
15 जुलाई 2025: सावन के महीने में शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। हर मंदिर की अपनी मान्यता अपना इतिहास होता है । कुछ अनोखी मान्यताएं होती हैं। ऐसा ही एक अनोखा मंदिर है । उत्तर प्रदेश केप्रयागराज में नाथेश्वर महादेव मंदिर।
नाथेश्वर महादेव मंदिर: ताले वाले महादेव!
इस मंदिर की मान्यता भी बड़ी अनोखी है दरअसल यहां पर भक्त ताला लगाकर अपनी मन्नत मांगते हैं और बाद में मंदिर मन्नत पूरी होने पर ताला खोलने आते हैं।
सावन के दिनों में इस मंदिर में दूर दराज से लोग आते हैं
मंदिरों में लोग भगवान को फूल माला और मिठाई चढ़ाते हैं किंतु कई जगह में मान्यता के अनुसार अलग-अलग चीज चढ़ाने की मान्यता होती है । उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में नाथेश्वर महादेव मंदिर जिसे ताले वाले महादेव के नाम से भी जानते हैं।
इस मंदिर की खिड़की और दरवाजों पर कई ताले लगे हैं। लोग यहां पर अपनी मनोकामना पूरा करने के लिए मंदिर में ताला लगाते हैं और मनोकामना पूर्ण होने पर उसे ताले को खोलने आते हैं।
इस मंदिर के महंत शिवम मिश्रा ने बताया कि इस मंदिर में लगभग 3000 से अधिक ताले लग चुके हैं।
यह मंदिर लगभग 500 वर्ष पुराना है जिसकी स्थापना मुगल काल में हुई थी ।पहले यह मंदिर समतल जमीन पर बनाया गया था।
इस मंदिर की खास बात यह है कि सभी अपनी मनोकामना पूरा होने के लिए मंदिर के प्रांगण में एक ताला लगाते हैं और मनोकामना पूरा होने के बाद ताला खोलकर अपने साथ ले जाते हैं। जिससे यहां पर हजारों की संख्या में ताले लगे हुए हैं । श्रद्धालुओं को अपने ताले की पहचान खुद करनी होती है । इसलिए वह अपने ताले पर कुछ निशान लगा देते हैं । मुख्य द्वार को छोड़कर इस महादेव के मंदिर में चारों तरफ ताले ही ताले दिखाई देते हैं।
महादेव की दिव्य शक्ति का एहसास:
यह मंदिर सैकड़ो वर्ष पुराना है। लोग मंदिर में बने शिवलिंग की पूजा करते हैं और पूजा के बाद मंदिर परिसर में ही अपनी मन्नत मांगने के लिए ताले लगाते हैं ।
ऐसी मान्यता है कि अगर ताला लगाते हुए कोई मनोकामना मांगी जाए तो जरूर पूरी होती है ।
इसके अलावा अगर मंदिर में लोग अगरबत्ती जलाते हुए महादेव को याद करें तो महादेव की दिव्य शक्ति का एहसास होता है ।
मान्यता पूरी होने पर लोग ताला खोलने भी आते हैं । उसे दिन उत्सव जैसा माहौल होता है
सावन के महीने में इस महादेव के मंदिर में बहुत भीड़ होती है । सावन में यहां महादेव का रुद्राभिषेक होता है जिसे देखने के लिए कई लोग आते हैं।