
14 जुलाई 2025: हिंदू धर्म में सावन का मास बेहद खास माना जाता है। मान्यता है कि सावन के माह में भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं। और विश्व के संचालन का भार भगवान शिव के अधीन होता है । ऐसे में इस पूरे माह शिव जी का पूजन करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
सावन मास भगवान शिव को समर्पित होता है । इस पूरे मास में व्रत पूजा पाठ और शिवलिंग के अभिषेक का बड़ा महत्व होता है । यदि हम पूरे सावन मास शिव भक्ति नहीं कर सकते तो सावन के सोमवार की पूजा और व्रत से भी शिवजी को प्रसन्न कर सकते हैं । आईए जानते हैं सावन के पहले सोमवार के शुभ मुहूर्त!
शिवपूजन का मुहूर्त!
ब्रह्म मुहूर्त –4 :11 a.m से 452 a.m
अभिजीत मुहूर्त –11:59 a.m से 12:55 pm
विजय मुहूर्त –2:45 pm से 3:40 pm
गोधूलि मुहूर्त– 7:20 pm से 7:40 pm
अमृत काल– 11:21 pm से 12:55 a.m
शिव जी का पूजन कैसे करें :
सबसे पहले सुबह स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें । किसी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग को गंगाजल से स्नान कराकर दूध दही घी शहद से शिवलिंग का अभिषेक करें । इसके बाद सफेद ,चंदन ,भांग, धतूरा का फल, फूल और बेलपत्र चढ़ाएं और कपूर से आरती करें।
ॐ नमः शिवाय का जाप करें ।
सावन के पूरे मास में यदि शिवलिंग का अभिषेक ना कर सके तो हर सोमवार शिवलिंग का अभिषेक करें । यदि आपके घर में शिवलिंग है तो आप घर पर ही पूजन कर सकते हैं ।
शुद्ध जल, गंगाजल ,दूध ,दही, घी, शहद ,शर्करा, गन्ने का रस से शिवलिंग का अभिषेक करें। फिर शुद्ध जल से स्नान करायें । फल, फूल, बेलपत्र, धतूरा, शमी पत्र,अर्पित करें ।
भगवान गणेश माता पार्वती कार्तिकेय महाराज और नंदी महाराज का पूजन करें।और मंत्रों का जाप करें। ॐ नमः शिवाय या श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप करें।
सावन के सोमवार का महत्व :
सभी जानते हैं कि सावन के सोमवार बहुत महत्वपूर्ण होते हैं इस बार सावन में चार सोमवार पड़ रहे हैं । सावन के सोमवार को शिव जी का पूजन करने से शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है ।
व्रत और उपवास :
सावन के सोमवार के व्रत में अनाज का सेवन नहीं किया जाता । कुछ लोग एक समय के भजन करके व्रत करते हैं कुछ लोग फलाहार लेते हैं और कुछ लोग निर्जला व्रत भी रखते हैं। व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद करें। सावन के सोमवार के व्रत का पारण भगवान शिव की पूजा के बाद अपना संकल्प पूर्ण करने के साथ करें । प्रसाद का सेवन कर व्रत का पारण किया जा सकता है।