
विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की क्या है रणनीति ?
कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी के बैक-टू-बैक बिहार दौरे ने सियासी हलचल तेज कर दी है। बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही उनकी लगातार सक्रियता और जनसभाओं ने हर किसी का ध्यान खींचा है। आखिर क्या है कांग्रेस का मास्टर प्लान? क्या राहुल गांधी बिहार में पार्टी को नई ताकत दे पाएंगे? आइए जानते हैं इस दौरे की 10 खास बातें और कांग्रेस की रणनीति का लेखा-जोखा !

राहुल गांधी की बिहार में हुंकार
राहुल गांधी ने हाल ही में बिहार के विभिन्न हिस्सों में ताबड़तोड़ रैलियां और जनसभाएं कीं। दरभंगा से लेकर पटना तक, उनके दौरे ने कार्यकर्ताओं में जोश भरा और विपक्षी खेमे में खलबली मचा दी। इन सभाओं में उन्होंने सामाजिक न्याय, शिक्षा और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को जोर-शोर से उठाया।
‘न्याय संवाद’ का मास्टरस्ट्रोक
कांग्रेस ने बिहार में ‘न्याय संवाद’ अभियान शुरू किया है, जिसके तहत राहुल गांधी और अन्य नेता सीधे जनता से जुड़ रहे हैं। दरभंगा में छात्रों से संवाद और सिविल सोसाइटी के साथ मुलाकात इसका हिस्सा है। इस अभियान का मकसद दलितों, पिछड़ों और अतिपिछड़ों के हक की बात को मजबूती से उठाना है।

शिक्षा और बेरोजगारी पर जोर
राहुल गांधी ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “JDU-BJP सरकार में 3 साल की डिग्री 6 साल में मिलती है।” इस बयान के जरिए उन्होंने युवाओं के बीच अपनी पैठ बनाने की कोशिश की। बेरोजगारी और सरकारी नौकरियों में देरी जैसे मुद्दों को भी उन्होंने प्रमुखता से उठाया।
कन्हैया कुमार के साथ नया जोश
राहुल गांधी के साथ बिहार में कन्हैया कुमार की सक्रियता ने कांग्रेस को नई ऊर्जा दी है। बेगूसराय में दोनों नेताओं की संयुक्त पदयात्रा ने युवा वोटरों को लुभाने की कोशिश की। कन्हैया की मौजूदगी को कांग्रेस की रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है।

कृष्णा अल्लावेरु का बिहार मिशन
राहुल गांधी के करीबी कृष्णा अल्लावेरु को बिहार भेजा गया है, जो पार्टी के जनाधार को मजबूत करने और चुनावी रणनीति को धार देने में जुटे हैं। उनकी प्राथमिकता राहुल की पदयात्रा और जनसंपर्क को और प्रभावी बनाना है। यह कदम दिखाता है कि कांग्रेस इस बार बिहार में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।
संविधान और सामाजिक न्याय का मुद्दा
राहुल गांधी ने अपने दौरे में बार-बार बाबा साहेब के संविधान और सामाजिक न्याय की बात की। उन्होंने कहा, “दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को उनका हक दिलाना कांग्रेस की प्राथमिकता है।” यह बयान बिहार की जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखकर दिया गया है।
JDU-BJP पर तीखा हमला
राहुल ने नीतीश कुमार और BJP की गठबंधन सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सरकार की नाकामी को उजागर किया। यह रणनीति विपक्षी गठबंधन को कमजोर करने की कोशिश का हिस्सा है।

पटना में फुले फिल्म का प्रदर्शन
राहुल गांधी ने पटना में सिविल सोसाइटी के साथ ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित फिल्म देखी। यह कदम सामाजिक सुधार और शिक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो बिहार के मतदाताओं को प्रभावित करने की रणनीति का हिस्सा है।
60 जगहों पर ‘न्याय संवाद’ की योजना
कांग्रेस ने बिहार के 60 स्थानों पर ‘न्याय संवाद’ कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है। यह अभियान पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने और मतदाताओं से सीधा संवाद स्थापित करने का प्रयास है।
क्या है कांग्रेस का मास्टर प्लान?
राहुल गांधी के दौरे और कांग्रेस की रणनीति से साफ है कि पार्टी बिहार में इस बार पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ेगी। युवा, दलित और पिछड़े वर्गों को साधने के साथ-साथ नीतीश सरकार की कमियों को उजागर करना उनकी रणनीति का केंद्र है। क्या यह प्लान बिहार में कांग्रेस को नई ताकत दे पाएगा? यह सवाल अब हर किसी के जेहन में है।
