
संघ का बुलावा आया है तो चर्चा तो होगी ..आखिर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने पीएम मोदी को क्यों बुलाया.. ये तैरता सवाल सबकी जिज्ञासा का कारण बना हुआ है…और अपने अपने तरीके से तर्क दिए जा रहे हैं….जानकार बताते हैं संघ और भाजपा के रिश्तों को समझना काफी मुश्किल है.. संघ कभी भाजपा से नाराज दिखाई देती है तो कभी किसी हेडमास्टर की तरह प्यार से पुचकारती भी है…दरअसल एक खबर निकल कर आ रही है कि पीएम नरेंद्र मोदी ….प्रधानमंमत्री बनने के बाद पहली बार संघ के मुख्यालय जा रहे हैं… बताया जा रहा है कि 30 मार्च को गुड़ी पड़वा के दिन पीएम मोदी संघ के दूसरे सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर के नाम पर बनने वाले नेत्र अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र की नींव रखेंगे… लेकिन जैसे ही खबर सामने आई वैसे ही लोगो की खासकर सीनीयर पत्रकारों की अलग-अलग राय सामने आने लगी…सवाल उठने लगे कि क्या भाजपा में कुछ बड़ा बदलाव होने वाला है..क्या पीएम मोदी के अलावा भी भाजपा और संघ मिलकर कोई नया विकल्प तलाश रहे हैं…या फिर जो थोड़े-बहुत रिश्ते तल्ख हुए थे उनमें फिर से मिठास घोलने का प्रयास होगी ये मुलाकात… पीएम मोदी को संघ की अक्सर तारीफ करते देखा गया है…इधर लेक्स फ्रीडमैन के साथ पीएम का पॉडकास्ट चर्चा में है जिसमें पीएम ने हर एक मुद्दों पर जवाब दिए …एक सवाल संघ से भी जुड़ा रहा… पीएम मोदी ने संघ पर कहा कि संघ ने राष्ट्रवाद और देश के लिए काम करने की क्षमता उनके अंदर विकसित की है…यानी पीएम मोदी ने खुले आम संघ के कार्यों की सराहना की है….और अपने व्यक्तित्व के पीछे संघ का ही हाथ बताया….अब अगर थोड़ा टाइमलाइन में पीछे जाएं तो लोकसभा चुनाव में बीजेपी की फजीहत के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी मणिपुर के हालात पर चिंता जताई थी, जिसमें निशाने पर प्रधानमंत्री ही थे… उन्होंने तंज कसा था कि जनता का फैसला सामने है जनता ने काम के आधार पर अपना चुनाव कर लिया है एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने उनके बयान का स्वागत किया था…
दूसरा जेपी नड्डा का बयान जहन में आता है नड्डा ने कहा था कि भाजपा अब INDIVIDUAL है और उसे संघ की जरूरत नहीं है…इसे लेकर खूब आलोचना भी हई….विरोधियों ने घेरा औऱ माना जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में संघ की निष्क्रियता के पीछे नड्डा का बयान रहा….अब अगर इन दोनों बयानों को देखें यानि पीएम के औऱ राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के ….तो पता चलता है कि पहले तो भाजपा ने संघ से पल्ला झाड़ने की कोशिश की थी….अपनी योजनाओं में संघ का दखल रास नहीं आ रहा था…लेकिन जब लोकसभा चुनाव में सीटें कम आईं तो शायद भाजपा को एक बार फिर संघ की याद आई औऱ समझ आ गया कि संघ भाजपा संगठन का अहम हिस्सा है…इससे अलग होकर रास्ता सफलता नहीं दिला पायेगा…हालांकि संघ और बीजेपी के चुछ लोगों से मैं बात की थी तो उन्होंने इस बात को सिरे से नकार दिया ..कहा हम साथ साथ हैं….पहले भी थे …अब भी हैं…. सूत्र तो ये भी बताते हैं कि भाजपा ने संघ से लंबी और सार्तक बातचीत की जिसके बाद चुनावों के जो परिणाम आ रहे हैं वो इस जुगल जोड़ी का परिणाम हैं….जो सब के सामने ही हैं…यानी महाराष्ट्र,हरियाणा और यूपी के उपचुनाव…अब अगर दूसरा पक्ष देखें तो सवाल ये भी हैं कि क्या भाजपा पीएम मोदी के अलावा किसी और विकल्प की तलाश में है…आखिर मोदी पीएम कब तक रहेंगे….तो इस बात का जवाब भी साफ है कि पीएम मोदी का ये आख़िरी TENURE हो सकता है क्योंकि पीएम मोदी की उम्र 74 साल की हो चुकी है और ये उनका तीसरा कार्यकाल है..अब भलें ही पीएम मोदी का कार्यकाल कितना भी अच्छा क्यो ना रहा हो लेकिन हर किसी के रिटायरमेंट का समय आता है…यानी अब उनका विकल्प भी खोजा जा सकता है… गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोहन भागवत की मुलाकात ऐसे समय में होने जा रही है जब संघ की 21 से 23 मार्च के बीच होने वाली प्रतिनिधि सभा की बैठक संपन्न हो चुकी होगी… इस बैठक में इस साल विजयादशमी के दिन अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरा करने वाला संघ शताब्दी वर्ष की कार्ययोजना की तैयारी करेगी… इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के साथ धर्मांतरण, जनसंख्या नीति जैसे अहम मुद्दों पर सरकार कार्ययोजना तैयार कर रही है…आपको बता दूं ऐसा पहली बार नहीं कि संघ का न्योता पहली बार पीएम के लिए आया हो…. साल 2023 में नागपुर में राष्ट्रीय केंद्रीय संस्थान का उद्घाटन के लिए भी पीएम मोदी जाने वाले थे… कार्यक्रम की रूपरेखा में था कि पीएम को संघ प्रमुख के साथ मंच साझा करना था… हालांकि 27 अप्रैल के इस कार्यक्रम में पीएम मोदी नहीं जा पाए थे वजह थी कर्नाटक विधानसभा चुनाव की बड़ी व्यस्तता… तब उनकी जगह गृह मंत्री अमित शाह को भेजने की योजना बनीथी…वो भी नहीं पहुंच पाये फिर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और संघ प्रमुख भागवत ने एनआईसी का उद्घाटन किया था… हालांकि संघ और पीएम मोदी की नजदीकियां किसी से छिपी नहीं है. बावजूद इसके कम ही देखने को मिलता है जब से नरेंद्र मोदी पीएम बने हैं कि वे संघ के किसी कार्यक्रम में शामिल हुए हों. बहरलाल पीएम मोदी का ये दौरा काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है ,…यह संघ के शताब्दी वर्ष में इस मुलाकात से कई फैसले निकलकर आयेंगे….जिसका इंतजार सत्ता पक्ष सत्ता विरोधी औऱ देश की जनता को भी है…..इस विश्लेषण पर आपकी क्या राय है हमें जरूर बताइयेगा…