मोदी की तारीफ में सलमान खुर्शीद का बयान

कांग्रेस में बवाल, राशिद अल्वी ने क्यों मांगी कार्रवाई?

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद के एक हालिया बयान ने भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी है। इंडोनेशिया के जकार्ता में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले की तारीफ की और इसे कश्मीर में समृद्धि और लोकतंत्र की मजबूती का कारण बताया। उनके इस बयान ने न केवल उनकी अपनी पार्टी में विवाद खड़ा कर दिया, बल्कि कांग्रेस के कई नेताओं को असहज स्थिति में ला खड़ा किया। पार्टी के एक और नेता राशिद अल्वी ने इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और सलमान खुर्शीद के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई। आइए, इस पूरे घटनाक्रम को गहराई से समझते हैं और जानते हैं कि आखिर यह बयान क्यों बन गया है कांग्रेस के लिए सिरदर्द।

“कश्मीर में बदला माहौल, 370 हटाना सही कदम”

सलमान खुर्शीद ने जकार्ता में एक कार्यक्रम के दौरान खुलकर मोदी सरकार की तारीफ की। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने से जम्मू-कश्मीर में अलगाव की भावना कम हुई है और वहां 65% मतदान के साथ एक चुनी हुई सरकार स्थापित हुई है। उनके इस बयान ने कश्मीर में आए बदलाव को एक सकारात्मक कदम के रूप में प्रस्तुत किया। खुर्शीद ने यह भी कहा कि कश्मीर में अब समृद्धि और लोकतंत्र की नई लहर देखने को मिल रही है, जो पहले संभव नहीं थी। उनके इस बयान को कई लोग कांग्रेस की आधिकारिक लाइन से अलग मान रहे हैं, क्योंकि पार्टी लंबे समय से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के फैसले का विरोध करती रही है।

कांग्रेस में क्यों मचा बवाल?

सलमान खुर्शीद का यह बयान कांग्रेस के लिए एक अप्रत्याशित झटका साबित हुआ है। पार्टी के कई नेताओं का मानना है कि यह बयान न केवल पार्टी की विचारधारा के खिलाफ है, बल्कि यह विपक्ष की एकता को भी कमजोर करता है। राशिद अल्वी ने इस मामले में तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि सलमान खुर्शीद का यह बयान “देशभक्ति” के नाम पर पार्टी को नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने पार्टी नेतृत्व से मांग की कि इस तरह के बयानों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। अल्वी का कहना है कि इस तरह के बयान से कार्यकर्ताओं में भ्रम पैदा होता है और पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचता है।

“खुर्शीद का विद्रोह या सच्चाई का आलम?”

सलमान खुर्शीद का यह बयान कई सवाल खड़े करता है। क्या यह उनकी व्यक्तिगत राय थी, या फिर यह कांग्रेस के अंदर चल रही किसी आंतरिक असहमति का परिणाम है? कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि खुर्शीद का यह बयान कांग्रेस के भीतर नेतृत्व और रणनीति को लेकर चल रही खींचतान का हिस्सा हो सकता है। इससे पहले भी कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने मोदी सरकार की कुछ नीतियों की तारीफ की थी, जिसे लेकर पार्टी में असहजता देखी गई थी। खुर्शीद का यह बयान उस कड़ी को और मजबूत करता है।

कश्मीर में बदलाव की सच्चाई

खुर्शीद ने अपने बयान में कश्मीर में आए बदलावों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद कश्मीर में मतदान का प्रतिशत बढ़ा है और वहां की जनता अब लोकतांत्रिक प्रक्रिया में ज्यादा सक्रिय हो रही है। यह बयान उस समय और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, जब विपक्ष लगातार यह दावा करता रहा है कि 370 हटाए जाने से कश्मीर में अशांति बढ़ी है। खुर्शीद के इस बयान ने न केवल इस दावे को चुनौती दी है, बल्कि यह भी सवाल उठाया है कि क्या कांग्रेस को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने की जरूरत है।

पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी

कांग्रेस के लिए यह कोई नई बात नहीं है कि उसके नेता समय-समय पर पार्टी लाइन से हटकर बयान देते रहे हैं। लेकिन सलमान खुर्शीद जैसे वरिष्ठ और अनुभवी नेता का इस तरह का बयान देना निश्चित रूप से पार्टी के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया है। कुछ लोग इसे खुर्शीद की व्यक्तिगत राय मान रहे हैं, तो कुछ इसे कांग्रेस के अंदर चल रही गुटबाजी का हिस्सा बता रहे हैं। यह बयान ऐसे समय में आया है, जब कांग्रेस विपक्षी गठबंधन को मजबूत करने और 2024 के लोकसभा चुनावों की हार के बाद अपनी रणनीति को नए सिरे से तैयार करने में जुटी है।

राशिद अल्वी की कार्रवाई की मांग

राशिद अल्वी ने सलमान खुर्शीद के बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान से पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता है और विपक्ष की एकजुटता कमजोर होती है। अल्वी ने पार्टी नेतृत्व से मांग की कि इस मामले में सख्त कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में कोई भी नेता इस तरह की बयानबाजी से बचे। उनके इस बयान ने कांग्रेस के अंदर की दरार को और उजागर कर दिया है।

क्या होगा इसका असर?

सलमान खुर्शीद का यह बयान न केवल कांग्रेस के लिए, बल्कि विपक्षी गठबंधन के लिए भी एक चुनौती बन सकता है। यह बयान बीजेपी को यह मौका देता है कि वह विपक्ष के बीच मतभेदों को उजागर करे। साथ ही, यह कांग्रेस के उन कार्यकर्ताओं के लिए भी एक झटका है, जो पार्टी की विचारधारा को लेकर प्रतिबद्ध हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस नेतृत्व इस मामले को कैसे संभालता है और क्या सलमान खुर्शीद अपने बयान पर सफाई देंगे।

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