
2 July 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से 5 देशों की यात्रा पर रवाना हो गए हैं।
यह यात्रा उनके पिछले 10 वर्षों की सबसे लंबी विदेश यात्रा है। इस यात्रा का उद्देश्य मुख्यतः ग्लोबल साउथ के कई प्रमुख देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत बनाना है । विदेश मंत्रालय के अनुसार, 8 दिवसीय इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ब्राजील के अलावा घाना, दो महाद्वीप त्रिनिदाद एंड टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया भी जाएंगे ।इस दौरान वह ब्राजील में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी शामिल होंगे।
8 दिनों की इस यात्रा में कई चरण होंगे जिसमें से–
(1) 2 से 3 जुलाई : यात्रा का पहला चरण:
यात्रा के पहले चरण में पीएम मोदी 2 दिन के लिए घाना का दौरा करेंगे । प्रधानमंत्री की घाना की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा है । पिछले तीन दशकों में ऐसा पहली बार है जब भारत का कोई प्रधानमंत्री घाना की यात्रा पर जा रहा है।
विदेश मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार– इस दौरान पीएम मोदी घाना के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। जिसमें आपसी रिश्तों की मजबूती और साझेदारी की समीक्षा, आर्थिक ऊर्जा और रक्षा में सहयोग जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होगी ।
(2) 3 से 4 जुलाई यात्रा का दूसरा चरण:
घाना की यात्रा के बाद पीएम मोदी 3 से 4 जुलाई तक त्रिनिदाद एंड टोबैगो की 2 दिन की यात्रा पर रहेंगे । यह 1999 के बाद यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की त्रिनिदाद एंड टोबैगो की यह पहली यात्रा होगी । इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी त्रिनिदाद एंड टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू और प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर के साथ वार्ता करेंगे । आपको बता दें कि यह दोनों ही भारतीय मूल के हैं। कैरेबियन में रहने वाले भारतीय प्रवासियों में से कम से कम 40% त्रिनिदाद और टोबैगो में बसे हैं । कैरेबियाई देश की संसद के संयुक्त सत्र को भी पीएम मोदी संबोधित करेंगे । प्रधानमंत्री की इस यात्रा से दोनों देशों के बीच गहरे और ऐतिहासिक संबंधों को नई गति और नई दिशा मिलेगी।
(3) 4 से 5 जुलाई यात्रा का तीसरा चरण:
अर्जेंटीना में–
प्रधानमंत्री मोदी 4 से 5 जुलाई तक अर्जेंटीना की यात्रा पर रहेंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस दौरान पीएम रक्षा, कृषि, खनन, तेल व गैस, पर्यटन,नवीकरणीय ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, व्यापार और निवेश जैसे प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी को और बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ व्यापक बातचीत करेंगे । पीएम मोदी की इस द्विपक्षीय यात्रा से भारत और अर्जेंटीना के बीच रिश्तो में सुदृढ़ता आएगी और बहुआयामी व्यापारिक,रणनीतिक साझेदारी और मजबूत होगी ।
(4) 5 जुलाई 8 यात्रा का चौथा चरण: ब्राजील में –
प्रधानमंत्री मोदी 5 से 8 जुलाई तक ब्राजील में ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने ब्राजील में रहेंगे ।प्रधानमंत्री के रूप में मोदी की यह ब्राजील की चौथी यात्रा होगी। मोदी की यात्रा का यह चौथा चरण सबसे महत्वपूर्ण चरण है जिसमें राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा के निमंत्रण पर वहां की यात्रा कर रहे हैं ।
ब्रिक्स नेताओं का 17वां शिखर सम्मेलन रियो डी जेनेरियो में आयोजित किया जा रहा है । शिखर सम्मेलनके दौरान पीएम मोदी द्वारा कई द्विपक्षीय बैठकें किए जाने की भी संभावना है ।
विदेश मंत्रालय के अनुसार ब्राजील की राजकीय यात्रा के दौरान मोदी ब्राज़ील जाएंगे ।जहां से वह राष्ट्रपति लूला के साथ व्यापार ,रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष ,प्रौद्योगिकी ,कृषि ,स्वास्थ्य और आपसी हित के क्षेत्र में दोनों देशों की साझेदारी को व्यापक बनाने पर चर्चा करेंगे ।
इसके अलावा ब्राजील ने भी संचार प्रौद्योगिकी और भारत की आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली में रुचि दिखाई है। जिसका प्रयोग ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किया गया था ।ब्राजील का मानना है कि यह एक सुरक्षित संचार प्रणाली है।
(5) यात्रा का अंतिम और पांचवां चरण:
नामीबिया में:
अपनी यात्रा के अंतिम चरण के के दौरान प्रधानमंत्री मोदी अफ्रीकी देश नामीबिया जाएंगे ।इस दौरान वह राष्ट्रपति नेटुम्बो नांदी नदैतवा के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. पीएम मोदी द्वारा नामीबिया की संसद को भी संबोधित करेंगें।
भारत ग्लोबल साउथ को लेकर वैश्विक स्तर पर लगातार मुखर रहा है । क्योंकि ग्लोबल साउथ में वे देश आते हैं जो अल्प विकसित या अविकसित माने जाते हैं। जो मुख्य रूप से अफ्रीका एशिया और लैटिन अमेरिका में स्थित है।
पीएम मोदी यहां देश के संस्थापक सम नुजुमा को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे ।विदेश मंत्रालय का अनुसार प्रधानमंत्री की यह यात्रा नामीबिया के साथ भारत के गहरी ऐतिहासिक संबंधों को दर्शाता है ।भारत और नामीबिया के बीच व्यापार बढ़कर अब करीब 600 मिलियन डॉलर हो गया है जिसमें कई भारतीय कंपनियों ने नामीबिया में खनन विनिर्माण और सेना में निवेश किया है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार मोदी के इस दौरे का उद्देश्य वैश्विक साउथ में भारत के प्रभाव को बढ़ाना है जिसमें मुख्य रूप से रक्षा व्यापार और आर्थिक सहयोग पर चर्चा होगी यह यात्रा अफ्रीकी और लैटिन अमेरिकी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने की भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।