
28 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में अवसानेश्वर मंदिर में भगदड़ की घटना सामने आई है।
सावन के तीसरे सोमवार को मंदिर में दर्शन और जलाभिषेक के लिए आधी रात से ही श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर की तरफ बढ़ रही थी । श्रद्धालु गोमती नदी में स्नान कर रात 12:00 से ही मंदिर खुलने का इंतजार कर रहे थे। रात 1:30 बजे मंदिर के कपाट खुले तो सभी श्रद्धालु जयकारे लगाते हुए लाइन लगाकर आगे बढ़ रहे थे। मंदिर खुलने के आधे घंटे के बाद करीब 2:00 बजे मंदिर के बाहर गैलरी के टीन शेड में लगे हुए लोहे के पोल में करंट आ रहा था । जिससे लोगों को करंट के झटके लगने शुरू हुए । लोग बचाव के लिए पोल से दूर भागने लगे जिससे वहां भगदड़ जैसी स्थितियां हो गई । इस हादसे में दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 38 लोग घायल हो गए । घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सूचना मिलने पर पुलिस, प्रशासन और बचाव दल वहां पहुंचकर एंबुलेंस से घायलों को अस्पताल पहुंचाना शुरू किया ।जहां डॉक्टरों ने तत्काल इस इलाज शुरू किया।
घटना की जानकारी के बाद जिलाधिकारी ,पुलिस अधीक्षक और अधिकारी समेत घटनास्थल का निरीक्षण किया गया ।भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने बैरिकेड लगाकर प्रवेश द्वार बंद कर दिया।
आशंका जताई जा रही है कि बिजली का तार टूटकर गिर गया ।जिस टीन शेड में करंट फैल गया। जानकारी यह भी मिल रही है कि शायद बंदरों ने बिजली का तार टीन शेड पर गिराया था।
जिससे मंदिर परिसर में अचानक ही करंट फैल गया । करंट फैलने से भगदड़ की स्थितियां बनी और श्रद्धालुओं में अपना अफरा तफरी मच गई। घायलों में कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। घायलों को एंबुलेंस से हैदरगढ़ और त्रिवेदीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया है। और कुछ गंभीर घायलों को बाराबंकी जिला अस्पताल में रेफर किया गया है।
पुरातत्व विभाग के अनुसार यह अवसानेश्वर महादेव मंदिर करीब 450 वर्ष पुराना बताया गया है जो ढाई एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है।
मनसा देवी मंदिर में भी कल रविवार को हुई थी भगदड़ :
इसके पहले रविवार को सुबह करीब 9:15 बजे हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भी भगदड़ की स्थितियां बनी थी। जिसमें आठ श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे । मनसा देवी मंदिर में भी यह भगदड़ करंट फैलने की अफवाह से हुई थी। गौरतलब है कि सावन के माह में मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है। भारी भीड़ के चलते कई बार किसी अफवाह के चलते भी अपना तफरी मच जाती है।
मनसा देवी माता मंदिर शिवालिक पहाड़ियों में बल्व पर्वत पर स्थित है।
और हर की पौड़ी से करीब 3 किलोमीटर दूर है । मंदिर तक पहुंचाने के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर का रास्ता चढ़ाई वाला रास्ता है। इसे रोपवे के माध्यम से भी पहुंचा जा सकता है।
रविवार को सुबह मंदिर में बहुत ज्यादा भीड़ थी। भीड़ अधिक होने से लोग तार पकड़ कर चढ़ रहे थे। एक चश्मदीद के अनुसार तार में करंट फैलने की अफवाह से अफरा तफरी का माहौल बन गया। इस भगदड़ में करीब 6 लोगों की मौत हो गई और 29 लोग घायल हो गए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और मृत्यु के परिवारों को ₹2 लाख और घायलों को पचास हजार देने का ऐलान किया।
मनसा देवी के महंत रवींद्र पुरी का बयान :
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी जो मनसा देवी के महंत भी हैं उन्होंने बताया कि भगदड़ की घटना मंदिर के परिसर में नहीं हुई है । मंदिर जाने के तीन रास्ते हैं, जिसमें से एक रास्ते में बारिश के कारण बहुत ज्यादा फिसलन हो गई थी और श्रद्धालुओं के फिसलन की वजह से करंट की अफवाह फैल गई । जिससे भगदड़ की स्थितियां उत्पन्न हुई । जिस समय यह घटना हुई उस समय मंदिर में हजारों लोग मौजूद थे।
एक स्थानीय युवक के अनुसार करंट की बात महज एक अफवाह थी। भीड़ ज्यादा होने की वजह से यह हादसा हुआ।
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