कौन हैं निर्मल चौधरी? जिन्हें छुड़ाने राहुल गांधी ने दिल्ली से भेजे वकील

जयपुर। आखिर कौन हैं, निर्मल चौधरी? जो इन दिनों भारतीय राजनीति खासकर राजस्थान की पॉलिटिक्स का चर्चित नाम बन गए हैं। कुछ दिनों में उनकी गिरफ्तारी और फिर जमानत के मामले ने उन्हें चर्चा में ला दिया है। साथ ही जिन्हें छुड़ाने के लिए खुद राहुल गांधी ने वकीलों की टीम दिल्ली से राजस्थान पहुंचाई थी। आइए जानते हैं, सिलसिलेवार तरीके से …

दरअसल, शनिवार को जयपुर के गांधी नगर थाना पुलिस ने निर्मल चौधरी को एग्जाम सेंटर से बाहर अरेस्ट कर लिया था।दरअसल, निर्मल चौधरी राजस्थान यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष हैं। इसके बाद पूरे प्रदेश के कार्यकर्ता उनकी गिरफ्तारी के विरोध में उतर आए थे। हालांकि रविवार को उनको कोर्ट से जमानत मिल गई। बता दें, साधरण रास्ते से राजनीति की राह पर पहचान बनाने वाले निर्मल ने साल 2022 में छात्रसंघ का चुनाव लड़ा। ये चुनाव उन्होंने बिना किसी पार्टी सिंबल पर न लड़कर बतौर निर्दलीय कैंडिडेट लड़ा। इस चुनाव में उनकी जीत ने पूरे राजस्थान की राजनीति को चौंका दिया था।

मूलत: नागौर के छोटे से गांव धमणिया के रहने वाले निर्मल चौधरी साधरण परिवार में जन्में। उनके पिता दयालराम चौधरी पेशें से सरकार टीचर हैं। उनकी माता का नाम रूपादेवी है।

कैसे जीता चुनाव: दरअसल, बात साल 2022 की है। निर्मल चौधरी सक्रिय राजनीति में होकर NSUI के टिकट की आस लगाए बैठे थे। लेकिन जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो उन्होंने निर्दलीय ही इस चुनाव में ताल ठोक दी थी। उनका मुकाबला NSUI की रितु बराला, ABVP के नरेंद्र यादव और एनएसयूआई की बागी मंत्री की बेटी निहारिका मीणा से था। लेकिन सभी अनुमानों पर पानी फेरते हुए निर्मल चौधरी को इस चुनाव ने राजनीति का चमकता हुआ चेहरा बना दिया था।

पहली बार कब आए सुर्खियों में?: साल 2023 के एक थप्पड़ मामले में निर्मल चौधरी ने उनको सुर्खियों में ला दिया था। हुआ यूं था कि महरानी कॉलेज के एक कल्चर इंवेंट में उस समय के महासचिव अरविंद जाजड़ा ने थप्पड़ जड़ दिया था। इसके बाद गजेंद्र सिंह शेखावत मंच पर ही थे। इस ही विवाद के बाद तब प्रदेश की सियासत गरमा गई थी।

गिरफ्तारी से जमानत तक की पूरी कहानी: एमए दर्शन शास्त्र के चौथे सेमेस्टर के छात्र निर्मल चौधरी को पुलिस उस वक्त गिरफ्तार किया, जब वह अपना एग्जाम देकर लौट रहे थे। वे जैसे ही सेंटर से बाहर निकले पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया। उनपर साल 2022 में शासकीय काम में बाधा डालने और सरकारी कर्मचारी से मारपीट और तोड़फोड़ करने का आरोप था। पूरा मामला गांधी नगर थाने में दर्ज किया गया था।

जैसे ही उनकी गिरफ्तारी की खबर दिल्ली आलाकमान तक पहुंची, तो एडवोकेट विमल त्यागी को दिल्ली से भेजा गया। कोर्ट से बाहर निकलते ही राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी का निर्मल ने धन्यवाद दिया। इसके अलावा वे सबसे पहले संगरिया से कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया के घर भी पहुंचे। उन्होंने मीडिया को बताया, “हर अत्याचार और अन्याय की उम्र बहुत छोटी है। मुझे न्यायपालिका पर पूरा विश्वास था। मैं भगत सिंह का अनुसरण करता हूं, मेरा हौसला कभी भी टूट नहीं सकता है।”

उन्होंने बताया कि रात भर डंडे के दम पर उन्हें टॉर्चर किया गया। पुलिस ने मेरी बहनों और पूरे परिवार को जेल के अंदर डालने की धमकी दी थी। मैं डरने वाला नहीं हूं। इसके अलावा उन्होंने बताया कि निर्मल जोधपुर के रेजिडेंट डॉ. राकेश विश्नोई के सुसाइड के बाद संवाई मानसिंह हॉस्पिचल की मोर्चरी के बाद धऱने के दौरान चर्चा में थे। उन्होंने इस दौरान पुलिस से बदसलूकी भी की थी।

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