
लफुआ’ कहकर साधा निशाना, बताया असली संत का मतलब !
बिहार के चर्चित नेता पप्पू यादव ने एक बार फिर अपने बेबाक अंदाज से सुर्खियां बटोरी हैं। इस बार उन्होंने एक मशहूर हिंदू कथावाचक को ‘लफुआ’ कहकर निशाना साधा और असली संत की परिभाषा को अपने अंदाज में पेश किया। पप्पू यादव का यह बयान सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।
पप्पू यादव ने क्यों की ‘लफुआ’ वाली टिप्पणी?
पप्पू यादव ने एक सार्वजनिक मंच पर अपनी राय रखते हुए एक हिंदू कथावाचक पर तंज कसा। उन्होंने बिना नाम लिए कथावाचक को ‘लफुआ’ करार दिया और कहा कि कुछ लोग धर्म के नाम पर केवल दिखावा करते हैं। उनके इस बयान को लेकर अटकलें तेज हैं कि उनका इशारा किस ओर था। यादव ने यह भी जोड़ा कि असली संत वही है जो समाज के लिए निस्वार्थ भाव से काम करता है, न कि जो केवल मंचों पर प्रवचन देकर लोकप्रियता बटोरता है।

असली संत की परिभाषा क्या दी?
पप्पू यादव ने अपने बयान में असली संत की पहचान बताते हुए कहा, “सच्चा संत वही है जो गरीबों की सेवा करे, समाज को जोड़े और बिना किसी स्वार्थ के लोगों के दुख-दर्द में साथ दे।” उन्होंने यह भी कहा कि धर्म के नाम पर धंधा करने वालों को जनता जल्दी ही पहचान लेती है। उनके इस बयान को कुछ लोग समर्थन दे रहे हैं, तो कुछ इसे विवादास्पद मान रहे हैं।
सोशल मीडिया पर मचा बवाल
पप्पू यादव का यह बयान सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया। जहां उनके समर्थकों ने इसे उनकी बेबाकी का प्रतीक बताया, वहीं कुछ यूजर्स ने इस टिप्पणी को अनुचित ठहराया। कई लोगों ने सवाल उठाया कि क्या बिना नाम लिए इस तरह की टिप्पणी करना उचित है। इस विवाद ने एक बार फिर धार्मिक और राजनीतिक बहस को हवा दे दी है।

पप्पू यादव का बेबाक अंदाज
पप्पू यादव पहले भी अपने तीखे बयानों के लिए जाने जाते हैं। चाहे वह सामाजिक मुद्दों पर हो या राजनीतिक, वह हमेशा अपनी बात को बिना लाग-लपेट के रखते हैं। इस बार भी उनका यह बयान उनके उसी अंदाज को दर्शाता है, जिसके लिए वह अपने समर्थकों के बीच लोकप्रिय हैं।

इस बयान के बाद अब सबकी नजर इस बात पर है कि क्या संबंधित कथावाचक या उनके समर्थक इसका जवाब देंगे। साथ ही, यह भी देखना होगा कि पप्पू यादव इस मुद्दे पर और क्या कहते हैं। यह विवाद बिहार की सियासत में एक नया रंग ला सकता है।