उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफा के बाद NDA का सियासी गणित

23 जुलाई 2025: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक से दिए इस्तीफा के बाद नए उपराष्ट्रपति पर अटकलें का बाजार गर्म है। सरकार ने कहा है कि इस पद को जल्द भरा जाएगा । किंतु संविधान में कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है। जगदीप धनखड़ ने मानसून सत्र के पहले ही दिन स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया और द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया।

उपराष्ट्रपति के इस्तीफा देने के बाद अब उपसभापति हरिवंश राज्यसभा के कार्यवाहक सभापति के रूप में कार्य भार संभालेंगे। उपराष्ट्रपति का मुख्य कार्य राज्यसभा का संचालन करना होता है ।

कल मंगलवार को हरिवंश जी ने संसद के सत्र के अध्यक्षता की और नए उपराष्ट्रपति चुने जाने तक वे इस पद पर कार्य करेंगे ।

नया उपराष्ट्रपति कौन होगा?

नए उपराष्ट्रपति के नाम पर अटकलें का बाजार गर्म है । सूत्रों का कहना है उपराष्ट्रपति का पद ऐसे व्यक्ति को दिया जा सकता है जो राज्यसभा के संचालन में कुशल हो और जिसे संसदीय का कार्यकाल का पुराना अनुभव हो। जगदीप धनखड़ इससे पहले बंगाल के राज्यपाल रह चुके हैं। ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि जिस तरह से बंगाल के राज्यपाल के पद से धनखड़ को उपराष्ट्रपति बनाया गया , क्या इस तरह से किसी राज्यपाल को उपराष्ट्रपति का पद दिया जाएगा या फिर कोई और चौकाने वाला चेहरा इस पद के लिए दावेदार हो सकता है।

इसके अलावा यह भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि जब धनखड़ को उपराष्ट्रपति बनाया गया था, तब राजस्थान में चुनाव थे और जगदीप धनखड़ राजस्थान से आते हैं। ऐसा माना जा रहा था कि जाट वर्ग को साधने के लिए जगदीप धनखड़ को यह पद दिया गया था । ऐसी स्थिति देखते हुए अब बिहार, उत्तर प्रदेश और बंगाल जैसे राज्यों में चुनाव है। तो क्या इस प्रदेश के प्रभावी नेता को इस पद के लिए मौका दिया जा सकता है।

निर्वाचन आयोग का कहना:

वही निर्वाचन आयोग उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए कभी भी अधिसूचना जारी कर सकता है ।निर्वाचन आयोग का कहना है कि 30 दिन के भीतर मतदान करना अनिवार्य होता है। इसलिए उपराष्ट्रपति का चुनाव जल्द करना जरूरी है।

भाजपा की रणनीति:

जगदीप धनखड़ के इस्तीफा के बाद एनडीए इस पद पर किसी ऐसे नेता को बैठना चाहेगी ,जो राज्यसभा का संचालन करने में कुशल हो और जिसे संसदीय कामकाज का पुराना अनुभव हो। उपराष्ट्रपति के चुनाव होने तक राज्यसभा का संचालन उपसभापति हरिवंश करेंगे। जो झारखंड के रहने वाले हैं। झारखंड एक ऐसा राज्य है, जो इसके पहले बिहार का हिस्सा था। अगले कुछ महीनो में बिहार में चुनाव है। चुनावी नजरिये से उपसभापति हरिवंश का सदन की कार्यवाही को चलाना एनडीए के लिए फायदेमंद हो सकता है ।

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