अपहरणकर्ताओं ने व्यापारी को अगवा कर 1 करोड़ रुपये की मांगी फिरौती

इंस्टाग्राम से रची साजिश

लखनऊ पुलिस ने बंगलोर निवासी मंजूनाथ को सकुशल बरामद कर लिया है। लखनऊ पहुंचे मंजूनाथ का शकुंतला यूनिवर्सिटी के पास से अपहरण हो गया था। आरोपियों ने एक करोड़ की फिरौती मांगी थी। इस सनसनीखेज घटना का पुलिस ने खुलासा करते हुए मंजूनाथ को बरामद कर लिया है। इस मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार हुए हैं।
यूपी की राजधानी लखनऊ में बीते दिनों बेंगलुरु निवासी मंजूनाथ का शकुंतला यूनिवर्सिटी के पास से अपहरण कर लिया गया था। मंजूनाथ का अपहरण कर अपहरणकर्ताओं ने पीड़ित के परिजनों से 1 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी। फिरौती की रकम न भेजने पर मंजूनाथ की गोली मारकर हत्या करने की धमकी भी दी थी। सनसनीखेज वारदात का संज्ञान मिलते ही लखनऊ पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी थी। पुलिस इस मामले में हर बिंदु पर जांच कर ही रही थी, तभी मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने मंजूनाथ और उसके एक दोस्त को सकुशल बरामद कर लिया है।
पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए इस मामले में शामिल तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। तीनों आरोपी लखनऊ के पारा क्षेत्र के रहने वाले हैं। बता दें, पीड़ित मंजूनाथ इंस्टाग्राम एकांउट के जरिए आरोपियों के संपर्क में आ गया था। वही दरअसल लखनऊ पुलिस को 24 मार्च को बेंगलुरु निवासी सैयद दानिश ने ईमेल के जरिये अपने दोस्त मंजूनाथ के लापता होने की सूचना दी थी। दानिश ने बताया कि उसका दोस्त मंजूनाथ 22 मार्च से लापता है। बताया कि मंजूनाथ व्यावसायिक काम के सिलसिले से सुबह बेंगलुरु से इंडिगो फ्लाइट के जरिये लखनऊ गया था। मंजूनाथ ने अपनी पत्नी को वीडियो कॉल के जरिये लखनऊ पहुंचने की जानकारी दी थी।
मेल के जरिये दानिश ने बताया कि उसके दोस्त लोहित बीजी के पास एक अज्ञात नंबर से धमकी भरा फोन आया था। फोन करने वाले कॉलर ने मंजूनाथ के अपहरण की बात कहकर एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी।

दानिश ने पुलिस को बताया कि कॉलर ने धमकाते हुए कहा कि अगर रुपये नहीं दिए तो मंजूनाथ को गोली मार देंगे। वहीं दानिश की शिकायत पर पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सरोजनीनगर थाने में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। पुलिस ने मंजूनाथ की बरामदगी और अपहरणकर्ताओं की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की थी। जांच के दौरान पुलिस ने एयरपोर्ट पर लगे सीसीटीवी फुटेज चेक किये थे।
एयरपोर्ट से लेकर होटल मैरिएट तक चेकिंग भी किया, क्योंकि मंजूनाथ होटल मैरिएट में रुके थे। इसी बीच पुलिस को मुखबिर से इनपुट मिला। पुलिस टीम ने इनपुट पर कार्रवाई करते हुए आरोपी आकाश यादव, प्रदीप पाल और आदर्श दुबे को गिरफ्तार कर लिया है। इन सभी आरोपियों को आउटर रिंग रोड़ के सर्विस रोड़ पर रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे से 24 मार्च को गिरफ्तार किया है। इनके पास से एक अवैध तमंचा, जिंदा कारतूस, 8 मोबाइल फोन और एक बिना नंबर प्लेट की कार बरामद हुई है।
इस मामले में डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल ने बताया कि बेंगलुरु के रहने वाले मंजूनाथ अपने व्यवसाय के चलते इंडिगो फ्लाइट से लखनऊ आए थे। इसके साथ ही लखनऊ में एक होटल में चेकिन करने के बाद उन्होंने अपनी पत्नी को लखनऊ पहुंचने की जानकारी दी थी। डीसीपी ने बताया कि इसके कुछ समय बाद मंजूनाथ ने फिर अपनी पत्नी को कॉल कर एक करोड़ रुपये काम के सिलसिले में ट्रांसफर करने के लिए कहा था।
इस पर उसकी पत्नी को शक हो गया था, क्योंकि अक्सर मंजूनाथ अपनी पत्नी से कन्नड़ में बात करते थे, लेकिन उस समय हिंदी में बात की थी। डीसीपी ने बताया कि इस सूचना पर पुलिस टीम गठित की गई थी। डीसीपी ने बताया जांच के दौरान आज जब क्रॉसिंग के पास निशान मैग्नाइट नाम की कंपनी की गाड़ी को रोका गया तो उस गाड़ी से मंजूनाथ और उनके एक दोस्त को सकुशल बरामद किया गया है। साथ ही तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है।

