
11 जुलाई 2025: साइकिल पर गली-गली घूम कर अंगूठी बेचने वाला छांगुर बाबा ने करोड़ों का साम्राज्य कैसे खड़ा किया।
ठाकुर बाबा बलरामपुर जिले की उतरौला तहसील के अंतर्गत रेहरा गांव में रहने वाला था। उसका जन्म इसी गांव में हुआ था । छांगुर बाबा के तीन और भाई हैं । सभी का बचपन गरीबी में बीता था । भीख मांग कर सभी जीवन यापन करते थे ।
गांव के लोग बताते हैं कि छांगुर बाबा साइकिल से अंगूठी और रत्न बेचने का काम करता था। कई साल तक यह काम करने के बाद वह मुंबई चला गया।
और वापस आने के बाद जैसे उसकी किस्मत ही बदल गई । लोग उसकी धन दौलत और कोठी देखकर हैरान है।
आईए जानते हैं कितनी संपत्ति बनाई छांगुर बाबा ने :
बलरामपुर में बनी छांगुर बाबा की हवेली किले जैसी दिखती है। जिसमें ऊंची दीवारें हैं। और दीवारों पर कांटेदार तार लगाए गए हैं। जिसमें करंट फैला रहता था । इसके बाद अंदर 18 से 20 कैमरे वाली एक महल जैसी दिखने वाली कोठी थी। एक
टेक्नीशियन के मुताबिक जिसने इस कोठी में सीसीटीवी लगाए, उसने बताया की छांगुर बाबा ने महल के सिर्फ एक हिस्से में कैमरा लगवाया । और इसके लिए उसने ₹3 लाख से अधिक का भुगतान किया। उसने पूरा घर नहीं दिखाया ,किंतु अंदर की सजावट महल से काम नहीं थी।
कोठी के अंदर फ्लैट की तरह 2BHK स्टाइल में कमरे बने हुए थे ।जिसमें आलीशान बेड, किचन और अन्य लग्जरी सारी सुविधाएं मौजूद थी। वहां उर्दू में लिखी हुई कुछ किताबों के अलावा कलावा भी मिला। जिसका मकसद शायद धर्मांतरण करने के दौरान झांसा देने के लिए ,फंसाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
इसके अलावा छांगुर बाबा के पास विदेशी नस्ल के कुत्ते भी थे। जिसमें जर्मन शेफर्ड ,ब्लैक डॉग और बुलडॉग थे ।इसके अलावा घोड़े के लिए एक मार्बल से सजा हुआ अस्तबल भी था। बलरामपुर के अलावा लखनऊ में भी उसकी आलीशान हवेली थी। जहां कई विदेशी प्रोडक्ट के साथ सीक्रेट सीसीटीवी कैमरे भी लगे थे।
सीसीटीवी कैमरे बंद ना हो इसके लिए लगाया पावर प्लांट:
छांगुर बाबा के बलरामपुर स्थित आलीशान कोठी में सीसीटीवी कैमरा बंद ना हो, इसके लिए छांगुर बाबा ने पूरा पावर प्लांट लगा रखा था ।
यह पावर प्लांट बड़े स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया था और इसके लिए बहुत सारी बैटरी लगाई गई थी छत पर दर्जनों सोलर पैनल लगे थे।
अवध धर्मांतरण का रैकेट चलाने वाले जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की आलीशान कोठी पर बुलडोजर एक्शन के बाद इस महल नुमा कोठी के अंदर के राज उजागर हुए।
छांगुर बाबा का राज कैसे हुआ उजागर:
एटीएस से मिली जानकारी के अनुसार छांगुर बाबा ने लगभग डेढ़ हजार महिलाओं और लड़कियों का धर्मांतरण करवाया था।
कैसे आए गिरफ्त में:
स्थानीय लोगों के अनुसार ठाकुर बाबा साइकिल से नग और अंगूठी बेचने का काम करते थे ।कई साल तक काम करने के बाद वो मुंबई गया और मुंबई से आने के बाद उसका उसका रहन-सहन सब कुछ बदल चुका था और उसने अपने आप को पीर घोषित कर दिया। कस्बे के चांद औलिया दरगाह के बाद पास उसने अपनी एक बैठक बनाई थी । वहीं पर लोगों का आना-जाना था । साल 2020 के बाद उसने गाड़ी वगैरह खरीदना शुरू किया। वर्तमान में उसकी जिस कोठी को गिराया गया है, उसके निर्माण को लेकर छांगुर बाबा का विवाद शुरू हुआ था । पैसों को लेकर विवाद बढ़ा और दोनों के बीच झगड़ा हुआ। स्थानीय निवासी अमन रिजवी के अनुसार छांगुर बाबा के सहयोगी बब्बू चौधरी ने एक साल पहले उनके खिलाफ अवैध धर्मांतरण की शिकायत की थी । इस शिकायत के बाद कई संगठन ने ,प्रशासन से कार्रवाई की मांग की थी। छांगुर बाबा के खिलाफ थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया गया था।।
धर्मांतरण करना राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होना जैसे आरोप में जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा पर उत्तर प्रदेश एटीएस द्वारा शिकंजा करता जा रहा है छांगुर बाबा के अलावा उसके सहयोगियों की संपत्ति पर भी बुलडोजर चला है। जब से जांच शुरू हुई है तब से उसके खिलाफ नए-नए मामले सामने आ रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी जमालुद्दीन पर कहा कि उसके गिरोह से जुड़े सभी अपराधियों की संपत्तियां जब्त की जाएगी और सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।