मोहन यादव की दो विदेश यात्राओं पर 180000000 करोड़ रुपए हुए खर्च

CM ने लिखित में दिया जवाब

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने नवंबर 2024 और जनवरी 2025 के बीच दो विदेशी यात्राएं कीं, जिनकी लागत 18 करोड़ रुपये से अधिक थी। उन्होंने निवेशकों के साथ इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किए और निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए। यह यात्राएं ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 के लिए की गई थीं, जिसमें 26.61 लाख करोड़ रुपये का प्रस्तावित निवेश प्राप्त हुआ।

मुख्यमंत्री मोहन यादव की दो विदेश यात्राओं पर 18 करोड़ रुपये से ज़्यादा का खर्च आया। यह जानकारी सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में दी। कांग्रेस MLA पंकज उपाध्याय ने इस बारे में सवाल पूछा था। मुख्यमंत्री यादव, जो उद्योग नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख भी हैं, ने लिखित में इसका जवाब दिया।
जवाब के अनुसार, मुख्यमंत्री यादव 24 से 30 नवंबर 2024 के बीच यूके और जर्मनी गए थे। वहां उन्होंने निवेशकों के साथ बातचीत की। इस यात्रा का अस्थायी खर्च 10 करोड़ रुपये से ज़्यादा था। उनकी दूसरी यात्रा 27 जनवरी से 1 फरवरी तक जापान की थी। इस पर 7 करोड़ रुपये से ज़्यादा खर्च हुए। दोनों यात्राओं का कुल खर्च 18 करोड़ रुपये से ज़्यादा था।
सरकार ने बताया कि यात्राओं के लिए 12 करोड़ रुपये से ज़्यादा एडवांस में दिए गए थे। मुख्यमंत्री की इन दो विदेश यात्राओं का मकसद ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 को सफल बनाना था। यह समिट भोपाल में 24 और 25 फरवरी को हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया था।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने नवंबर 2024 से जनवरी 2025 के बीच यूके, जर्मनी और जापान की यात्राएं कीं। इन यात्राओं का मकसद प्रदेश में निवेश लाना था। इन यात्राओं पर कुल 18 करोड़ रुपये से ज़्यादा का खर्च आया। यात्राओं के दौरान निवेशकों और उद्योगपतियों के साथ बैठकें हुईं। निवेशकों से निवेश के प्रस्ताव भी मिले। जवाब में यह भी बताया गया कि जर्मनी और यूके की यात्रा में मुख्यमंत्री के साथ 15 लोग गए थे। जापान की यात्रा में 12 लोग साथ थे। इनमें एक पत्रकार, एक वीडियो पत्रकार, MPIDC के सलाहकार, MPIDC के नॉलेज पार्टनर, IAS अधिकारी और अन्य सरकारी अधिकारी शामिल थे।
यूके और जर्मनी से लौटने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा था कि उनकी यात्रा बहुत सफल रही। उन्होंने कहा था कि इस यात्रा से लगभग 78,000 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। इसी तरह, जापान से लौटने के बाद मुख्यमंत्री ने बताया कि जापान-मध्य प्रदेश औद्योगिक सहयोग मंच बनाने का प्रस्ताव मंजूर हो गया है। इससे मध्य प्रदेश में जापानी इंडस्ट्रियल पार्क, स्किल डेवलपमेंट सेंटर और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग हब बनेंगे। इसके अलावा, जापानी निवेशकों के साथ लगातार संपर्क बनाए रखने के लिए एक जापान प्लस सेल भी बनाया जाएगा।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बाद मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि दो दिन का GIS राज्य की तरक्की में एक सुनहरा अध्याय था। सरकार ने बताया कि GIS में 26.61 लाख करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं।

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