डीसीपी साउथ ने बताया कि मंजूनाथ इंटग्राम पर साई हवाला ट्रेडर्स नाम के हैंडल के जरिये इन आरोपियों के संपर्क में आए थे। इन आरोपियों ने उस पेज के जरिए मंजूनाथ को लालच दिया था। डीसीपी के मुताबिक, आरोपियों ने मंजूनाथ को ऑफर दिया था कि अगर वो मंजूनाथ को कुछ करोड़ रुपये कैश दे दें और उस पैसे को मंजूनाथ एकाउंट में लेकर उनके आरोपियों द्वारा बताए गए एकांउट में भेज देगा तो वो मंजूनाथ को उस रकम का 5 प्रतिशत कमीशन देंगे।
आरोपियों के इसी लालच में आकर मंजूनाथ कैश पैसा लेने के लिए बेंगलुरु से लखनऊ पहुंचा था। वही मंजूनाथ ने अपने कानपुर के रहने वाले दोस्त सैयद असर अहमद को भी बुला लिया था। मंजूनाथ जैसे ही कैश लेने के लिए शकुंतला यूनिवर्सिटी के पास पहुंचा तभी आरोपियों ने मंजूनाथ को बंधक बना लिया गया था। आरोपियों ने मंजूनाथ से एक करोड़ की मांग कर लिए फोन कराया था। वहीं आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि पारा निवासी विवेक यादव ने भी इस घटना में आरोपियों का साथ दिया था। विवेक मौके से फरार हो गया है।
जांच में सामने आया कि आरोपी इंस्ट्राग्राम पर नाम के पेज के जरिये लोगों से बातकर उन्हें अपने जाल में फंसाते थे। इन्होंने इसके लिए फर्जी नाम और एड्रेस लगाकर एक सिम ले रखा था। ये लोग भोलेभाले लोगों को ये कहकर झांसा देते थे कि उनके पास कई ऐसी पार्टियां हैं, जिनके पास बड़ी संख्या में दो नंबर का कैश है। अगर आप उस कैश को अपने खाते में जमा कर लें और फिर हमारे बताये गए खाते में पैसा ट्रांसफर देंगे तो आपको 10 प्रतिशत कमीशन मिलेगा। आरोपी यहां तक कह देते थे कि आप कमीशन का पैसा काटकर बाकी पैसा हमें भेज दीजिएगा। इन बातों में आकर लोग उनके जाल में फंस जाते थे।
आरोपी कैश देने की बात कहकर लोगों को अपने बताये गए पते पर बुला लेते थे। फिर असलहा दिखाकर उन्हें धमकाकर उनका अपहरण कर लेते थे। अपहरण करने के बाद पीड़ित के फोन से उसके परिजनों को नंबर लेकर अपहरण की बात बताकर परिजनों से फिरौती मांग लेते थे, उस फिरौती के पैसे को आरोपी अपने गैंग के सदस्यों के खाते में ट्रांसफर करा लेते थे।

फिरौती का पैसा लेने के बाद पीड़ित को छोड़कर फरार हो जाते थे। आरोपी इस घटना को अंजाम देने के लिए बिना नंबर प्लेट की गाड़ी का इस्तेमाल करते थे। आरोपियों ने बताया कि ये लोग आपस में क्रिकेट खेला करते थे, ये सभी आरोपियों के घर आस-पास ही है, जिससे ये लोग एक-दूसरे को जानते हैं।

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