वसूली करने वाले प्राइवेट स्कूल पर कलेक्टर ने दागा निशाना

मनमानी करने पर 200000 का ठोका जुर्माना

मध्य प्रदेश के सतना जिले में कलेक्टर सतीश कुमार एस ने प्राइवेट स्कूल द्वारा अभिभावकों से मनमानी वसूली करने वाले एक प्राइवेट स्कूल पर बड़ी कार्रवाई की है। कलेक्टर ने शहर के नामचीन प्राइवेट विद्यालय नन्ही दुनिया इंटरनेशनल स्कूल पर 2 लाख का जुर्माना ठोका है। साथ ही सात दिन के अंदर यह राशि जमा करने का आदेश दिया गया है। इस कार्यवाही के बाद से प्राइवेट स्कूल संचालकों में हड़कंप मच गया है।
कलेक्टर ने पुस्तकें और गणवेश एक स्थान से खरीदने की बाध्यता पर प्राइवेट स्कूल नन्ही दुनिया इंटरनेशनल स्कूल बगहा कोठी रोड को 2 लाख रुपए का जुर्माना ठोंका है। कलेक्टर ने शिकायत की जांच के बाद मध्यप्रदेश निजी विद्यालय फीस एवं अन्य संबंधित विषयों का विनियमन 2017 और 2020 की धारा 6 के विपरीत कृत्य करने पर संबंधित स्कूल पर अधिनियम की धारा 9 के तहत प्रथम बार में 2 लाख रुपए के अर्थ दंड से दंडित किया है।
स्कूल के खिलाफ शिकायत प्राप्त हुई थी कि संस्था द्वारा स्कूल से ही किताबें-ड्रेस लेने हेतु छात्रों एवं उनके अभिवावकों को बाध्य किया जाता है। जो अभिभावक इससे मना करते हैं, संस्था द्वारा उन बच्चों को परेशान किया जाता है। संस्था में एनसीआरटी की पुस्तकों के अलावा स्वतंत्र प्रकाशकों की पुस्तकें चलाई जाती हैं। जिससे अभिभावकों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ पड़ता है। अंकसूची देने के लिए भी राशि ली जाती है, लेकिन इसकी रसीद नहीं दी जाती है।

वहीं, कलेक्टर को शिकायत प्राप्त होने पर जिला शिक्षा अधिकारी सतना द्वारा संस्था का निरीक्षण कर शिकायत की जांच की गई। उसमें पाया गया कि संस्था द्वारा सत्र 2024-25 और सत्र 2025-26 के पत्रक के बिना सक्षम समिति के अनुमोदन के कक्षा नर्सरी से कक्षा 4 तक की शुल्क वृद्धि 20 प्रतिशत, कक्षा 5 में लगभग 15 प्रतिशत और कक्षा 7 एवं 8 में 20 प्रतिशत वृद्धि नियमों के विपरीत की गई है।
निरीक्षण के दौरान उपस्थित स्टाफ ने बताया कि स्कूल ड्रेस और पुस्तकें माही साइबर एवं स्टेशनरी नामक प्रतिष्ठान राजेन्द्र गली नम्बर 3 से प्राप्त करने के लिए अभिभावकों को कहा जाता है। इस संस्थान का कार्ड भी संस्था में काफी मात्रा में रखे पाये गये है। संस्था द्वारा एनसीआरटी के अतिरिक्त स्वतंत्र प्रकाशकों की पुस्तकें नर्सरी कक्षाओं के अलावा अन्य कक्षाओं में भी अधिनियम की धारा 6 कण्डिका के विपरीत चलाई जा रही हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी ने संस्था की सुनवाई और बचाव का नैसर्गिक अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से कारण बताओ। जिसके उत्तर में समाधानकारक तथ्य नहीं पाये गये। कलेक्टर ने प्रथम बार दो लाख, वहीं दूसरी बार जारी करने पर 4 लाख रूपये की सजा और इसके आगे के आदेशों पर 6 लाख रूपये तक की सजा अधिरोपित करने के प्रावधान हैं।

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