
नई दिल्ली l 27 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाले लोकपाल ने अपने आदेश में कहा है कि लोकपाल एक्ट के तहत उच्च न्यायालय के न्यायाधीश भी लोकपाल के अधिकार क्षेत्र में भी आते हैं। लोकपाल ने यह टिप्पणी एक शिकायत पर सुनवाई भी करते हुए की है।
उच्च न्यायालय के जज के खिलाफ शिकायत पर लोकपाल के सुनवाई करने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान भी लिया है। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले पर 15 अप्रैल को सुनवाई भी करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार को इस मामले में न्यायमित्र नियुक्त भी किया है। इससे पहली सुनवाई में जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस अभय ओक की पीठ ने सुनवाई के दौरान लोकपाल के उच्च न्यायालय के जज के खिलाफ शिकायत सुनने पर नाराजगी भी जताई और इसे बेहद परेशान करने वाली बात भी बताई। पीठ ने उन न्यायाधीश के नाम का खुलासा करने पर भी रोक भी लगा दी है, जिनके खिलाफ लोकपाल ने शिकायत भी सुनी।
क्या है इसका पूरा मामला
दरअसल बीती 27 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाले लोकपाल ने अपने आदेश में भी कहा है कि लोकपाल एक्ट के तहत उच्च न्यायालय के न्यायाधीश भी लोकपाल के अधिकार क्षेत्र में भी आते हैं। लोकपाल ने यह टिप्पणी एक शिकायत पर सुनवाई भी करते हुए की। शिकायत में आरोप भी लगाया गया है कि एक निजी कंपनी से जुड़े मामले में उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश ने अतिरिक्त जिला जज और एक अन्य उच्च न्यायालय के जज को प्रभावित करने की कोशिश भी की। लोकपाल ने देश के मुख्य न्यायाधीश से इसे स्पष्ट करने की मांग भी की थी।