
मुख्यमंत्री ने दिए कड़े निर्देश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टैक्स चोरी और शेल कंपनियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ऐसी कंपनियों पर तत्काल कार्रवाई की जाए और हर हाल में जवाबदेही सुनिश्चित की जाए. यह कदम राज्य में वित्तीय अनियमितताओं पर लगाम लगाने और पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि टैक्स चोरी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी.
शेल कंपनियां, जो अक्सर अवैध लेनदेन और टैक्स चोरी के लिए इस्तेमाल होती हैं, लंबे समय से सरकार के निशाने पर हैं. सूत्रों के अनुसार योगी सरकार ने इस दिशा में पहले से ही कई कदम उठाए हैं, लेकिन अब इस मुहिम को और तेज करने का फैसला किया गया है. मुख्यमंत्री ने वित्त और राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ऐसी कंपनियों की पहचान कर उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई शुरू की जाए. इसके लिए विशेष जांच टीमें गठित करने की बात भी सामने आई है, जो संदिग्ध कंपनियों की गतिविधियों पर नजर रखेंगी.
योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा है कि शेल कंपनियों के जरिए होने वाली टैक्स चोरी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं. उन्होंने जोर देकर कहा कि हर मामले में जवाबदेही तय की जाए, चाहे वह कंपनी के मालिक हों या उनके साथ जुड़े लोग. सरकार का लक्ष्य है कि ऐसी कंपनियों का नेटवर्क पूरी तरह से ध्वस्त किया जाए, ताकि राज्य के राजस्व को होने वाले नुकसान को रोका जा सके. इसके लिए डेटा एनालिसिस और तकनीकी उपायों का सहारा लिया जाएगा, जिससे संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाया जा सके.
राज्य सरकार के इस कदम से न केवल टैक्स चोरी पर लगाम लगेगी, बल्कि अवैध धन के प्रवाह पर भी अंकुश लगेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि शेल कंपनियों के खिलाफ यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश में व्यापार और निवेश के माहौल को और बेहतर बनाएगी. इससे न केवल सरकार का राजस्व बढ़ेगा, बल्कि ईमानदार कारोबारियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से कार्ययोजना तैयार करने के लिए कहा है. इसके तहत संदिग्ध कंपनियों की सूची तैयार की जाएगी और उनकी गतिविधियों की गहन जांच होगी. साथ ही, टैक्स चोरी के मामलों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को और तेज किया जाएगा. योगी सरकार का यह कदम न केवल वित्तीय अनुशासन को बढ़ावा देगा, बल्कि राज्य में सुशासन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है. आने वाले दिनों में इस कार्रवाई के परिणाम सामने आने की उम्मीद है, जो उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने में मदद करेगी.