
मुंबई। कुणाल कामरा विवाद के बीच शिवसेना यूबीटी के मुखपत्र सामना में एक लेख लिखकर महाराष्ट्र सरकार और शिवसेना पर भी निशाना साधा गया है। लेख में पीएम मोदी की हालिया टिप्पणी का हवाला भी दिया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि आलोचना, लोकतंत्र की भी आत्मा है।
कुणाल कामरा विवाद में शिवसेना यूबीटी ने अपने मुखपत्र सामना में एक लेख लिखकर पीएम मोदी की एक टिप्पणी का उल्लेख करते हुए एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना पर भी निशाना साधा। लेख में लिखा गया है कि जब पीएम मोदी ने कहा है कि ‘आलोचना, लोकतंत्र की आत्मा है’ तो फिर शिवसेना ने कुणाल कामरा के व्यंग्य पर इतनी आक्रामक प्रतिक्रिया भी क्यों दी? गौरतलब है कि साल 2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में बंटवारा भी हुआ और इसके चलते उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार भी गिर गई थी। इसके बाद एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर राज्य में सरकार भी बना ली थी।
घटना से पूरा महाराष्ट्र भी शर्मिंदा हुआ
सामना में लिखे लेख के अनुसार, ‘महाराष्ट्र के 40 विधायकों ने टूटकर राज्य में संविधान के बाहर जाकर सरकार भी बनाई थी। इस मामले की खूब चर्चा भी हुई और यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था। खोखे के नारे खूब चले। कुणाल कामरा ने सिर्फ एक पैरोडी गाना गाकर उसे याद भी दिलाया, इसमें नया तो कुछ भी नहीं? सामना ने भी लिखा कि ‘यह नई बोतल में पुरानी शराब जैसा भी है। इसके बावजूद डिप्टी सीएम के समर्थकों ने रविवार को मुंबई के स्टूडियो में तोड़फोड़ भी की। लेख के अनुसार, इस घटना से न सिर्फ शिंदे बल्कि पूरा महाराष्ट्र शर्मिंदा भी हुआ है, लेकिन भाजपा और फडणवीस शांति से तमाशा भी देख रहे हैं।
सामना के लेख में भी लिखा गया है कि ‘पीएम मोदी ने हाल ही में एक पॉडकास्ट के दौरान भी कहा था कि आलोचना, लोकतंत्र की भी आत्मा है। इसके बावजूद मोदी समर्थक शिंदे ग्रुप ने एक स्टूडियों पर हमला भी किया। यह बोलने की आजादी पर भी हमला है। कुणाल कामरा को जान से मारने की धमकी भी दी जा रही हैं, इससे महाराष्ट्र की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल भी खड़े होते हैं। उस वक्त महाराष्ट्र के गृह मंत्री (फडणवीस) क्या कर रहे थे? जब मुंबई में ये हंगामा हुआ, उस वक्त पुलिस भी कहां थी? क्या वे चुपचाप दर्शक भी बने हुए थे?’ लेख में भी बताया गया है कि जैसे ही शिंदे समर्थकों ने स्टूडियो में भी तोड़फोड़ की, वैसे ही मुंबई नगर पालिका ने तुरंत बुलडोजर कार्रवाई भी कर दी। महाराष्ट्र में बेहद खराब स्थिति में भी है।
‘फडणवीस कमजोर गृह मंत्री’
लेख में महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस पर भी निशाना साधा गया। लेख में फडणवीस को कमजोर गृह मंत्री भी बताया गया और लिखा है कि जिन लोगों ने स्टूडियो में तोड़फोड़ की, उनके खिलाफ कार्रवाई के बजाय फडणवीस ने कामरा को ही शिंदे से माफी मांगने की भी सलाह दे डाली। लेख में भी कहा गया है कि ‘शिंदे के समर्थकों ने कुणाल कामरा पर भी निशाना साधा, लेकिन प्रशांत कोराटकर के मुद्दे पर वे शांत रहे, जबकि उन्होंने शिवाजी महाराज और उनके बेटे को बदनाम भी किया था। क्या भाजपा ने कोराटकर को शिवाजी महाराज के अपमान को लेकर बोलने की आजादी भी दी हुई है?’