
शशि थरूर ने उसी देश में सुनाई खरी खरी!
शशि थरूर का कहना है भारत और पाकिस्तान में कोई समानता नहीं है ।शशि थरूर ने कोलंबिया सरकार पर नाराजगी जताई । और
कहा आतंकियों के खिलाफ लड़ने वाले और हमला करने वाले में कोई बराबरी नहीं हो सकती। यह बयान कोलंबिया में शशि थरूर ने दिया यह उसे बयान के जवाब में दिया गया जिसमें कोलंबिया ने 7 मई को भारत के ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान में मरने वालों के लिए दुख जताया था ।
कोलंबिया में आतंकवाद पर भारत के रुख को स्पष्ट किया ।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद तमाम देशों में भारत का पक्ष रखने के लिए सांसदों की टीम दुनिया के दौरे पर है। इनमें से एक टीम कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में अमेरिका और उसके आसपास के देशों पर है ।कल थुरूर कोलंबिया पहुंचे। इससे पहले वह पनामा और गयाना गए थे ।उनका मकसद पाकिस्तान के आतंकी गठजोड़ को दुनिया के सामने लाना है और आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को स्पष्ट करना है ।
उन्होंने कोलंबिया की धरती से ही कोलंबिया के रुख को बताया कि यह आतंकवाद के खिलाफ यह उचित नहीं है उन्होंने मेजबान की धरती से ही कोलंबिया को खरी-खरी सुना दी और भारत के पक्ष को वहां की जनता को अवगत कराया ।
उन्होंने कहा कि कोलंबिया का बयान निराश करने वाला था क्योंकि कोलंबिया ने पाकिस्तान में मरने वालों के लिए दुख जताया जबकि आतंकवाद के शिकार होने वाले लोगों के लिए उसके पास सहानुभूति के दो शब्द नहीं थे ।इस पर भारत के रुख को कोलंबिया में शशि थरूर ने स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि भारत ने पहलगाम हमले के बाद आत्मरक्षा के लिए ही ऑपरेशन सिंदूर किया। जिसमें 22 अप्रैल को पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी रेजिस्टेंट फ्रंट ले ली थी। और यह संस्था पाकिस्तान के मुरीदके में है ।
शशि थरूर ने कोलंबिया को समझाया कि शायद कोलंबिया को कोई गलतफहमी हो ,जो आतंकवादी और इसका विरोध करने वालों में अंतर स्पष्ट नहीं कर पा रहा। भारत में यह सुरक्षा के लिए ही कदम उठाया है अब अगर कोलंबिया में कोई गलतफहमी है तो वह उसे दूर करने यहां आए हैं ।उन्होंने यह स्पष्ट किया कि शायद कोलंबिया आतंकवाद की स्थिति को पूरी तरह समझ नहीं पा रहे इसलिए कोलंबिया ने पाकिस्तान के लिए दुख जताया उन्होंने अपने रुख को स्पष्ट किया कि भारत चाहता है कि दुनिया के देश आतंकवाद के साथ और आतंकवादियों को पनाह देना बंद करें और पाकिस्तान से कहें कि आतंकवादियों को पनाह देना बंद करें ।
थुरूर ने कहा कि भारत और कोलंबिया दोनों ही आतंकवाद का दर्द अच्छी तरह समझते हैं। भारत चार दशक से ही आतंकवादी हमले सह रहा है और कोलंबिया में भी ऐसे ही आतंकवादी घटनाएं होती रहती हैं। भारत शांति और प्रगति के लिए कार्य करता है और उन्होंने उम्मीद जताई कि कोलंबिया जैसा देश पाकिस्तान को आतंकवादियों की मदद करना बंद करने के लिए कहे । और ये संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अंदर या फिर बाहर हो सकता है। सुरूर ने दुनिया को भारत का पक्ष समझने की कोशिश की और यह स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ सख्त रवैया अपना आता है और कोलंबिया को भारत की स्थिति समझनी चाहिए।
थरूर ने आगे कहा कि भारत की कार्रवाई पूरी तरह रक्षात्मक और वैध थी। उन्होंने कहा, हम अपने कोलंबियाई मित्रों से विस्तार में बात करना चाहते हैं और भारत की स्थिति स्पष्ट करना चाहते हैं।
पहलगाम हमले के जवाब में भारत के द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर (Operations Sindoor) के बाद पाकिस्तान में मारे गए आतंकवादियों के लिए कोलंबिया सरकार ने शोक संवेदना व्यक्त की थी। भारत सरकार और कांग्रेस सांसद शशि थरूर को यह बात नागवार गुजरी। शुक्रवार को जब थरूर भारती सांसदों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए कोलंबिया में अपनी बात रख रहे थे तो उन्होंने आतंकियों के लिए शोक जताने को लेकर नाराजगी जताई। थरूर इस समय पांच देशों के दौरे पर एक सर्वदलीय डेलिगेशन का नेतृत्व कर रहे हैं।
कोलंबिया की राजधानी बोगोटा में मीडिया को संबोधित करते हुए थरूर ने कहा, “हम कोलंबिया सरकार की प्रतिक्रिया से थोड़े निराश हैं। उन्होंने पाकिस्तान में मारे गए आतंकवादियों को लेकर शोक जताया था। लेकिन आतंकवाद से पीड़ित लोगों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं दिखाई।”
उन्होंने जोर देकर कहा, “जो आतंकियों को भेजते हैं और जो उनका मुकाबला करते हैं, उनके बीच कोई नैतिक समानता नहीं हो सकती। हम केवल आत्मरक्षा का अधिकार निभा रहे हैं। अगर यहां इस मुद्दे पर कोई गलतफहमी है, तो हम उसे दूर करने आए हैं।”
भारत की स्थिति स्पष्ट करने पहुंचे हैं: थरूर
थरूर ने आगे कहा कि भारत की कार्रवाई पूरी तरह रक्षात्मक और वैध थी। उन्होंने कहा, “हम अपने कोलंबियाई मित्रों से विस्तार में बात करना चाहते हैं और इस पर भारत की स्थिति स्पष्ट करना चाहते हैं।”
कोलंबिया में भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि कोलंबिया में भारत के राजदूत वनलालहुमा ने प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया, जिससे आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ रुख को व्यक्त करने के लिए एक सार्थक जुड़ाव की शुरुआत हुई।
बोगोटा में अपने प्रवास के दौरान प्रतिनिधिमंडल कोलंबिया की कांग्रेस के सदस्यों, मंत्रियों और थिंक टैंक तथा मीडिया में अन्य प्रमुख वार्ताकारों के साथ बातचीत करेगा।
यह समूह उन सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक है, जिन्हें भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अवगत कराने के लिए 33 वैश्विक राजधानियों का दौरा करने भेजा है।