
‘हमारा कोई लेना-देना नहीं, दोषारोपण बंद करें
आतंकवाद पर सफाई, लेकिन लश्कर के तार फिर उजागर
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने खुद को निर्दोष बताने की कोशिश की है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि इस हमले से उनका देश का कोई संबंध नहीं है और भारत को बिना सबूत दोषारोपण बंद करना चाहिए। यह बयान तब आया है, जब खुफिया एजेंसियों ने लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर सैफुल्लाह को हमले का मास्टरमाइंड बताया है, जिसके तार सीधे पाकिस्तान से जुड़े हैं।
पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है। भारतीय खुफिया सूत्रों के मुताबिक, सैफुल्लाह को पाकिस्तान से निर्देश और संसाधन मिले थे। इसके बावजूद, पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने कहा कि उनका देश हर तरह के आतंकवाद की निंदा करता है और भारत को तथ्यों के आधार पर बात करनी चाहिए।
पाकिस्तान का यह रुख नया नहीं है। अतीत में भी उरी, पुलवामा और अन्य हमलों के बाद वह ऐसी ही सफाई देता रहा है। सोशल मीडिया पर लोग इस बयान को ढोंग बता रहे हैं, क्योंकि लश्कर और अन्य आतंकी संगठनों को पाकिस्तान से समर्थन के सबूत बार-बार सामने आए हैं।
भारत ने इस हमले के बाद कड़ा रुख अपनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर वापस लौटने का फैसला लिया और सुरक्षा पर हाई-लेवल बैठक बुलाई। भारतीय सेना और सुरक्षा बलों ने कश्मीर में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। सरकार ने स्पष्ट किया कि आतंकियों और उनके समर्थकों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
पहलगाम हमले ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस हमले की निंदा कर रहा है, और अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पीएम मोदी से फोन पर बात कर समर्थन जताया है। इस बीच, पाकिस्तान का पल्ला झाड़ने वाला रवैया उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहा है।