
25 जुलाई 2025: भोग, मोक्ष और साधकों को सिद्धि देने वाले स्वरूप!
भगवान शिव को केवल एक देवता नहीं, अपितु संपूर्ण सृष्टि के आदि स्रोत, संहारक और मोक्षदाता के रूप में माना जाता है। शिव ने समय-समय पर विभिन्न अवतार लेकर संसार के कल्याण हेतु विविध रूपों में प्रकट होकर धर्म की रक्षा की है।
यहां हम श्री शिव महापुराण के अंतर्गत तृतीय शतरूद्रसंहिता में “शिव दशावतार वर्णन” नामक 17वें अध्याय के अनुसार भगवान शिव के 10 विशेष अवतारों का वर्णन कर रहे हैं, जो न केवल आध्यात्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि तांत्रिक साधनाओं में भी अत्यंत पूजनीय माने जाते हैं।
1. महाकाल
यह शिव का प्रथम अवतार है। ये सज्जन व्यक्तियों को भोग (सांसारिक सुख) और मोक्ष दोनों प्रदान करते हैं।
इनकी शक्ति हैं – महाकाली, जो अपने भक्तों को उनका इच्छित फल देती हैं।
2. तार
दूसरे अवतार को “तार” नाम से जाना जाता है।
इनकी शक्ति हैं – तारा, जो भोग और मोक्ष दोनों देती हैं। ये रूप साधकों को शुभता और शांति प्रदान करते हैं।
3. बाल भुवनेश्वर
तीसरे अवतार को “बाल भुवनेश्वर” कहा जाता है।
इनकी शक्ति हैं – बाला भुवनेश्वरी, जो अपने भक्तों को सुख, सौंदर्य और संतुलन प्रदान करती हैं।
4. षोडश नामक विद्येश्
यह अवतार “षोडश” नाम से प्रकट हुआ।
इनकी महाशक्ति हैं – षोडशी श्रीविद्या, यह रूप अत्यंत दुर्लभ और मोक्षदायक है।
5. भैरव
पांचवां अवतार “भैरव” के रूप में प्रसिद्ध है।
इनकी महाशक्ति हैं – गिरिजा भैरवी, जो भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं।
6. छिन्नमस्तक
छठा अवतार “छिन्नमस्तक” के रूप में वर्णित है।
इनकी शक्ति हैं – छिन्नमस्तका गिरिजा, जो आत्मबल, त्याग और तेज का प्रतीक हैं। यह रूप साधकों की सभी मनोकामनाएं पूरी करता है।
7. धूमवान
सातवें अवतार को “धूमवान” कहा गया है।
इनकी शक्ति हैं – धूमावती, जो विशेष रूप से तांत्रिक साधना में पूजनीय हैं और उपासना का फल प्रदान करती हैं।
8. बगलामुख
आठवां अवतार “बगलामुख” के नाम से जाना जाता है।
इनकी शक्ति हैं – बगलामुखी देवी, जो शत्रुओं का नाश करती हैं और भक्तों को विजय दिलाती हैं।
9. मातंग
नवां अवतार “मातंग” कहलाता है।
इनकी शक्ति हैं – मातंगी, जो कला, वाणी, संगीत और सुंदरता की अधिष्ठात्री देवी हैं और भक्तों की कामनाएं पूरी करती हैं।
10. कमल
दसवां अवतार “कमल” नाम से जाना जाता है।
इनकी शक्ति पार्वती का नाम कमला है , जो भोग और मोक्ष दोनों देती हैं। यह रूप पालनकर्ता और सौम्यता का प्रतीक है।
भगवान शिव के ये दस अवतार न केवल आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि प्रत्येक रूप में विशेष तांत्रिक और साधनात्मक शक्ति समाहित है। इन अवतारों की आराधना से भक्तों को न केवल सांसारिक सुख प्राप्त होते हैं, बल्कि मोक्ष की भी प्राप्ति होती है।
हर हर महादेव