के युद्ध में पाकिस्तान के 93000 युद्ध बंदी और 15000 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र यदि हमारे पास था तो उस समय की सरकार ने शिमला समझौता करके पाक अधिकृत कश्मीर क्यों नहीं दिया और 15000 किलोमीटर जमीन भी लौटा दी क्यों?
यदि उसे वक्त POK ले लेते तो आज यह स्थिति ही उत्पन्न नहीं होती ।उन्होंने कहा सीजफायर किसी दबाव में नहीं हुआ ।युद्ध का निर्णय बहुत सोच कर समझ कर लेना पड़ता है। और पुरानी गलतियों के लिए कांग्रेस की कड़ी आलोचना की।

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