पहलगाम आतंकी हमले पर भारत का करारा जवाब

पूर्व राजदूत ने पाकिस्तान के ‘मूर्खतापूर्ण कदम’ की खोली पोल

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर पाकिस्तान की नापाक साजिशों को उजागर कर दिया है। भारत के पूर्व राजदूत और संयुक्त राष्ट्र में देश का प्रतिनिधित्व कर चुके सैयद अकबरुद्दीन ने इस हमले को पाकिस्तान का ‘मूर्खतापूर्ण कदम’ करार देते हुए कड़ी निंदा की है। इस हमले के बाद भारत ने वैश्विक मंच पर पाकिस्तान को अलग-थलग कर दिया है, और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने भी इसकी भर्त्सना की है। आइए, इस घटना और भारत के जवाब को विस्तार से समझते हैं।
पहलगाम आतंकी हमला: क्या हुआ?
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने एक साहसिक हमला किया, जिसमें कई नागरिक और सुरक्षाकर्मी घायल हुए। यह हमला पर्यटकों के बीच लोकप्रिय पहलगाम में हुआ, जिसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के पर्यटन को नुकसान पहुंचाना और क्षेत्र में अशांति फैलाना था। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इस हमले के तार पाकिस्तान से जुड़े होने की पुष्टि की है। इस घटना ने भारत-पाक तनाव को और गहरा कर दिया है, खासकर तब जब भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए थे।
सैयद अकबरुद्दीन का बयान: पाकिस्तान पर सीधा हमला
संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने इस हमले की निंदा करते हुए पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “पहलगाम हमला एक कायराना और मूर्खतापूर्ण कदम है। पाकिस्तान ने इस हमले के जरिए न केवल भारत की शांति को भंग करने की कोशिश की, बल्कि जम्मू-कश्मीर में पर्यटन और सामाजिक सौहार्द को निशाना बनाया। लेकिन वह भूल गया कि भारत अब पहले जैसा नहीं रहा। हम आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रहे हैं।”
अकबरुद्दीन ने यह भी जोड़ा कि इस हमले का मकसद भारत में सांप्रदायिक तनाव और दंगे भड़काना था, ताकि पाकिस्तान अपने आतंकी नेटवर्क को और मजबूत कर सके। उन्होंने वैश्विक समुदाय से अपील की कि वे पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ जवाबदेह ठहराएं।

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की फजीहत
पहलगाम हमले की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने कड़ी निंदा की है, जिसके बाद पाकिस्तान वैश्विक मंच पर अलग-थलग पड़ गया है। अकबरुद्दीन ने UNSC की प्रतिक्रिया पर टिप्पणी करते हुए कहा, “यह एक घृणित कृत्य था, और पूरी दुनिया ने इसकी निंदा की है। अब सवाल यह है कि आगे क्या करना है?” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।

पाकिस्तान ने UNSC में इस हमले का बचाव करने की कोशिश की, लेकिन उसे कोई समर्थन नहीं मिला। भारत ने इस मंच पर ठोस सबूत पेश किए, जिसमें हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों की भूमिका को उजागर किया गया। इसने पाकिस्तान की स्थिति को और कमजोर कर दिया।
भारत का जवाब: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और बाद की रणनीति
पहलगाम हमले के बाद भारत ने न केवल सैन्य कार्रवाई तेज की, बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी पाकिस्तान को घेरा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय वायुसेना ने पीओके और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसने आतंकियों के हौसले पस्त कर दिए। इसके अलावा, भारत ने वैश्विक समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है।
अमेरिका में भारत के राजदूत विनय क्वात्रा ने भी इस मुद्दे पर बयान देते हुए कहा, “भारत आतंकियों के खिलाफ जंग लड़ रहा है। पहलगाम हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए हम हर कदम उठाएंगे। आतंकी दुनिया में कहीं भी छिपने की जगह नहीं पाएंगे।”
पाकिस्तान की मंशा: विदेश सचिव का खुलासा
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने भी इस हमले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने पहलगाम हमले को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया, ताकि भारत में सांप्रदायिक तनाव और दंगे भड़काए जाएं। इसके साथ ही, जम्मू-कश्मीर के पर्यटन को नुकसान पहुंचाकर वह क्षेत्र के युवाओं को आतंकवाद की ओर धकेलना चाहता है। मिस्त्री ने स्पष्ट किया कि भारत इस साजिश को नाकाम करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
सोशल मीडिया पर बहस
पहलगाम हमले और अकबरुद्दीन के बयान ने सोशल मीडिया, खासकर X पर, तीखी बहस छेड़ दी है। कई यूजर्स ने भारत की सख्त नीति और कूटनीतिक जीत की तारीफ की। एक यूजर ने लिखा, “सैयद अकबरुद्दीन ने UN में पाकिस्तान की सच्चाई उजागर कर दी। भारत अब चुप नहीं रहेगा!” वहीं, कुछ यूजर्स ने शांति की अपील करते हुए कहा कि युद्ध से किसी का भला नहीं होगा।

पहलगाम हमले का प्रभाव
पहलगाम हमले ने जम्मू-कश्मीर के पर्यटन पर गहरा असर डाला है। यह क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर है, लेकिन इस तरह के हमले पर्यटकों में डर पैदा करते हैं। स्थानीय व्यापारियों और पर्यटन से जुड़े लोगों ने सरकार से मांग की है कि क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाई जाए, ताकि पर्यटन फिर से पटरी पर लौट सके।
भारत की रणनीति: आगे क्या?
पहलगाम हमले के बाद भारत ने साफ कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति पर अडिग है। सरकार ने न केवल सैन्य और खुफिया स्तर पर कार्रवाई तेज की है, बल्कि वैश्विक मंचों पर भी पाकिस्तान को बेनकाब करने का अभियान शुरू किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की यह दोहरी रणनीति—सैन्य कार्रवाई और कूटनीतिक दबाव—पाकिस्तान को आतंकवाद को बढ़ावा देने से रोकने में कारगर साबित होगी।
जनता से अपील
भारत सरकार ने जनता से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “हमारी सेना और सुरक्षा एजेंसियां किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। नागरिकों से अनुरोध है कि वे केवल आधिकारिक सूत्रों से जानकारी लें।”

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