उत्तर प्रदेश की योगी कैबिनेट ने लिया महत्त्वपूर्ण फैसला, बाहर होंगे चलन से 5630 करोड़ रुपये के स्टांप पेपर

कैबिनेट ने बंद कताई मिलों की जमीन पर नए उद्योग लगाने की योजना को दी मंज़ूरी।

योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने 5630 करोड़ के स्टांप पेपर को चलन से बाहर करने का फैसला लिया है। ई-स्टांप को मंजूरी दिए जाने के बाद इस संबंध में निर्णय लिया गया। कैबिनेट की बैठक में 19 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इसमें गेहूं की एमएसपी बढ़ाने पर भी निर्णय हुआ।
उत्तर प्रदेश में विभिन्न जिलों के कोषागारों में रखे गए 5630 करोड़ रुपये के स्टांप पेपर 1 अप्रैल से रद्दी में बदल जाएंगे। सरकार ने १० हज़ार से २५ हज़ार रुपये के स्टांप पेपर को चलन से बाहर करने का फैसला लिया है। इन स्टांप पेपर की वैधता इस साल 31 मार्च तक की रहेगी। सोमवार को सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में कुल 19 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई।

कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि स्टांप पेपर को लेकर हुई गड़बड़ियों एवं शिकायतों को दूर करने के लिए यह फैसला लिया गया है। प्रदेश में ई स्टांप की व्यवस्था लागू की जा चुकी है। इसलिए, बड़े मूल्य के भौतिक स्टांप पेपर खत्म किए जा रहे हैं।
कैबिनेट ने रबी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए गेहूं का समर्थन मूल्य 2,425 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया है।इसके साथ ही केंद्र ने भी यही एमएसपी तय किया था। पिछले वर्ष के मुकाबले यह 150 रुपये प्रति क्विंटल ज्यादा है। 6500 केंद्रों पर 17 मार्च से 15 जून तक खरीद की जाएगी। किसानों, बंटाईदारों के अलावा ट्रस्ट से भी इस बार गेहूं खरीदा जा सकेगा।
उत्तर प्रदेश में 17 स्मार्ट सिटी विकसित की जा रही हैं। इसके साथ ही इसमें 10 का चयन केंद्र सरकार ने किया था, जबकि 7 का विकास राज्य स्मार्ट सिटी मिशन योजना के तहत हो रहा है। इसमें गाजियाबाद, मेरठ, फिरोजाबाद, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन, शाहजहांपुर और गोरखपुर शामिल हैं। इन सातों नगर निगमों में राज्य स्मार्ट सिटी योजना का दो साल के लिए विस्तार करने का फैसला किया गया है।

डिफेंस कॉरिडोर के लखनऊ नोड में डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्कीम विकसित की जाएगी। इसके जरिए नोड में कॉमन टेस्टिंग फैसिलिटी सेंटर स्थापित होगा। इसका उपयोग यहां स्थापित रक्षा इकाइयों अपने उत्पादों के परीक्षण एवं सर्टिफिकेशन के लिए करेंगी। कैबिनेट ने इसके लिए 0.8 हेक्टेयर भूमि नि:शुल्क हस्तांतरित करने को मंजूरी दे दी है।
सहकारी कताई मिल्स संघ लिमिटेड कानपुर की बंद पड़ी कताई मिलों की 451.20 एकड़ भूमि यूपी स्टेट इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट अथॉरिटी को दी जाएगी,इसके साथ ही जिससे इस पर नए उद्योग स्थापित हो सकें। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। हस्तांतरित भूमि में सीतापुर के महमूदाबाद की 71.02 एकड़, फतेहपुर की 55.31 एकड़, प्रयागराज की मऊआइमा की 85.24 एकड़, गाजीपुर के बहादुरगंज की 78.92 एकड़, फर्रुखाबाद की कंपिल की 82.15 एकड़ और बुलंदशहर की 78.56 एकड़ जमीन शामिल है। ये इकाइयां दो दशकों से बंद पड़ी हैं।
कैबिनेट ने भिन्न भिन्न जिलों में मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, अस्पतालों के विस्तार के लिए जमीन व बजट की किल्लत दूर कर दी है। बलिया में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए कारागार विभाग की 14.05 एकड़ जमीन चिकित्सा शिक्षा विभाग को दी जाएगी। इसमें 12.39 एकड़ भूमि पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण होगा। जबकि शेष लगभग 2 एकड़ भूमि पर स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय चित्तू पांडेय की मूर्ति स्थित है, उसके सौंदर्यीकरण का निर्णय लिया गया है।

मेडिकल कॉलेज का नामकरण भी चित्तू पांडेय के नाम पर होगा। वहीं, बुलंदशहर में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना के लिए राजकीय कृषि विद्यालय के नाम दर्ज 4570 वर्ग मीटर भूमि नि:शुल्क दी जाएगी। इससे नर्सिंग कॉलेज के निर्माण का रास्ता साफ हो गया।
इटावा के सैफई में स्थित पीजीआई में 300 बेड ऑब्स ऐंड गायनी ब्लॉक के निर्माण के लिए प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति दी गई है। इसमें 100 बेड का पीडियाट्रिक ब्लॉक भी शामिल है।

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