
राहुल गांधी की रैली से पहले PM मोदी का दौरा, जानें क्या है दोनों दलों का मास्टर प्लान
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य तनाव और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बिहार अब एक हॉट पॉलिटिकल बैटलग्राउंड बनने जा रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों ही अगले कुछ दिनों में बिहार में अपनी सियासी ताकत दिखाने के लिए मैदान में उतरने वाले हैं। जहां राहुल गांधी 14 मई को पटना में एक विशाल रैली को संबोधित करेंगे, वहीं PM मोदी भी जल्द ही बिहार का दौरा करने वाले हैं। दोनों दलों ने इस मौके को भुनाने के लिए अपने-अपने सियासी प्लान तैयार कर लिए हैं। आइए, जानते हैं कि बिहार में यह सियासी जंग कैसे आकार ले रही है।
बिहार में सियासत की
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय वायुसेना की उस सैन्य कार्रवाई का नाम है, जिसमें 6-7 मई 2025 की रात को पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया28 मई को हुए हमले में कई आतंकी शिविर नष्ट किए गए। भारत ने इसे आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक कदम बताया, जबकि पाकिस्तान ने इसे उकसावे की कार्रवाई करार दिया। इस कार्रवाई के बाद भारत में राष्ट्रवादी भावनाएं चरम पर हैं, और बिहार जैसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील राज्य में यह मुद्दा सियासी रंग ले रहा है।
राहुल गांधी का बिहार दौरा: कांग्रेस का मास्टर प्लान
कांग्रेस नेता राहुल गांधी 14 मई को पटना के गांधी मैदान में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। सूत्रों के अनुसार, राहुल इस रैली में केंद्र की BJP सरकार पर जमकर निशाना साधेंगे। उनके भाषण का मुख्य फोकस होगा:
आर्थिक संकट:
बिहार में बेरोजगारी और महंगाई को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना।
किसान और युवा:
राहुल किसानों की समस्याओं और युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों की कमी पर जोर देंगे।
राष्ट्रीय सुरक्षा:
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कांग्रेस का रुख संतुलित होगा। जहां वे सैन्य कार्रवाई का समर्थन करेंगे, वहीं सरकार की कूटनीतिक रणनीति पर सवाल उठाएंगे।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी बिहार में विपक्षी गठबंधन (INDIA) को मजबूत करने का प्रयास करेंगे। RJD नेता तेजस्वी यादव और अन्य सहयोगी दलों के नेताओं के साथ उनकी बैठक भी प्रस्तावित है। इसका लक्ष्य 2025 के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों के लिए एकजुटता दिखाना है।
राष्ट्रवाद और विकास का एजेंडा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जल्द ही बिहार का दौरा करने वाले हैं। BJP सूत्रों के अनुसार, PM मोदी की रैलियों में ऑपरेशन सिंदूर को केंद्र में रखा जाएगा। उनके भाषण के प्रमुख बिंदु होंगे:
राष्ट्रीय सुरक्षा:
ऑपरेशन सिंदूर को आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत इच्छाशक्ति का प्रतीक बताया जाएगा।
विकास परियोजनाएं:
बिहार में केंद्र सरकार की योजनाओं, जैसे स्मार्ट सिटी, बुलेट ट्रेन कॉरिडोर और गंगा सफाई परियोजना को हाइलाइट किया जाएगा।
विपक्ष पर हमला:
कांग्रेस और RJD पर “राष्ट्रविरोधी” बयानबाजी का आरोप लगाकर BJP जनता की भावनाओं को भुनाने की कोशिश करेगी।
BJP ने बिहार में अपनी संगठनात्मक ताकत को और मजबूत करने के लिए कई रणनीतियां बनाई हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं को गांव-गांव तक ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का प्रचार करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, JDU के साथ गठबंधन को और पुख्ता करने की कोशिशें तेज हो गई हैं।
राजनीतिक महत्व
बिहार में 40 लोकसभा और 243 विधानसभा सीटें हैं, जो इसे राष्ट्रीय और राज्य स्तर की राजनीति में अहम बनाती हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों में NDA ने बिहार में 39 सीटें जीती थीं, जबकि 2020 के विधानसभा चुनावों में NDA ने RJD-कांग्रेस गठबंधन को कड़ी टक्कर दी थी। ऐसे में, दोनों पक्ष 2025 के विधानसभा चुनावों को लेकर अभी से कमर कस रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर ने बिहार की जनता में राष्ट्रवादी भावनाओं को और हवा दी है, जिसे BJP अपने पक्ष में मोड़ना चाहती है, जबकि कांग्रेस इसे आर्थिक और सामाजिक मुद्दों से जोड़कर जनता का ध्यान खींचने की कोशिश कर रही है।
जनता की राय
सोशल मीडिया पर ऑपरेशन सिंदूर और बिहार की सियासत को लेकर बहस छिड़ी हुई है। कुछ यूजर्स BJP के राष्ट्रवादी एजेंडे की तारीफ कर रहे हैं, तो कुछ कांग्रेस के आर्थिक मुद्दों को उठाने के पक्ष में हैं। एक यूजर ने लिखा, “राहुल गांधी को बिहार में बेरोजगारी पर बात करनी चाहिए, न कि सिर्फ मोदी की आलोचना।” वहीं, एक अन्य यूजर ने कहा, “मोदी जी का दौरा बिहार में NDA की जीत सुनिश्चित करेगा। ऑपरेशन सिंदूर ने दिखाया कि भारत अब कमजोर नहीं है।”
सियासी रणनीति पर नजर
राजनीतिक विश्लेषक प्रो. नवीन कुमार का कहना है, “बिहार में ऑपरेशन सिंदूर का असर साफ दिख रहा है। BJP इसे राष्ट्रवाद से जोड़ेगी, जबकि कांग्रेस सामाजिक-आर्थिक मुद्दों को हवा देगी। राहुल गांधी की रैली और मोदी का दौरा दोनों ही बिहार के सियासी माहौल को गर्माएंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि JDU और RJD जैसे क्षेत्रीय दलों की भूमिका इस जंग में निर्णायक होगी।
2025 का रास्ता
राहुल गांधी और PM मोदी के दौरे बिहार में सियासी पारा बढ़ाने वाले हैं। जहां BJP ऑपरेशन सिंदूर को अपनी उपलब्धि के रूप में पेश करेगी, वहीं कांग्रेस इसे महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों से जोड़कर जनता का समर्थन हासिल करने की कोशिश करेगी। बिहार की जनता, जो हमेशा से सियासी रूप से जागरूक रही है, इन रैलियों को ध्यान से देखेगी। यह सियासी जंग न केवल 2025 के विधानसभा चुनावों की दिशा तय करेगी, बल्कि 2029 के लोकसभा चुनावों की जमीन भी तैयार करेगी।
बिहार में सियासत का नया अध्याय
ऑपरेशन सिंदूर ने बिहार को एक बार फिर सियासी सुर्खियों में ला दिया है। राहुल गांधी और PM मोदी के दौरे इस बात का संकेत हैं कि बिहार अब केवल एक राज्य नहीं, बल्कि भारत की राष्ट्रीय राजनीति का केंद्र बन चुका है। दोनों दलों की रणनीतियां, जनता की प्रतिक्रियाएं और क्षेत्रीय दलों की भूमिका इस सियासी जंग को और रोमांचक बनाएंगे। बिहार की जनता से अपील है कि वे इन सियासी संदेशों को गंभीरता से लें और अपने वोट की ताकत से भविष्य को आकार दें।