राम मंदिर पर खालिस्तानी आतंकी की धमकी: 16-17 नवंबर को हमले का अलर्ट

अयोध्या के राम मंदिर में आगामी 22 जनवरी 2024 को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा का समारोह पूरे देश में उत्साह का विषय है। लेकिन हाल ही में खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू की धमकी से माहौल में खलबली मच गई है। पन्नू ने 16-17 नवंबर को अयोध्या में खून-खराबे की धमकी दी है। इस बयान से सुरक्षा एजेंसियां और प्रशासनिक अधिकारी सतर्क हो गए हैं, और अब शहर में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।

धमकी का विवरण और आतंकवादी मंसूबे

गुरपतवंत सिंह पन्नू ने वीडियो और ऑडियो संदेशों के माध्यम से यह चेतावनी दी है कि राम मंदिर में होने वाले कार्यक्रम में हिंसा फैलाई जाएगी। उसने दावा किया कि अयोध्या में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए दो खालिस्तानी समर्थकों के खिलाफ पुलिस ने साजिश की है। पन्नू ने यह भी कहा कि खालिस्तान समर्थक “अयोध्या की नींव हिला देंगे” और अपने समर्थकों से व्यापक हिंसा का आह्वान किया।

अयोध्या में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

धमकी को देखते हुए अयोध्या में सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विशेष बैठक करके सुरक्षा की समीक्षा की और हर तरह की चुनौती से निपटने की तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और खुफिया एजेंसियों ने अयोध्या में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए हैं। सीसीटीवी कैमरों की निगरानी बढ़ा दी गई है, और संवेदनशील इलाकों में विशेष बलों को अलर्ट पर रखा गया है।

प्रशासन और जनता के लिए विशेष निर्देश

अयोध्या के स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी जरूरी उपकरण और बल तैयार रखे गए हैं। साथ ही, खुफिया विभाग ने किसी भी संभावित खतरे को निष्क्रिय करने के लिए अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं।

खालिस्तानी आतंकवाद की पृष्ठभूमि

गुरपतवंत सिंह पन्नू और उसका संगठन सिख फॉर जस्टिस लंबे समय से भारत में खालिस्तान आंदोलन को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है। अमेरिका में स्थित यह संगठन भारत के कई हिस्सों में अशांति फैलाने के लिए जिम्मेदार रहा है। पन्नू ने इससे पहले भी कई भड़काऊ बयान दिए हैं, जिसमें उसने भारत के कई बड़े नेताओं और संस्थानों को निशाना बनाया है। हाल ही में, पन्नू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इजरायल-हमास संघर्ष से सीख लेने की धमकी दी थी, और यह बयान भारत के लिए गंभीर चिंता का विषय बना।

सुरक्षा एजेंसियों की रणनीति और सरकार का कड़ा रुख

भारत सरकार ने आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और अन्य सुरक्षा एजेंसियां पन्नू और उसके संगठन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही हैं। हाल के दिनों में, कई खालिस्तानी समर्थकों की संपत्तियों को भी जब्त किया गया है। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि कोई भी बाहरी तत्व भारत की सुरक्षा और संप्रभुता को चुनौती नहीं दे सकता।

राम मंदिर का आयोजन धार्मिक और राष्ट्रीय महत्व का है। खालिस्तानी आतंकी पन्नू की धमकी भारतीय लोकतंत्र और सांप्रदायिक सौहार्द्र को कमजोर करने का प्रयास है, जिसे सुरक्षा बल हर हाल में विफल करेंगे। प्रशासनिक और सुरक्षा एजेंसियां इस चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, और अयोध्या को एक अभेद्य दुर्ग में तब्दील किया जा रहा है। जनता से यह अपील है कि वे शांति बनाए रखें और अफवाहों पर ध्यान न दें। सरकार और सुरक्षा एजेंसियां हर परिस्थिति का सामना करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।

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