एमपी हाई कोर्ट ने मुस्लिम व्यक्ति की याचिका ख़ारिज

धर्म के नाम पर स्थानांतरण का निर्मुल आरोप

मौसम विभाग में सहायक कंट्रोलर नसीमुद्दीन का ट्रांसफर छिंदवाड़ा में हुआ है लेकिन उन्होंने ट्रांसफर के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम होने की वजह से उनका ट्रांसफर हुआ है। कोर्ट ने उनके आरोपों को निराधार पाया गया और याचिका खारिज कर दी गयी।

मौसम विभाग के सहायक कंट्रोलर नसीमुद्दीन ने हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। वही उन्होंने अपने ट्रांसफर को चुनौती दी थी। कोर्ट ने अब उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया है। कोर्ट ने बताया कि उनके आरोप निराधार हैं। नसीमुद्दीन का ट्रांसफर छिंदवाड़ा किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि वह मुस्लिम हैं, इसलिए उनका ट्रांसफर किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी के एक स्थानीय नेता के कहने पर यह ट्रांसफर किया गया है।

इस मामले में कोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी की। कोर्ट ने बताया कि अगर इस तरह के निराधार आरोपों को मान लिया जाता है, तो प्रशासनिक काम करना मुश्किल हो जाएगा। कोई भी अधिकारी किसी भी ट्रांसफर को सांप्रदायिक रंग दे सकता है। इससे सरकार का काम करना मुश्किल हो जाएगा। नसीमुद्दीन ने अपनी याचिका में कहा था कि उन्हें दुर्भावना से रतलाम से इतनी दूर ट्रांसफर किया गया है। उन्होंने एक दस्तावेज का हवाला देते हुए कहा कि उसमें उनका और चार अन्य मुस्लिम व्यक्तियों का नाम है, जिन्हें ट्रांसफर करने की सिफारिश की गई थी।

इस मामले में सरकारी वकील ने कहा कि याचिका धर्म का लाभ उठाने के इरादे से दायर की गई है। उन्होंने कहा कि ट्रांसफर के आदेश को सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे निराधार आरोपों को स्वीकार किया जाता है, तो प्रशासनिक आदेशों के क्रियान्वयन में गंभीर समस्याएं आएंगी। कोर्ट ने कहा कि अगर मुस्लिम समुदाय का कोई अधिकारी अपने गैर-मुस्लिम अधीनस्थों का ट्रांसफर करता है, तो उस पर भी सांप्रदायिक पूर्वाग्रह का आरोप लग सकता है। इससे राज्य मशीनरी पूरी तरह से विफल हो सकती है।

कोर्ट ने यह भी कहा कि रिकॉर्ड के मुताबिक, नसीमुद्दीन को 22 अक्टूबर 2024 को विधिक माप विज्ञान नियंत्रक द्वारा उप नियंत्रक, विधिक माप विज्ञान इंदौर का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया था। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि सरकार ने दुर्भावना से उनका ट्रांसफर किया है।

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